27/09/2025
एक नज़र इधर भी: जब न्याय अधूरा हो जाता है।
बिहार सरकार ने *हिट एंड रन* (Hit & Run) मुआवज़ा वितरण के मामले में पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। यानी जिन सड़क दुर्घटनाओं में दुर्घटना करने वाला वाहन और चालक अज्ञात होते हैं, उन मामलों में सरकार ने ₹2 लाख तक का मुआवज़ा देकर सराहनीय कार्य किया है।
लेकिन सवाल यह है — क्या न्याय सिर्फ अज्ञात वाहन वालों के लिए है?
⚠️ दूसरी तरफ की हकीकत:
➡️ जिन मामलों में दुर्घटना करने वाला वाहन और चालक पहचान में आ चुके हैं (जिसे Non-Hit & Run कहा जाता है), उनके लिए बिहार सरकार ने 2022 में नया क़ानून बनाकर पूरे राज्य के सभी जिलों के व्यवहार न्यायालय में कार्यरत 600 से अधिक दावा न्यायाधिकरण को समाप्त कर उसके जगह में सिर्फ 10 प्रमंडलीय दावा न्यायालयों की स्थापना की है।
➡️ हर साल बिहार में करीब 8000-9000 Non-Hit & Run मामले दर्ज होते हैं, लेकिन नया कानून के तहत पूरे बिहार में स्थापित 10 दावा न्यायालय के द्वारा MV Act कि धारा 166 के तहत दो सालों में सिर्फ 100 से कम परिवारों को ही मुआवज़ा मिल सका है। जो बहुत ही चिंता का विषय है।
🤯 यानी 98% से अधिक पीड़ित परिवार न्याय से वंचित हैं।
❌ क्या यही न्याय है?
🔹 क्या जिन मामलों में दोषी मौजूद है, वहां न्याय देना ज़रूरी नहीं?
🔹 क्या सरकार सिर्फ उन्हीं मामलों को प्राथमिकता दे रही है जहाँ आरोपी पकड़ में नहीं आता?
🔹 क्या बिहार जैसे बड़े राज्य के लिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की 10 अदालतें पर्याप्त हैं?
इसे बदलना चाहिए।
✔️ हर जिले में फिर से पूर्व की तरह व्यवहार न्यायालयों को दावा मामलों की सुनवाई का अधिकार मिले।
✔️ दावा दर्ज करने की 6 महीने की समय सीमा खत्म हो, ताकि कोई पीड़ित परिवार छूट न जाए।
✔️ Non-Hit & Run मामलों की प्रक्रिया तेज़, सरल और पारदर्शी हो।
✔️ बिहार सरकार आपदा राहत कोष से पूर्व की तरह ₹5 लाख की मुआवज़ा पीड़ित परिवार को दे। जो 15.09.2021 से बंद हैं ।
✔️ हर जिला में एक न्यायाधिकरण दे ताकि न्याय में देरी न हो।
निष्कर्ष:
बिहार सरकार ने जहाँ एक तरफ Hit And Run आँकड़ों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वहीं नॉन-हिट एंड रन मामलों में पीड़ितों को आखिरी कतार में खड़ा कर दिया है। और बिहार राज्य भारत में सबसे अंतिम पायदान पर आकर खड़ा हो गया हैं।
"एकतरफा न्याय भी अन्याय ही होता है।"
यह आवाज़ हर पीड़ित के लिए है।
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ताकि हर पीड़ित परिवार की आवाज़ सरकार तक पहुंचे।
Bihar Police Narendra Modi Nitish Kumar