10/10/2024
नहीं रहे भारत के शान देश का कोहिनूर श्री रतन जी टाटा
ये बात साल, 90 के दशक की है, जब टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा मोटर्स ने अपनी कार टाटा इंडिका (Tata Indica) को लॉन्च किया. लेकिन, उस समय टाटा की कारों की सेल उस हिसाब से नहीं हो रही थी, जैसा रतन टाटा ने सोचा था. टाटा इंडिका को खराब रिस्पांस मिलने और लगातार बढ़ते घाटे के चलते उन्होंने पैसेंजर कार डिवीजन (Passenger Car Business) को बेचने का फैसला कर लिया था और इसके लिए उन्होंने अमेरिकन कार निर्माता कंपनी Ford Motors से बात की. जब रतन टाटा ने अपने पैसेंजर कार बिजनेस को Ford Motors को बेचने का फैसला किया तो Ford के चेयरमैन Bill Ford ने उनका मजाक उड़ाया था. बिल फोर्ड ने उनसे कहा था कि अगर आपको कुछ जानकारी नहीं है, तो फिर आपने पैसेंजर कार डिवीजन की आखिर शुरुआत ही क्यों की? बिल यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि अगर हम आपके इस बिजनेस को खरीदते हैं, तो ऐसा करके हम आपके ऊपर एक एहसान करेंगे.Bill Ford की बातें उनके दिलो-दिमाग में घर कर गईं. इस मीटिंग के बाद उन्होंने पैसेंजर कार बिजनेस को बेचने का फैसला टाल दिया और फिर भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांति लाने के लक्ष्य में जुट गए. करीब नौ साल बाद जहां टाटा मोटर्स नई बुलंदियों को छूने के लिए आगे बढ़ रही थी, तो वहीं Ford Motors दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी. इस दौरान रतन टाटा के समूह ने फोर्ड के Jaguar और Land Rover ब्रांड को खरीदने की पेशकश कर डाली. इस डील को लेकर जब रतन टाटा और बिल फोर्ड की मीटिंग हुई, तो Ford के चेयरमैन Bill Ford के सुर बदले हुए थे. उन्होंने इस पेशकश के लिए रतन टाटा को थैंक्यू बोला और कहा, आप जैगुआर-लैंड रोवर (JLR) को खरीदकर हमारे ऊपर एक बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं.कुछ लोग कभी नहीं मरते, वो हमेशा हमेशा के लिए करोड़ों दिलों में ज़िंदा रहते हैं. सर रतन टाटा उन्हीं महान हस्तियों में से एक हैं. आप हमेशा हम सबके लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे. विनम्र श्रद्धांजलि!🙏