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1 April

कान्ट्रा बाउचर इन्ट्री- (Contra Entries)आइये सीखते हैं कुछ अलग ढंग सेकान्ट्रा बाउचर इन्ट्री में सिर्फ तभी लेनदेन रिकार्ड...
27/08/2024

कान्ट्रा बाउचर इन्ट्री- (Contra Entries)

आइये सीखते हैं कुछ अलग ढंग से

कान्ट्रा बाउचर इन्ट्री में सिर्फ तभी लेनदेन रिकार्ड होगा जब उस लेनदेन से एक फंड से दूसरे फंड में राशि ट्रांसफर हो और उन सम्बन्धित फंड के बैलेश में इस लेनदेन से आपस में बदलाव तो हो परन्तु व्यापार के कुल फंड बैलेंस ( कैश और बैंक बैलेंश/बैंक सीसी ओडी लिमिट का कुल टोटल ) में कोई कमी/आधिक्य ना हो अर्थात वो ज्यों का त्यों बना रहे।

अपना उदाहरण- जैसे माना आपकी शर्ट में एक जेब (पाँकेट) हैं और पैंट में 2 आगे/साइड में जेब हैं और एक पीछे जेब है।

(जैसा चित्र में दिया गया है।)

1- शर्ट की जेब- व्यापार का कैश बैलेंस है। बैलेस रू 70000

2- पैंट की अगली 2 जेब - व्यापार का बैंक में करेंट (चालू) एकाउन्ट है। बैलेस रू कोटक बैंक 90,000/इंडियन बैंक 60,000

3- पैंट की पिछली जेब - बैंक की ओडी /सीसी लिमिट है। विदड्रा लिमिट रू 5,00,000 /2,00,000 है।

इस तरह कुल लाकर व्यापार के पास
कैश 70,000
कोटक बैंक 90,000
इंडियन बैंक 60,000
टोटल बैलेंश 2,20,000 रूपया है।

टोटल उपलब्ध लिमिट (ओडी/सीसी) 7,00,000 रूपया है।

अब आप शर्ट की जेब से (कैश से) 10,000 रूपया निकालकर पैंट के आगे के एक जेब (कोटक बैंक में) वो 10,000 रूपया डाल देते हैं तो शर्ट (कैश बैलेंश 10000 रूपया से घटकर (70000-10000) 60, 000 रह जायेगा वहीं पैंट की आगे की पहली जेब (कोटक में स 10,000 से बैलेंश बढ़कर 1,00,000 ( 90000+10000) हो जायेगा।

इस तरह अब उपरोक्त 10,000 रूपया के लेनदेन के पश्चात् कुल बैले अब भी व्यापार के पास
कैश 60,000
कोटक बैंक 1,00,000
इंडियन बैंक 60,000
टोटल 2,20,000 रूपया ही होगा जो पहले जैसा ही है परन्तु आपस में बैलेश चेंज हो जायेगा। और टोटल उपलब्ध लिमिट (ओडी/सीसी) 7,00,000 रूपया ही रहेगा।

अब इसे दूसरे तरीके से समझते हैं

माना एक क्षत्रिया भवन में पिता माँ 1 बहन 2 भाई कुल 5 लोग रहते है।

पिताजी (कैश) 1,00,000 रू

माताजी (कोटक बैंक) 1,50,000 रू

बहन (इंडियन बैंक) 40,000 रू

2 भाई ( ओडी /सीसी लिमिट) 250000/150000
कुल मिलाकर
अब पिताजी ने माताजी को 25000 रूपया दिया और माता जी ने बहन को 40000 रूपया दिया।

यहाँ फर दो लेनदेन है-

पहला पिताजी (कैश) द्वारा माताजी (कोटक बैंक) को 25000 रूपया देना। जो कैश टू बैंक है।

दूसरा माताजी (कोटक बैंक) द्वारा बहन (इंडियन) बैंक को 40000 देना। जो बैंक टू बैंक है।

पहले लेनदेन के बाद पिताजी (कैश) के पास 1,00,000- 25,000= 75,000 कैश बचेगा

वही माताजी का बैलेंश (कोटक) बढ़कर 1,50,000+25,000=1,75,000 हो जायेगा ।

दूसरे लेनदेन 40,000 जो माताजी (कोटक बैंक) ने बहन (इंडियन बैंक) को ट्रांसफर किया। इसके बाद माताजी (कोटक बैंक के पास 1,75,000-40,000=1,35,000 रूपया बचेगा

और बहन (इंडियन बैंक) के पास 80,000 (40,000+40,000) हो जायेगा।

भाइयों को ओडी/सीसी लिमिट जस का तस रहेगा और इस प्रकार दोनों लेनदेन के उपरान्त क्षत्रिया भवन की फंड बैलेस की स्धिति निम्न प्रकार होगी-

पिताजी (कैश बैलेंस) 75,000 रू

माताजी (कोटक बैंक बैलेस) 1,35,000 रू

बहन (इंडियन बैंक बैलेस ) 80,000 रू

टोटल फंड बैलेस 2,90,000 रू

भाइयों का (ओडी/सीसी) लिमिट 250000/150000 ही रहेगा। कहने का तात्पर्य यह है कि कान्ट्रा बाउचर की शर्त के अनुसार

अगर किसी लेनदेन से

1- व्यापार में आंतरिक लेजर्स में बदलाव हो परन्तु राशि व्यापार से बाहर ना जाये और

2- कुल फंड बैलेस ज्यों का त्यों बना रहे

तो ऐसी इंन्ट्री कान्ट्रा बाउचर के माध्यम से किया जायेगा।

उपरोक्त दोनों लेनदेन के बाद कान्ट्रा बाउचर की दोनों शर्ते पूरी हो रही है।

16/08/2024

जानिए पहले किसे मिलता है इनकम टैक्स रिफंड, कैसे चलती है प्रोसेस

IAT updates

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई निकल चुकी है और अब लोग रिफंड (ITR Refund) का इंतजार कर रहे हैं. कुछ लोगों को उनके रिफंड मिल भी गए हैं, लेकिन बहुत से लोग अभी भी रिफंड के इंतजार में हैं. रिफंड को लेकर हाल ही में निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी एक बड़ी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि पिछले 10 सालों में इनकम टैक्स (Income Tax) रिफंड प्रोसेस होने का वक्त तेजी से कम हो गया है.

पिछले ही हफ्ते वित्तत् मंत्री ने संसद में कहा था कि 2013-14 में इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस कर के रिफंड जारी करने में औसतन 93 दिन का वक्त लगता था. वहीं अगर अभी की बात करें तो साल 2023-24 में औसतन 10 दिन में लोगों को उनका रिफंड मिल जा रहा है. यहां एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या फिर रिफंड सिर्फ 10 दिन में प्रोसेस हो जाता है? आयकर विभाग की वेबसाइट पर तो लिखा है कि रिफंड आने में 4-5 हफ्ते लगते हैं.

हर आईटीआर नहीं होता 10 दिन में प्रोसेस
वित्त मंत्री ने ये साफ किया कि हर आईटीआर 10 दिन में प्रोसेस नहीं होता है. आईटीआर को प्रोसेस होने में औसतन 10 दिन का समय लगता है. किसी आईटीआर फॉर्म में जितनी ज्यादा कठिनाइयां होंगी, उसे प्रोसेस करने में उतना ही अधिक वक्त लगेगा. ITR-1 की तुलना में ITR-2 अधिक मुश्किल है और ITR-2 की तुलना में ITR-3 में दिक्कतें ज्यादा हैं. ऐसे में परेशानियों से हिसाब से आईटीआर प्रोसेसिंग टाइम बढ़ता चला जाएगा.

पहले किसे मिलता है रिफंड?

इनकम टैक्स के पूर्व चीफ कमिश्नर रामकृष्ण श्रीनिवासन के अनुसार सबसे पहले ITR-1 के रिफंड प्रोसेस किए जाते हैं. उसके बाद नंबर आता है ITR-2 का और फिर ITR-3 का. यानी जैसे-जैसे आईटीआर फॉर्म कठिन बनता जाता है, उसी तरह रिफंड को भी प्रोसेस किया जाता है. हालांकि, अगर आपने आईटीआर आखिरी तारीख पर या उसके बहुत पास आने पर भरा है, तो आपको रिफंड मिलने में देर हो सकती है. ITR-2 और ITR-3 के रिफंड, जिनमें कोई डिफेक्ट या दिक्कत ना हो, आपको वह मिलने में कुछ महीनों तक का वक्त लग सकता है.

14/08/2024

यह संदेश विशेष तौर पर उन अभिभावकों के लिए है जिनके बच्चे 17 वर्ष से 21 वर्ष तक के हैं।

बच्चों की यह उम्र बहुत ही संवेदनशील होती है। इस उम्र मे बच्चे दोस्त ज्यादा बनाते हैं और पिता से अमूमन फासला बनाने लगते हैं और माता से थोड़ी बहुत झूठ बोलते है।

इस उम्र मे चूँकि बच्चे के कैरियर का सबसे अहम् पड़ाव होता है क्योंकि इस उम्र में बच्चे लगभग हर कैरियर क्षेत्र में संभावनाओं के मुख्य द्वार को भेदने का प्रयत्न करता है। इसके लिए वह घर से बाहर जाकर विभिन्न कोचिंग संस्थानों में मँहगे फीस भी चुकाता है।।

किसी का बच्चा अगर 17 से 22 की उम्र में विभिन्न् प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे मेडिकल, इंजिनियरिंग, सीए/सीएस/सीएमए सिविल सर्विसेज, आईजीएल इत्यादि मे अच्छे से सीरीयस होकर व्यस्त है तब तो कोई चिंता की बात नहीं परन्तु परन्तु परन्तु

माता पिता ध्यान दें अगर आपका बच्चा 17 से 22 वर्ष की उम्र में खाली बैठा है या बिना क्लासरूम में बिजी रहे कोई साइड में गैर प्रोफेशनल कोर्स कर रहा है तो आपको डरने की जरूरत है क्यों-

इस उम्र में दोस्त बनते हैं दोस्त बने तो खर्च बढ़ता है और खाली बैठा है तो खाली दिमाग शैतान का वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है। इसलिए उसे रेगुलर इंगेज रखना माता पिता की जिम्मेदारी है।चाहे वो अपने हित में या समाज के या देश के हित में।

हमारी संस्था पिछले 12 साल से (04- जुलाई 2012) से इस प्रोफाइल पर कार्य कर रही है कि कोई भी बच्चा खाली ना बैठ पाये या गैर व्यावसायिक कोर्स के बाद बेरोजगार ना बैठे। इसके लिए हम मुख्यतया 3 स्टेज में कार्य करते हैं-

टेस्ट पेपर द्वारा कैरियर काउन्सिलिंग

बेसिक एकाउन्टिंग और इनकम टैक्स जीएसटी का प्रैक्टिकल (व्यापारिक माहौल) में ट्रेनिग जो ना केवल छोटे से लेकर बड़े इंडस्ट्रीज में नौकरी हेतु,

एकाउन्ट्स और जीएसटी और इनकम टैक्स में प्रैक्टिस करता है या

यदि खुद का व्यवसाय करता है तो भी इस ट्रेनिंग का महत्व बहुत ही ज्यादा है।


संक्षेप में उपरोक्त बातों का बताने का प्रयास यह है कि बच्चों को खाली ना बैठने दें अन्यथा गलत संगति बनते देर ना लगेगी।

अगर आपको लाइव विस्तृत जानकारी चाहिए तो अपना नंबर दें ।

14/08/2024

सभी लोगों को 'आई• ए• टी•' की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

28/05/2024

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