01/11/2025
सपा जिला कार्यालय पर हुई मासिक बैठक
- पदाधिकारीयों की दूरी गुटबाजी की और इशारा ?
मेरठ। शनिवार को समाजवादी पार्टी के मेरठ जिला कार्यालय पर जिला अध्यक्ष कर्मवीर सिंह गुमी की अध्यक्षता में मासिक मीटिंग/बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मंच का संचालन प्रदीप कसाना ने किया। बैठक में मौजूद पूर्व मंत्री विधायक शाहिद मंजूर, शहर विधायक रफीक अंसारी समेत अन्य वक्ताओं ने सभी कार्यकर्ताओं से आगामी एमएलसी स्नातक और एमएलसी शिक्षक चुनाव के लिए जल्द से जल्द वोट बनवाने की अपील करते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए जमीनी स्तर पर मेहनत कर पार्टी के द्वारा घोषित किए जाने वाले प्रत्याशियों को पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ा कर प्रदेश में सपा की सरकार बनाने का आवाहन किया। इस दौरान निर्मित यादव , हरिभूषण खटिक , जितेन्द्र गुर्जर, परविंदर इशू , हाजी जुल्फी , विजयपाल कश्यप, मृदुला यादव , संगीता राहुल ,शाहिद पहलवान, तस्सवर अली , सचिन गुर्जर , महाराज महलका, ओमप्रकाश खटीक, आसमोहम्मद, जयराज चपराना , पुष्पेंद्र कसाना , शमशुद्दीन , शशिकांत गौतम , गौरव गुर्जर , शेरा जाट, आदिल अंसारी , डा० नासिर सुल्तान , प्रवीण शर्मा , अजय अधाना,, ई० संदीप यादव , सुभाष यादव , डा० मोहसिन, आसमा चौधरी, शकीला, उर्मिला , प्रवीण चपराना , संदीप प्रधान , विजय राठी,शिवा राजपूत, एहतेशाम इलाही आदि समाजवादी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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पदाधिकारीयों की दूरी गुटबाजी की और इशारा ?
पूर्व जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी के कार्यकाल में सपा जिला कार्यालय पर होने वाली मीटिंगों व अन्य कार्यक्रमों में जिला कार्यालय की कुर्सियां अक्सर खाली नजर आया करती थीं। लेकिन कर्मवीर सिंह गुमी के जिला अध्यक्ष बनने के बाद से ही जिला कार्यालय का नज़ारा बदला और समाजवादियों का जमावड़ा फिर से जिला कार्यालय पर नज़र आना शुरू हो गया। लेकिन जिले में बैठे सपा के कुछ पदाधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें प्रदेश स्तर पर संगठन में जिम्मेदारी तो मिली हुई है, लेकिन जिला कार्यालय तक आने के लिए शायद उन्हें किसी विशेष बुलावे का इंतजार रहता है ? जिसमें प्रमुख नाम ठाकुर शशि पिंटू राणा का आता है, यह पिछले काफी समय से सपा संगठन में प्रदेश सचिव के पद पर नियुक्त हैं। वहीं दूसरा नाम हाल ही में प्रदेश सचिव बनकर आए विपिन चौधरी का आ गया है। जो नवागत जिला अध्यक्ष कर्मवीर सिंह गुमी के स्वागत कार्यक्रम से तो दूर ही रहे बल्कि उन्होंने भी जिला कार्यालय से दूरी बना ली है। वहीं जिला स्तर पर देखा जाए तो सपा के कई पूर्व पदाधिकारीयों ने भी जिला कार्यालय पर न पहुंचने का शायद एक नया तरीका ईजाद कर लिया है, जिनकी सोशल मीडिया पर पोस्ट दिखाई देती हैं कि बीमारी या अन्य कारणों के चलते वह संगठन को समय नहीं दे पा रहे हैं, जबकि ऐसे कई नाम इन्हीं लोगों में शामिल हैं, जो सोशल मीडिया पर एक दिन बीमार तो अगले ही दिन जिले के बाहर किसी दूसरे कार्यक्रम में नज़र आ जाते हैं। यह हालत उस समय है जब खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रदेश से भी दूर यानी की बिहार बंगाल जैसे राज्यों में जाकर मेहनत कर रहे हैं। उपरोक्त पदाधिकारी और पूर्व पदाधिकारीयों की सपा संगठन के प्रति कार्यशैली से अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद किसी बड़े पदाधिकारी का सर पर हाथ होने की गलतफहमी या फिर सपा के ऐसे पदाधिकारी और कार्यकर्ता गुटबाजी बाजी की ओर रुक कर चुके हैं ?