
03/08/2025
बचपन ज़िन्दगी के सबसे सुन्दर दौर होला। ई समय में ना त कवनो चिंता होखे ला, ना जिम्मेदारी। बचपन में हमनी के खेल-कूद, माटी में लोटल, गुल्ली-डंडा, लुका-छिपी आ अमवा के बगइचा में घूमल सबसे नीमन याद होले। ओह बेरा के दोस्ती सच्चा होले, झगड़ा भले हो जाव, बाकिर दुसरे दिन फेरु साथे खेलल जाला।
स्कूल जाए के नाम पर बहाना बनावल, छुट्टी के इंतजार, आ टिफिन के झगड़ा – सब कुछ बचपन के मिठास में भरल रहेला।
आज जब बड़ हो गइनी, तब बुझात बा कि बचपन सबसे अनमोल समय रहेला। जेकरा पास बचपन के मीठा याद बा, ओकरे पास खजाना बा।