
09/07/2025
🚩 1. हनुमान जी को प्राप्त हुआ "अजर-अमर" होने का वरदान
🛕 कथा की पृष्ठभूमि:
जब रामायण का युद्ध समाप्त हुआ और भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे, तो उन्होंने अपने परम भक्त हनुमान जी को बहुत प्रसन्न होकर कई वरदान दिए। इन वरदानों में सबसे विशेष वरदान यह था कि हनुमान जी इस सृष्टि के अंत तक जीवित रहेंगे और जहां भी श्रीराम का नाम लिया जाएगा, वहां वे स्वयं उपस्थित रहेंगे।
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🔥 अजर और अमर का अर्थ
अजर = जो कभी बूढ़ा नहीं होता
अमर = जो कभी मरता नहीं
इसलिए हनुमान जी का शरीर बुढ़ापे और मृत्यु से परे है। वे सदैव युवावस्था में रहते हैं और मरणधर्मा नहीं हैं।
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🌏 क्यों दिया गया यह वरदान?
हनुमान जी ने जीवनभर निस्वार्थ सेवा, भक्ति और समर्पण के साथ भगवान राम की सेवा की।
वे न केवल राम के आज्ञाकारी सेवक थे, बल्कि उन्होंने कई बार राम और लक्ष्मण की जान बचाई (जैसे संजीवनी बूटी लाना)।
उनकी भक्ति इतनी सच्ची थी कि भगवान राम ने स्वयं कहा:
> "तुम मम प्रिय भरत सम भाई।" (तुम मुझे मेरे भाई भरत जितने प्रिय हो।)
इस गहरी भक्ति और सेवा से प्रसन्न होकर श्रीराम ने कहा:
> “जब तक यह सृष्टि रहेगी, तुम इस धरती पर जीवित रहोगे।”
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🙏 धार्मिक मान्यता:
आज भी हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि हनुमान जी धरती पर वर्तमान हैं।
जहां भी राम कथा, रामायण पाठ, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या राम का नाम लिया जाता है – वहां वे अदृश्य रूप में उपस्थित रहते हैं।
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🌟 संतों के अनुभव:
कई संतों और भक्तों ने ध्यान, तप और भक्ति के दौरान हनुमान जी के साक्षात दर्शन होने की बातें साझा की हैं।
विशेषकर तुलसीदास जी को हनुमान जी ने दर्शन देकर श्रीराम से मिलने का मार्ग प्रशस्त किया था।
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📿 भक्तों के लिए संदेश:
जो भी व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है,
उनके लिए वे संकटों को दूर करते हैं और रक्षा करते हैं।
इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है।
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