
18/09/2025
अगर जानवर के साथ भी दो चार महीने रह लो तो वो हमारी भावनाओं को समझने लगता है, हमारे प्रति वफादार हो जाता है। जबकि हम उसके लिए बहुत ज्यादा कुछ करते भी नहीं है और एक इंसान है जिसके साथ चाहे जीतने भी साल रह लो, चाहे कितना भी कुछ कर लो फिर भी वो हमारे प्रति वफादार नहीं बन पाता, ना ही हमारी भावनाओं को समझता है, जबकि हम उसके लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर देते है, फिर भी वो हमें नहीं समझता है और ना ही हमारी भावनाओं कि कद्र करता है, पता नहीं ये किस नस्ल के इंसान होते है..!
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