Mayank shukla

Mayank shukla Public Figure

जब घर के बुजुर्ग न हों तो पड़ोसी भी बच्चों से ऐसी ही घटिया हरकते करते हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा की गैर मौजूदगी में...
22/09/2025

जब घर के बुजुर्ग न हों तो पड़ोसी भी बच्चों से ऐसी ही घटिया हरकते करते हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा की गैर मौजूदगी में पाकिस्तान का हैरिस रऊफ खुद को बहुत बड़ा तोप समझ रहा है और छोटे छोटे बच्चों से उलझ रहा है। अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल टीम इंडिया के अगले रोहित शर्मा और विराट कोहली हैं शायद यह बात हैरिस रऊफ को भी पता चल गई होगी।

हैरिस रऊफ भूल रहा है कि भले ही इस वक्त विराट कोहली और रोहित शर्मा टीम के साथ न हों लेकिन एक ऐसा शख्स टीम के साथ जुड़ा हुआ है जो यह सब खुली आंखों से देख रहे थे। टीम इंडिया के वर्तमान कोच गौतम गंभीर का धैर्य अगर उस वक्त टूट गया होता तो पाकिस्तान मैदान छोड़कर भाग गया होता। गौतम गंभीर पहले भी एक पाकिस्तानी शाहिद अफरीदी की नीची हरकत का करारा जवाब दे चुके हैं।

हैरिस रऊफ का अभिषेक शर्मा और गिल को उकसाना बहुत भारी पड़ जाता। गौतम गंभीर जब आईपीएल में अपनी टीम के किसी खिलाड़ी से उलझने पर मैच के बाद विराट कोहली को रिमांड पर लेने से नही पीछे हटते तो आखिर ये पाकिस्तानी कैसे बच जाता। पाकिस्तान के खिलाफ मैच में टीम इंडिया की जीत के बाद कोच गौतम गंभीर काफी उत्तेजित नजर आए थे। अगर ऊपर से पाकिस्तानी खिलाड़ियों को छूने से रोक नही होती तो गौतम गंभीर बीच मैदान ही मैच के दौरान या मैच के बाद ही हैरिस रऊफ की शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा के साथ की गई हरकत का करारा जवाब कान के नीचे बजाकर दे देते।

30/08/2025

ये सुबोध शर्मा हैं।
कहाँ के हैं, ये मालूम नहीं।
सैयारा का ये कवर सॉन्ग ऐसा गाया है इन्होंने कि विश्वास ही नहीं होता।

एक तरफ इतनी हाइ पिच तक गले को खींचना और दूसरी तरफ फिर एक दम लो पिच पर ले आना, असाधारण है।
ऐसी प्रतिभा विलक्षण होती है।

भारतीय गायकों में कैलाश खैर, सुखविंदर सिंह सूत्रधार माने गए लेकिन उनकी हाइ पिच में चीख होती थी।

फिर, अरिजीत सिंह, मिथून, मोहित चौहान, फ़हीम अब्दुल्ला जैसे अगली पीढ़ी के गायकों ने इसे अपने तरीकों से आगे बढ़ाया।

इस गायक की पूरी दरियाफ़्त की है, आवाज़ इन्हीं की है। इंस्टाग्राम पर 50 लाख और यूट्यूब पर करीब 3.3 लाख लोग इन्हें देख और सुन चुके।

29/08/2025

*दो ऐसी सत्य कथाऐं जिनको पढ़ने के बाद शायद आप भी अपनी ज़िंदगी जीने का अंदाज़ बदलना चाहें:-*

*पहली*

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बनने के बाद ऐक बार नेल्सन मांडेला अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ एक रेस्तरां में खाना खाने गए। सबने अपनी अपनी पसंद का खाना आर्डर किया और खाना आने का इंतजार करने लगे।
उसी समय मांडेला की सीट के सामने वाली सीट पर एक व्यक्ति अपने खाने का इंतजार कर रहा था। मांडेला ने अपने सुरक्षा कर्मी से कहा कि उसे भी अपनी टेबल पर बुला लो। ऐसा ही हुआ। खाना आने के बाद सभी खाने लगे, *वो आदमी भी अपना खाना खाने लगा, पर उसके हाथ खाते हुए कांप रहे थे।*
खाना खत्म कर वो आदमी सिर झुका कर रेस्तरां से बाहर निकल गया। उस आदमी के जाने के बाद मंडेला के सुरक्षा अधिकारी ने मंडेला से कहा कि वो व्यक्ति शायद बहुत बीमार था, खाते वख़्त उसके हाथ लगातार कांप रहे थे और वह ख़ुद भी कांप रहा था।
मांडेला ने कहा नहीं ऐसा नहीं है। *वह उस जेल का जेलर था, जिसमें मुझे कैद रखा गया था। जब कभी मुझे यातनाएं दी जाती थीं और मै कराहते हुए पानी मांगता था तो ये मेरे ऊपर पेशाब करता था।*

मांडेला ने कहा *मै अब राष्ट्रपति बन गया हूं, उसने समझा कि मै भी उसके साथ शायद वैसा ही व्यवहार करूंगा। पर मेरा चरित्र ऐसा नहीं है। मुझे लगता है बदले की भावना से काम करना विनाश की ओर ले जाता है। वहीं धैर्य और सहिष्णुता की मानसिकता हमें विकास की ओर ले जाती है।*

*दूसरी*

मुंबई से बैंगलुरू जा रही ट्रेन में सफ़र के दौरान टीसी ने सीट के नीचे छिपी लगभग तेरह/चौदह साल की ऐक लड़की से कहा

टीसी "टिकट कहाँ है?"
काँपती हुई लडकी "नहीं है साहब।"
टी सी "तो गाड़ी से उतरो।"

*इसका टिकट मैं दे रही हूँ।............पीछे से ऐक सह यात्री ऊषा भट्टाचार्य की आवाज आई जो पेशे से प्रोफेसर थी ।*

ऊषा जी - "तुम्हें कहाँ जाना है ?"
लड़की - "पता नहीं मैम!"
ऊषा जी - "तब मेरे साथ चलो, बैंगलोर तक!"
ऊषा जी - "तुम्हारा नाम क्या है?"
लड़की - "चित्रा"

बैंगलुरू पहुँच कर ऊषाजी ने चित्रा को अपनी जान पहचान की ऐक स्वंयसेवी संस्था को सौंप दिया और ऐक अच्छे स्कूल में भी एडमीशन करवा दिया। जल्द ही ऊषा जी का ट्रांसफर दिल्ली हो गया जिसके कारण चित्रा से संपर्क टूट गया, कभी-कभार केवल फोन पर बात हो जाया करती थी।

करीब बीस साल बाद ऊषाजी को एक लेक्चर के लिए सेन फ्रांसिस्को (अमरीका) बुलाया गया । लेक्चर के बाद जब वह होटल का बिल देने रिसेप्सन पर गईं तो पता चला पीछे खड़े एक खूबसूरत दंपत्ति ने बिल चुका दिया था।

ऊषाजी "तुमने मेरा बिल क्यों भरा?"
*मैम, यह मुम्बई से बैंगलुरू तक के रेल टिकट के सामने कुछ भी नहीं है ।*
ऊषाजी "अरे चित्रा!" ...

चित्रा और कोई नहीं बल्कि *इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मुर्ति थीं जो इंफोसिस के संस्थापक श्री नारायण मूर्ति की पत्नी हैं।*
यह लघु कथा उन्ही की लिखी पुस्तक "द डे आई स्टाॅप्ड ड्रिंकिंग मिल्क" से ली गई है।

*कभी कभी आपके द्वारा की गई किसी की सहायता, किसी का जीवन बदल सकती है।*
यदि जीवन में कुछ कमाना है तो पुण्य अर्जित कीजिये, क्योंकि यही वो मार्ग है जो स्वर्ग तक जाता है.... 🌹🌹🙏🏻🙏🏻

जब वे खिलाड़ी, जो संतुलित और पौष्टिक आहार लेते हैं… महंगा पानी पीते हैं… फिटनेस बनाए रखते हैं और हर काम नियमों के मुताबि...
09/08/2025

जब वे खिलाड़ी, जो संतुलित और पौष्टिक आहार लेते हैं… महंगा पानी पीते हैं… फिटनेस बनाए रखते हैं और हर काम नियमों के मुताबिक करते हैं, और तो और आक्सीजन भी फिल्टर करके लेते हैं।मन की शांति के लिए विदेश सेट्ल हो जाते हैं।

उनके भी 35-36 साल की उम्र में बाल और दाढ़ी सफ़ेद हो जाते हैं — तो हम आम लोग क्या हैं?
इसलिए, बस मस्त रहकर ज़िंदगी जिएं, जो होना है, वह होता ही रहेगा।

"Age graceful not aweful"

फिल्म “सैयारा” की कहानी एक दिल छू लेने वाली युवा प्रेम कथा है, जिसमें सपनों, संघर्षों और रिश्तों की जटिलता को संवेदनशील ...
20/07/2025

फिल्म “सैयारा” की कहानी एक दिल छू लेने वाली युवा प्रेम कथा है, जिसमें सपनों, संघर्षों और रिश्तों की जटिलता को संवेदनशील तरीके से दिखाया गया है।कृष कपूर (अहान पांडे) एक महत्वाकांक्षी म्यूज़िशियन है जो अपने गानों के ज़रिए दुनिया को कुछ कहने की कोशिश कर रहा है। वह सफल होना चाहता है, लेकिन असुरक्षा, पारिवारिक दबाव और असफलताओं से जूझ रहा है।
वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) एक जर्नलिस्ट और सॉन्गराइटर है, जिसकी अपनी एक दर्दभरी पिछली कहानी है। उसकी लेखनी में एक सच्चाई है जो कृष को अपनी ओर खींचती है।दोनों की मुलाक़ात एक म्यूज़िक इवेंट के दौरान होती है और वहीं से एक अनोखा रिश्ता शुरू होता है दोस्ती, प्यार और टूटन के बीच झूलता हुआ।फिल्म में दिखाया गया है कि सच्चा प्यार क्या सिर्फ साथ रहने का नाम है या किसी की आत्मा को समझने का? जब जिंदगी अपने सबसे मुश्किल मोड़ पर पहुंचती है, तब ये दोनों किस रास्ते का चुनाव करते हैं यही फिल्म का भावनात्मक केंद्र है. देखने लायक फ़िल्म है, सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए है।

YRF - Yash Raj Films

एक ही नारी ....  50 जगह अलग अलग नामों से प्रधानाचार्य पद की शपथ ली 😂😂 नारी नहीं तू तो महानारी है देवी 😂😂🙏🙏
14/07/2025

एक ही नारी .... 50 जगह अलग अलग नामों से प्रधानाचार्य पद की शपथ ली 😂😂 नारी नहीं तू तो महानारी है देवी 😂😂🙏🙏

कल शाम जी5 पर लीलाधर लापता देखीअभिषेक बच्चन अभिनीत ये मुवी देख बडां आश्चर्य हुआ कि इनसे इतनी बेहतरीन अदाकारी भी करवाई जा...
05/07/2025

कल शाम जी5 पर लीलाधर लापता देखी
अभिषेक बच्चन अभिनीत ये मुवी देख बडां आश्चर्य हुआ कि इनसे इतनी बेहतरीन अदाकारी भी करवाई जा सकती है ?
मुझे समीक्षा या कोई अन्य बात करना नहीं आता
मुझे खाना बनाना भी नही आता पर स्वाद बता सकता हूं कि बेहतरीन है या क्या कमी है
बहुत दिनो बाद एक अच्छी फिल्म "बनारस " ओर अब ये फिल्म देखी है
बहुत उम्दा काम किया है अभिषेक जी ने वाकई जीवन्त कर दिया लीलाधर केरेक्टर को
बहुत सालो बाद अभिषेक बच्चन की जीभर के तारीफ करने को दिल करता है,
बालकलाकार ओर इनकी केमेस्ट्री वाकई कमाल की है,
कुछ कुछ सीन मे बाल कलाकार बाजी मार गये है
फिल्म बनारस और लीलाधर मे कुछ कुछ समानता है पर मुझे ये बनारस से बेहतर लगी है
एक बात पक्की है,
अगर जौहरी उम्दा हो हुनरबाज हो तो कम चमक की हीरे को भी कोहीनूर बना देने की ताकत रखता रखता है
अंक देना या स्टार रेटिंग मुझे नही आता पर हा उनके लिये बहुत बेहतरीन है जो कुछ हटकर देखना चाहते है
सभी कलाकार ' निर्देशक महोदया एवं जी5 को बहुतबहुत धन्यवाद
मनोरंजन में एक उम्दां तोहफे के लिये

30/06/2025
जब घर में ही गद्दार हो तोचुनाव तो हारना ही था🥹🥹😢 #पंचायत4
30/06/2025

जब घर में ही गद्दार हो तो
चुनाव तो हारना ही था🥹🥹😢

#पंचायत4

22/03/2025

जिन्हें देख कर तुम्हारे मुँह से अरे बिहारी है निकलता है,
वही बिहारी तुम्हारे राज्य मे जिला अधिकारी भी होते है..❤️🔥

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