31/10/2025
Copy pest by Dr Kamal singh wall
Copper T (कॉपर टी) — एक गर्भनिरोधक उपकरण (Intrauterine Device - IUD) है, जो महिलाओं में गर्भधारण रोकने के लिए गर्भाशय (uterus) के अंदर लगाया जाता है। इसका आकार “T” जैसा होता है और इसमें तांबे (Copper) की परत चढ़ी होती है, इसी वजह से इसे Copper T कहा जाता है।
🔹 Copper T कैसे काम करता है
Copper ions शुक्राणुओं (sperms) पर असर डालते हैं, जिससे वे निषेचन (fertilization) नहीं कर पाते।
यह गर्भाशय की परत (uterine lining) को इस तरह बदल देता है कि निषेचित अंडाणु (fertilized egg) चिपक नहीं पाता।
इसका कोई हार्मोनल असर नहीं होता — यानी इसमें हार्मोन नहीं होते।
🌿 Copper T के फायदे
लंबे समय तक असरदार — 5 से 10 साल तक प्रभावी रहता है (मॉडल पर निर्भर)।
बहुत भरोसेमंद — गर्भधारण रोकने में 99% तक सफल।
बिना हार्मोन वाला — जिससे वजन, मूड या त्वचा पर हार्मोनल दुष्प्रभाव नहीं होते।
रिवर्सिबल (Reversible) — हटाने के बाद महिला तुरंत गर्भधारण कर सकती है।
एक बार लगवाने पर चिंता मुक्त — रोज़ गोलियां लेने या कंडोम इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित।
⚠️ संभावित नुकसान / सावधानियाँ
शुरुआती कुछ महीनों में थोड़ा अधिक रक्तस्राव (bleeding) या पेट दर्द हो सकता है।
कभी-कभी संक्रमण (infection) का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए लगवाने से पहले और बाद में सफाई का ध्यान जरूरी है।
नियमित जांच करवाना जरूरी है ताकि यह सही स्थिति में बना रहे।
🏥 कब लगवाया जा सकता है
मासिक धर्म के तुरंत बाद (जब गर्भधारण का जोखिम कम होता है)।
बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह बाद।
गर्भपात के तुरंत बाद (यदि कोई संक्रमण न हो)।
अगर चाहो तो मैं तुम्हें यह भी बता सकता हूँ कि Copper T के कौन-कौन से प्रकार होते हैं (जैसे Copper T 380A, Cu 375 आदि) और किसे कौन सा उपयुक्त रहता है।
क्या बताऊँ वो भी?
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