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पतियों की ही हत्या करवा रहीं महिलाएं!* 2023 में पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या के 306 मामले दर्ज किए गए हैंl वास्तविक घ...
17/06/2025

पतियों की ही हत्या करवा रहीं महिलाएं!*
2023 में पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या के 306 मामले दर्ज किए गए हैंl वास्तविक घटनाओं की संख्या इससे अधिक हो सकती है। इसके पीछे का कारण व्यभिचार(Adultry)को अपराध की श्रेणी से हटाना है। इसे साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को समाप्त कर दिया था, तभी से इसका महत्व भी समाप्त हो गया था l सन 2018 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को समाप्त करते हुए व्यभिचार(Adultry) को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था। अब व्यभिचार पतियों के शोषण और उनकी हत्याओं का सबसे बड़ा कारण प्रतीत हो रहा है, जहां पत्नियां अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रच जघन्य अपराधों को अंजाम देती हैं, और यह कई विवाहित पुरुषों की आत्महत्या का कारण भी बन रहा है।
मुख्यतः ऐसे कारणों से जहां पति का विवाह के बाद संबंध पर आपत्ति जताना, पत्नी को रंगे हाथों पकड़ लेना, या पति का विवाह के बाद संबंध को रोकने की कोशिश करना और शक शामिल हैं।
कई जघन्य हत्याओं जहां पतियों को टुकड़ों में काटा गया, जहर दिया गया, चाकू मारा गया, गला घोंटा गया या कई लोगों द्वारा पीट-पीटकर मार डाला गया। ऐसे कई मामलों में प्रारंभ में पत्नियों को इसलिए नहीं पकड़ा गया क्योंकि उन्होंने सभी सबूत मिटा दिए गए थे या पतियों की हत्याओं को आत्महत्या के रूप में पेश कर जनता और पुलिस को गुमराह करने का काम किया गया था। इन सभी मामलों में पीड़ितों की अधिकतम आयु 75 वर्ष और न्यूनतम 18 वर्ष थी।
फिर भी ऐसी हत्याओं पर मुख्यधारा की मीडिया, सरकार और आम जनता का कभी ध्यान नहीं गया, या इसपे बात करना जरूरी नहीं समझा गया। ऐसे गंभीर मामलों पे मीडिया और सरकार की चुप्पी और आम जनता के बीच पत्नियों द्वारा किए गए इन अपराधों की अनभिज्ञता समाज में यह धारणा बनाती है कि केवल पुरुष ही हिंसक होते हैं।
हमारा प्रयास समाज में कानूनी और सामाजिक अवहेलना के कारण पुरुषों और उनके परिवारों की ओर से झेली जा रही पीड़ाओं और समस्याओं को उजागर करना है। आज पुरुष भी महिलाओं के हाथों हिंसा और दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं और हमारे देश की सरकार को ऐसे पीड़ित पुरुषों व उनके परिवारों को राहत और न्याय देने के लिए लैंगिक तटस्थता के आधार पर कानून बनाने की आवश्यकता है। पत्नियों द्वारा व्यभिचार, और महिला साथी की ओर से उत्पन्न हिंसा का किसी भी पुरुष पर गंभीर प्रभाव हो सकता है, और पुरुष इसके मूक पीड़ित होते हैं। कानूनों के दुरुपयोग के कारण समाज में अशांति है, आज जिसका सबसे बड़ा शिकार पुरुष हैं। भारत में इस वजह से बहुत सारे पुरुष आत्महत्या कर रहे हैं। हमारे देश के शीर्ष नेताओं, विधायकों और सांसदों को इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि पुरुष भी इस देश के नागरिक हैं और उनके अधिकारों को भी कानून द्वारा सुरक्षा मिलनी चाहिए।

27/05/2025

True line...

08/06/2024

बोल बम 🙏🚩
हर हर महादेव 🕉️🔱🙏

22/07/2023

इस प्रकार पृथ्वी का निर्माण हुआ है।🌏🌍

22/05/2023

मुस्कुराओ चाहे कोई भी परिस्थिति हो😍😊

This is true.
21/04/2023

This is true.

Love you maa❤️🥰
02/04/2023

Love you maa❤️🥰

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