
16/03/2025
#माँ
सदमा गहरा है की तुम साथ नहीं माँ ......
पर कोई लम्हा, पल नहीं जिसमें तुम नहीं माँ .....
हर जज़्बात मैं तुम हर आवाज मैं तुम......
और मेरी हरेक सांस मैं तुम हो माँ .....
नींद मैं गोद का सिरहाना तुम..... ,
उंगलिओं से बालों को पोरना तुम......
अच्छे मैं खुशी तुम,दुःख मैं सहारा तुम.....
तुमने जो किया उसका अंश भर भी मैं दे न सका.....
तुमने लुटाई गंगा और मैं अन्जरी भी भर न सका.....
मेरी हर निराशा की आशा तुम.....
मेरी बिखरी उमीदों का विश्वास तुम ......
मेरी हर मुश्किल का जवाब तुम......
मेरे हर ख्याल की आवाज तुम......
मेरी हस्ती की सिर्फ और सिर्फ पहचान तुम हो माँ ....
कबूल हो दुआ की तुम मेरे जीवन मैं फिर आओ
दर्दों के सागर मैं ख़ुशी का एक सीप लाओ