23/08/2023
Who Is K Jaiganesh: आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनना कई लोगों का सपना होता है, जिसके लिए सालों के समर्पण और तैयारी की आवश्यकता होती है. असफलताओं और कठिनाइयों के बावजूद कुछ लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए लगे रहते हैं. किसी भी व्यक्ति की कड़ी मेहनत के प्रमाण तब मिलता है, जब वह उन सभी कठिनाइयों को पार पाते हुए अपने मंजिल तक पहुंच जाए. कुछ ऐसा ही तमिलनाडु के के. जयगणेश ने कर दिखाया है. तमिलनाडु के रहने वाले के जयगणेश ने कठिन यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर बाधाओं को तोड़ दिया और एक बार फिर साबित कर दिया कि समर्पण से किसी भी चुनौती पर विजय प्राप्त की जा सकती है.
जयगणेश ने सफलता के लिए की कड़ी मेहनत......
वेल्लोर जिले के विनवामंगलम के साधारण गांव से आने वाले एक साधारण परिवार में हुए जयगणेश के पालन-पोषण ने उनकी इस यात्रा की नींव रखी. यूपीएससी 2007 परीक्षा में 156वीं रैंक हासिल करने वाले जयगणेश का गरीबी से निकलकर आईएएस अधिकारी बनना आसान नहीं था, लेकिन उसके दृढ़ता की शक्ति का यह बेहतरीन उदाहरण है. जयगणेश का एजुकेशनल सफर एक गांव के स्कूल से शुरू हुआ, जिससे उन्होंने 91% अंकों के साथ पॉलिटेक्निक स्टडी में उत्कृष्टता हासिल की. उन्होंने आगे चलकर थानथाई पेरियार गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
वेटर का करना पड़ा काम....
काम के लिए बैंगलोर जाने पर जयगणेश को वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ा, और केवल 2500 रुपये मासिक कमाते थे. हालांकि, इससे आईएएस परीक्षा की तैयारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई. जयगणेश ने आईएएस की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी बैंगलोर की नौकरी छोड़ दी, और अपने पिता की मेहनत से अर्जित 6,500 रुपये के बोनस को स्टडी सामग्री और कोचिंग सेंटर नोट्स में निवेश किया. आईएएस प्रीलिम्स में शुरुआती प्रयास असफल साबित हुए, लेकिन जयगणेश की दृढ़ता अटल रही. उन्होंने 'कंप्यूटर क्लर्क' और 'वेटर' का भी काम किया.
आखिरी अटेम्प्ट में कुछ ऐसे सफलता हासिल की
जयगणेश ने समाजशास्त्र टीचर के रूप में भूमिकाएं निभाईं और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में शामिल हो गए. अपने अंतिम प्रयास में जयगणेश का अटूट समर्पण सफलता में परिणित हुआ. इंटरव्यू में तमिल राजनीति, इतिहास और सिनेमा पर चर्चा कर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 156वीं रैंक हासिल की.