02/03/2025
#सिकरहना नदी पर बांध निर्माण: विरोध प्रदर्शन में उबाल, सरकार को चेतावनी
ChamparaN VoicE • Desk | पूर्वी चंपारण, बिहार– सिकरहना नदी के दायें तट पर प्रस्तावित बांध निर्माण का विरोध धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। शनिवार को तटबंध निर्माण रोको संघर्ष समिति के तत्वावधान में बंजरिया प्रखंड के जटवा में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता पूर्व मुखिया एकबाल अहमद ने की, जबकि संचालन जिला परिषद सदस्य इंजीनियर तौसीफुर्रहमान ने किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री रामचंद्र सहनी ने कहा कि प्रस्तावित बांध लोकहित में नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि इस बांध के निर्माण से करीब पांच लाख की आबादी प्रभावित होगी और हजारों हेक्टेयर उपजाऊ भूमि संकट में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन तटबंध उससे भी अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। सिकरहना नदी के किनारे बसे लोग अपने अस्तित्व को लेकर चिंतित हैं और उन्हें संभावित संकट सताने लगा है।
राज्य सरकार से की गई मांग-
पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार से अविलंब बांध निर्माण रोकने, सिकरहना नदी से गाद (सिल्ट) हटाने और बाढ़ के पानी की निकासी को सुचारू बनाने के लिए ठोस योजना तैयार करने की मांग की। बंजरिया प्रखंड प्रमुख जफीर आलम आजाद उर्फ चमन ने भी बांध निर्माण के संभावित नुकसान पर प्रकाश डालते हुए इसे रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि तिरूवाह की धरती आंदोलन की धरती रही है। पूर्व में छपवा घाट पुल निर्माण के लिए बड़े आंदोलन हुए थे, और अब बांध निर्माण के खिलाफ भी जनआंदोलन खड़ा हो रहा है।
युवा नेताओं का जोशपूर्ण संबोधन
युवा नेता और जिला परिषद सदस्य ई. तौसीफुर्रहमान ने अपने जोशीले भाषण में कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता की भलाई होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस योजना से आम लोगों को नुकसान हो, उस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा, "बांध निर्माण किसी भी कीमत पर तिरूवाह के लोगों को स्वीकार्य नहीं है। राज्य सरकार को इस परियोजना से होने वाले नुकसान को कम करने की दिशा में कार्य करना चाहिए, न कि बांध के भीतर आने वाली आबादी को संकट में डालना चाहिए।"
हर स्तर पर विरोध का ऐलान
सभा की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मुखिया एकबाल अहमद ने आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण रोकने के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा, "जनता के हितों की रक्षा के लिए यदि प्राणों की आहुति भी देनी पड़ी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।"
इस जनसभा में कई प्रमुख स्थानीय नेता भी शामिल हुए, जिनमें पचरूखा मध्य पंचायत के मुखिया मो. सलवातुल्लाह, पूर्व मुखिया मनोज यादव, पवन कुमार चौरसिया, मसीहुज्जमां, जावेद आलम, कमरे आजम, संघर्ष समिति के सचिव मनोज यादव, क्यामुल हक, सज्जाद आलम, सरपंच अलियास अंसारी और गंगा राम आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
जनसभा में नेताओं ने एक सुर में सरकार से बांध निर्माण को तुरंत रोकने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।