Rajlaxmi samachar patra

Rajlaxmi samachar patra समय से समय पहले समय को जानें
मिले पंच. अजय कुमार तैलंग ज्योतिषाचार्य
9412178130

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गणेश चतुर्थी आज दिव्य मुहूर्त दोपहर ११ बजे ०३ मिनट से ...आभार -अमर उजाला
07/09/2024

गणेश चतुर्थी आज
दिव्य मुहूर्त दोपहर ११ बजे ०३ मिनट से ...
आभार -अमर उजाला

गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा कैसे करें? जानें पूजाविधि, भोग और चंद्रदर्शन हो जाए तो क्या करें मथुरा -  पंचांग के अनुसा...
06/09/2024

गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा कैसे करें? जानें पूजाविधि, भोग और चंद्रदर्शन हो जाए तो क्या करें
मथुरा - पंचांग के अनुसार, इस साल 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन गणेशजी की पूजा-आराधना का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इससे भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। सनातन धर्म में हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। यह गणेशजी की पूजा-आराधना और उनकी कृपा पाने के लिए विशेष दिन होता है। पंडित अजय कुमार तैलंग ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल 07 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी के दिन चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। गणेश चतुर्थी तिथि का आरंभ 06 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन दोपहर 01 बजकर 34 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। 07 सितंबर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। आइए जानते हैं वैभव जगताप द्वारा लिखी गई पुस्तक "गणेश चतुर्थी" गणपति बप्पा को प्रसन्न करने की सरल पूजाविधि...गणेश चतुर्थी के दिन व्रती को सुबह उठकर सफेद तिल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का मध्याह यानी की दोपहर में जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन दोपहर में गणेश जी की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। पूजा के लिए अपने क्षमतानुसार चांदी, सोने या मिट्टी की मूर्ति को स्थापित करें। अब पूजा के शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें। हाथ में पाश और अंकुश धारण करें।
सिद्धविनायक गणपति बप्पा का ध्यान करें। एकाग्रचित होकर पूजन करें।
गणेशजी को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करवाएं। आवाहन करने के बाद गणेशजी को दो लाल वस्त्र अर्पित करें।

गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा कैसे करें? जानें पूजाविधि, भोग और चंद्रदर्शन हो जाए तो क्या करें सनातन धर्म में हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। यह गणेशजी की पूजा-आराधना और उनकी कृपा पाने के लिए विशेष दिन होता है। इस साल 07 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी के दिन चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। गणेश चतुर्थी तिथि का आरंभ 06 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन दोपहर 01 बजकर 34 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। 07 सितंबर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। आइए जानते हैं वैभव जगताप द्वारा लिखी गई पुस्तक "गणेश चतुर्थी" गणपति बप्पा को प्रसन्न करने
गणेश चतुर्थी के दिन व्रती को सुबह उठकर सफेद तिल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का मध्याह यानी की दोपहर में जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन दोपहर में गणेश जी की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है।पूजा के लिए अपने क्षमतानुसार चांदी, सोने या मिट्टी की मूर्ति को स्थापित करें। अब पूजा के शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें। हाथ में पाश और अंकुश धारण करें। सिद्धविनायक गणपति बप्पा का ध्यान करें। एकाग्रचित होकर पूजन करें।
गणेशजी को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करवाएं।
आवाहन करने के बाद गणेशजी को दो लाल वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद श्रद्धाभाव से गणेशजी इत्र,फल,पान,फूल,धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
फिर गणेशजी को 21 दूब अर्पित करें। इसके बाद अक्षत के साथ दो-दो दूब लेकर उनके प्रत्येक नाम का उचारण करते हुए अलग-अलग नामों से दूब अर्पित करें।
अब गणेश जी को गुड़-धनिया का भोग लगाएं। इसके बाद शुद्ध घी से निर्मित 21 लड्डू अर्पित करें।
पूजा के बाद 10 लड्डू को ब्राह्मण को दान कर दें और 10 लड्डू प्रसाद के रूप में रख लें और शेष लड्ड को गणेशजी के समक्ष नैवेद्य के रूप में रखा रहने दें। अगर संभव हो, तो इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं।
गणेश चतुर्थी के दिन मूंगफली, वनस्पति इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन क्यों नहीं करना चाहिए?
मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष को गणेश चतुर्थी की पूजा शिवलोक में हुई थी। इस दिन स्नान, दान और व्रत-पूजन के कार्य बेहद शुभ फलदायी माने गए हैं। इस विशेष दिन चंद्रदर्शन वर्जित माना गया है। कहा जाता है कि सिंह राशि की संक्रान्ति में, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रदर्शन करने से (चोरी,व्याभिचार, हत्या आदि)से मिथ्या कलंकित होना पड़ता है। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन की मनाही होती है।

5251 वां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव कार्यक्रम सम्पन्न
25/08/2024

5251 वां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव कार्यक्रम सम्पन्न

Breaking news -लेह लद्दाख में सुबह सुबह भूकंप के झटके, 4.5 रही भूकंप की तीव्रता।भारत के लेह-लद्दाख इलाके में मंगलवार सुब...
26/12/2023

Breaking news -लेह लद्दाख में सुबह सुबह भूकंप के झटके, 4.5 रही भूकंप की तीव्रता।

भारत के लेह-लद्दाख इलाके में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की की तीव्रता 4.5 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार इस भूकंप की गहराई धरती के नीचे पांच किलोमीटर थी।

વૈષ્ણવ સૃષ્ટિ માટે ગૌરવની વાત....આપણા સૌના તૃતીય પીઠાધીશ્વર કાંકરોલી નરેશ પ.પૂ.108  ગોસ્વામી ડો.વાગીશકુમાર મહારાજશ્રીની ...
26/12/2023

વૈષ્ણવ સૃષ્ટિ માટે ગૌરવની વાત....

આપણા સૌના તૃતીય
પીઠાધીશ્વર કાંકરોલી નરેશ પ.પૂ.108 ગોસ્વામી ડો.વાગીશકુમાર મહારાજશ્રીની કાર્ય પદ્ધતિ અને સમાજ પ્રત્યેની સમર્પણ ભાવનાને ધ્યાને લઈને " અટલ ઇન્ટરનેશનલ પુરસ્કાર 2023 " માટે આપવા માં આવેલ છે

04/12/2023

*गोस्वामी भट्ट तैलंग समाज विकास समिति, बीकानेर- जयपुर* के संयुक्त तत्वावधान में *दीपावली स्नेह मिलन एवं वरिष्ठजन सम्मान समारोह* का आयोजन सानंद संपन्न हुआ । जयपुर - 26 नवंबर को नहर के गणेश पर तैलंग समाज के परिजनों द्वारा दीपोत्सव मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के समस्त वर्गों का सहयोग और समर्थन-आशीर्वाद प्राप्त हुआ। 🌷🌷🌷🌷🌷शुभारंभ देवस्तुति,श्री गणेशपूजन,दीपप्राकट्य,तिलक,स्वस्तिवाचन, श्रीमती वीणाजी गोस्वामी द्वारा मधुराष्टकम् गान,राज्य स्तरीय अध्यक्ष श्री नीरजजी गोस्वामी और जयपुर शाखा अध्यक्ष श्री नटवरजी गोस्वामी के समाज विकास के लक्ष्यों पर उद्बोधन के साथ हुआ।
आयोजन समिति समस्त सजातीयों व आगन्तुक मातृशक्ति एवं महानुभावों का अपनी व कार्यकर्ताओं की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त करती है।🙏🙏🙏🙏इस स्नेह मिलन के कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठ जनों (महिलाओं व पुरूषों)को माला,इकलाई,श्रीफल,सम्मान पत्र,समाज शिरोमणि सम्मान प्रतीक पदक और पुस्तिका सादर भेंट द्वारा सम्मानित कर गोस्वामी भट्ट तैलंग समाज गौरवान्वित हुआ है ।
कार्यक्रम में जातीय जनों ने बड़ी संख्या में जयपुर,बीकानेर,नाथद्वारा-कांकरौली,कामॉं,गोकुल-मथुरा, अमदाबाद,भोपाल और महापुरा आदि से पधार कर पारस्परिक संपर्क-संबंध-सहयोग ,सांस्कृतिक उन्नयन एवं संगठन को सुदृढ़ बनाने पर बल दिया । सभा में पुष्टि धर्माचार्यों,जातीय वरिष्ठ जनों ,युवाओं-युवतियों यथा सुख्यात समाजसेवी, राष्ट्रपति सम्मानित विदुषी व अन्य विशिष्ट पुरस्कार प्राप्त, संगीतज्ञ,साहित्यकार, कवि,कलाविद , से०नि०न्यायाधीश ,डॉक्टर,इंजीनियर,शिक्षा /लेखा/वित्त/जनसंपर्क/उद्योग/पांडित्य /ज्योतिष/कम्प्यूटर एवं राजकीय सेवा और निजी सेवाओं/ उद्यमों इ० के पारंगत और बाल-वृद्ध जनों की गरिमामय उपस्थिति रही। विद्वानों व विदुषियों के प्रेरक संबोधन ,मेल -मिलाप और हर्षमय वातावरण से आयोजन में शोभाभिवृद्धि और उत्साह वृद्धि हुई ।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹इस आयोजन में श्री ओमप्रकाश जी गोस्वामी ,नरी, श्री सनत कुमार जी गोस्वामी उपाध्याय, श्री राधा कृष्ण जी गोस्वामी, श्री नीरज गोस्वामी जी (बीकानेर) ,श्रीनटवरजी गोस्वामी ,श्री बृजेश जी तैलंग , श्रीआलोकजी गोस्वामी, श्री हेमंत गोस्वामी जी, श्रीमती सुशीला जी शर्मा, डॉक्टर रचनाजी तैलंग, श्रीमती कृष्णा जी गोस्वामी, श्री योगेश जी रेही, श्री सतीश जी तैलंग , श्री प्रबोध जी गोस्वामी, जी गोपश जी भट्ट, श्री यदुनंदन जी गोस्वामी, श्री श्यामजी गोस्वामी, श्री चंचलजी गोस्वामी श्री केशवजी तैलंग , श्री किशोर कुमार जी भट्ट उपाध्याय और श्री वैभवजी तैलंग ने अत्यंत उत्साह पूर्वक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अथक मेहनत, लगन से अपना अभूतपूर्व सहयोग किया है। 🌺🌺🌺🌺🌺समाज सेवा के कार्य में वर्तमान परिस्थितियों की चुनौतियों में इनकी दूरदर्शिता, कार्य के प्रति समर्पण व अकल्पनीय योगदान सदैव ही स्मरणीय और वंदनीय है।
जातीय वरिष्ठजनों के अतिरिक्त बाहर से पधारे सभी पुष्टि धर्माचार्यों को समिति द्वारा सम्मानित करके आभार व्यक्त किया ।इसके लिये समाज तथा समिति गौरवान्वित हैं।
पंचम पीठाधीश्वर गो.श्री वल्लभ लालजी महाराज ,कामॉं/बीकानेर ने पधारकर समाज में आपसी समन्वय स्थापित करने और सजातीय कल्याण कार्यक्रमों के लिए यथा संभव योगदान देने और अपना सदैव सहयोग प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया। समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान होने पर उन्हें अपार हर्ष हुआ। समाज द्वारा सम्मान मिलने से उन्होंने अपार गौरव अनुभव किया।🙏उपस्थित जातीय परिवारों को आप द्वारा प्रदत्त श्रीचन्दबावा के चित्रजी,शालइकलाई व महाप्रसाद का लाभ प्राप्त हुआ ।
चतुर्थ पी० के गो. आदरणीया सौ०राजेश्वरीबहूजी एवं चतुर्थ पी० गोस्वामी श्री विट्ठलरायजी महाराज ने गोकुल से पधार कर आत्मीयता और आनन्द का अनुभव किया तथा भविष्य में ऐसे आयोजनों हेतु प्रोत्साहित किया ।श्रीमती कैलाशीदेवीजी गोस्वामी के वरिष्ठजन सम्मान के अतिरिक्त आप दोनों को सम्मानित कर समिति-समाज गौरवान्वित हैं ।
गोकुल से पधारे पुष्टि आचार्य गो.श्री पंकजकुमारजी महाराज , गोस्वामी श्री भूषणजी बावा, इनके पुत्र गो.चि०श्रीप्रत्ययबावा,गो. चि०श्रीअव्यय बावा का विधिवत सम्मान किया जिसके लिए समाज-समिति गौरवान्वित हैं ।इन्होंने
समाज को श्री महाप्रभुजी के बताए मार्ग ,धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं के महत्व के बारे में संबोधित किया।
धर्माचार्यों ,सौ०बहूजी- सौ०बेटीजीयों और जातीय परिवारों ने समारोह में उपस्थित हो कर शोभाभिवृद्धि की समिति-समाज उसका आभार प्रकट करते हैं ।

Rajlaxmi gems:-ज्योतिष शास्त्र की रत्‍न शास्‍त्र शाखा में तमाम ग्रह दोषों को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं।...
07/06/2023

Rajlaxmi gems:-
ज्योतिष शास्त्र की रत्‍न शास्‍त्र शाखा में तमाम ग्रह दोषों को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। ये रत्‍न, उपरत्‍न बहुत लाभ देते हैं और समस्‍यओं से निजात दिलाते हैं। आज हम नवरत्‍न अंगूठी के बारे में जानते हैं, जिसका रत्‍न शास्‍त्र में विशेष महत्‍व है। नवरत्‍न अंगूठी कई तरह के ग्रह दोष और नकारात्‍मकता दूर करती है. यह पर्सनालिटी को मजबूती देती है, यही वजह है कि कई बड़े राजनेता नवरत्‍न अंगूठी पहने रहते हैं।
नवरत्न लाकेट या अंगूठी हेतु सम्पर्क करें -9412178130

*|| श्रीद्वारकेशो जयति ||* *दिव्य जन्मदिन* **मीडिया कवरेज** *वडोदरा**दिनांक:२४:०५:२३ बुधवार* आज शुद्धाद्वैत तृतीय गृहाधि...
25/05/2023

*|| श्रीद्वारकेशो जयति ||*

*दिव्य जन्मदिन* *

*मीडिया कवरेज*

* *वडोदरा*

*दिनांक:२४:०५:२३ बुधवार*

आज शुद्धाद्वैत तृतीय गृहाधिश्वर
(पीठाधीश्वर) कांकरोली नरेश पूज्यपाद गोस्वामी १०८ श्री डॉ. वागिशकुमारजी महाराजश्री के जन्मदिन मीडिया कवरेज |

अक्षय तृतीया 22 या 23 अप्रैल कब? ज्योतिषाचार्य से जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्तमथुरा -  पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की स...
21/04/2023

अक्षय तृतीया 22 या 23 अप्रैल कब? ज्योतिषाचार्य से जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त
मथुरा - पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त।
अक्षय तृतीय पर्व पर स्नान दान और तप करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है। बता दें इस वर्ष अक्षय तृतीया की तिथि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं सही तिथि। मथुरा हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस विशेष दिन पर स्नान-दान, तप और भगवान विष्णु की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम और दशमहाविद्या की देवी भगवती राजराजेश्वरी मातंगी जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती और मातंगी जयंती मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। ऐसे में आचार्य पं. अजय कुमार तैलंग ज्योतिषाचार्य से जानते हैं, अक्षय तृतीया की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और खरीदारी का सही समय।
आचार्य तैलंग बताते हैं कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 22 अप्रैल 2023 सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 23 अप्रैल 2023 सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में अक्षय तृतीया की पूजा 22 अप्रैल को की जाएगी। पंचांग के अनुसार, पूजा मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट के बीच रहेगा। वहीं पवित्र स्नान ब्रह्म मुहूर्त में 23 अप्रैल 2023 को किया जाएगा। उसी दिन बललवकुल सम्प्रदाय के समस्त मंदिरों में भी जो वैशनव उदयात तिथि को मानते हैं वह सभी लोग श्रद्धा पूर्वक दान पुण्य 23 अप्रैल को करेंगे।
अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी 22 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 49 मिनट से अगले दिन 23 अप्रैल को सुबह 11-00 बजकर 48 मिनट के बीच किया जा सकेगा। मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और साधक की तिजोरी कभी खाली नहीं रहती है। आज ही के भगवान के केशर चंदन से अग्रवस्त्र रखें जाते । उन्हीं वस्त्रों को पहनाया जाता है । समस्त अंगों पर चंदन धराया जाता है ‌। आज के दिन बिहारी जी के चरणों के दर्शन भी होते हैं । आज के दिन सतयुग का आरंभ हुआ था । आज के दिन जल कुम्भ, पंखा, सतुआ, खरबूजा, आम, आदि सफेद चंदन, सोना आदि का दान किया जाता है।

*भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा भावांजलि*शुद्धाद्वैत  तृतीय गृहाधीश कांकरोली नरेश "ब्रह्मर्षि" प.पु....
11/03/2023

*भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा भावांजलि*

शुद्धाद्वैत तृतीय गृहाधीश कांकरोली नरेश "ब्रह्मर्षि" प.पु.गो १०८ श्रीव्रजेशकुमारजी महाराजश्री के नित्य लीला प्रवेश पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी द्वारा पूज्यश्रीको अत्यंत विरहानुभूति के साथ भावांजलि अपर्ण की।

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