
30/03/2025
त्रिशूल-मुण्ड-धारिणीं, घरा-विघात-हारिणीम्।
गृहे गृहे निवासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥
त्रिशूल एवं मुण्डमाला धारण की हुई, पृथ्वी के पाप की विनाशिका, प्रत्येक गृह में निवास करने वाली ऐसी विन्ध्यवासिनी की मैं सेवा करता हूँ।॥