21/09/2025
घोसी के सद्दोपुर प्राचीन शिव मंदिर घाट पर पितृ विसर्जन के दिन पितरों को किया गया याद, इस दौरान क्या बोले आचार्य राज कुमार मिश्र
घोसी ब्लॉक ग्रामीण क्षेत्रों व अन्य घाटों पर पितृ विसर्जन के दिन बड़ी संख्या में गांव के लोग इकट्ठा होकर अपने पूर्वजों व पितरों का श्राद्ध कर्म किए इसी के तहत सद्दोपुर के प्राचीन शिव मंदिर घाट पर पहुंच कर लोगों ने अपने पितरों का श्राद्ध कर्म किए। इस दौरान आचार्य राज कुमार मिश्र ने पूरा विद्ववत श्राद्ध कर्म वह पिंडदान कराएं इस दौरान आचार्य राज कुमार मिश्र ने बताया कि यह पितृ पक्ष 15 दोनों का अत्यंत महत्वपूर्ण होता है इस दौरान लोगों को अपने पितरों का सेवा करने का अवसर मिलता है इस दौरान 15 दिनों तक अच्छे भोजन बनाकर उनका भोग लगाना चाहिए और सुबह को अपने पितरों को स्नान करके जल देना चाहिए और अंतिम दिन पितृ विसर्जन के दिन श्राद्ध कर्म व पिण्ड दान करने के बाद ब्राह्मणों को दान पून्य करना चाहिए इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और अपने परिवार को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं यह पितृ पक्ष 7 सितंबर को शुरू हुआ था और 21 सितंबर को आज समाप्त हो रहा है 15 दिनों के अंदर हम लोगों पूर्वजों को याद करने का एक अवसर होता है जिसमें हम अपने पूर्वजों को याद करके उनको श्रद्धा भाव से उनका पिंडदान करते हैं वहीं पर पिंड दान करने आए लोगों ने बताया कि हम लोगों को अपने पूर्वजों को याद करने का यह 15 दिन महत्वपूर्ण होता है पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म दान पुण्य करने का अधिक महत्व होता है पितृ पक्ष में हम अपने पितरों को जल अर्पित करते हैं। इस दौरान हम लोगों को अपने पूर्वज आशीर्वाद भी देते हैं उन्हीं के आशीर्वाद से हम लोगों का घर परिवार सुख समृद्धि बना रहता है। पितृ पक्ष में पितरों की मृत्यु तिथि को उनका श्राद्ध किया जाता है इसमें देवताओं और मृतकों के नाम और गौत्र उच्चारण कर जल अर्पण किया जाता है।