07/07/2024
मौलवी बरकतुल्लाह भोपाली जिन्होंने भारत की पहली निर्वासित सरकार बनायीं थी। आज से सौ साल पहले जब आवागमन के साधन नहीं थे, तब इस महान क्रांतिकारी और ग़दर पार्टी के नेता ने विदेश में बसने वाले भारतियों को आज़ादी की लड़ाई के लिए तैयार करने और जापान से अमरीका, मलाया से कनाडा तक भारत की आज़ादी के लिए इन तमाम देशों में इंक़लाबियों के नेटवर्क को तैयार करने में अपनी ज़िंदगी लगा दी थी, इनका इरादा उत्तर से हमला कर अंग्रेज़ों को भारत से भगाने का था।
प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने की वजह से ये प्लान मुकम्मल नहीं हो पाया मगर जो अलख जगाई गयी और जो इंकलाब के दीवाने तैयार हुए, उसी की वजह से दो दशकों बाद सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी को जान की बाज़ी लगाने वाले दीवानों का पूरा नेटवर्क तैयार मिला।
हाथरस के राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिलावतन सरकार के राष्ट्रपति और बरकतुल्लाह उसी गवर्नमैंट ऑफ़ इंडिया इन एक्ज़ाइल (exile) के प्रधानमंत्री थे।
ग़दर पार्टी इस तरह इन्क़िलाबियों की भर्ती करती थी - तनख्वाह: मौत, इनाम: शहादत, पेंशन: आज़ादी।
1927 में मौलवी बरकतुल्लाह भोपाली को इस वसीयत के साथ अमरीका में दफ़न किया गया, कि आज़ादी के बाद उनके क़ब्र को हिंदुस्तान मुन्तक़िल कर दिया जायेगा। लेकिन ये किसे मालुम था, ऐसी बेगैरत सरकारें आएँगी जो इन महान देशभक्तो को ही भुला देंगी।
नोट - तस्वीर 1 दिसम्बर 1915 को बनी उसी गवर्नमैंट ऑफ़ इंडिया इन एक्ज़ाइल (exile) की है, जिसके राजा महेंद्र प्रताप सिंह राष्ट्रपति और बरकतुल्लाह के प्रधानमंत्री थे। तस्वीर में दोनों दिख रहे हैं। और आज 7 जुलाई को मौलवी बरकतुल्लाह भोपाली का जन्मदिन है।
- Md Umar Ashraf