
20/10/2024
ये वॉल पेपर नहीं "प्यार की वॉल" है। ये सिर्फ लकीरें नहीं, ये उस परंपरा का निर्वाह है की बच्चा पैदा होते ही उस घर की दीवारों का बराबर का अधिकारी है। ये कर्तव्य की सीमा रेखाएं हैं। ये उन्मुक्तता है, ये लाड है, ये घर की खुशहाली की रवायत है, ये बरकत है, ये उनका दस्तावेज है, उनकी प्रेजेंस का प्रतीक है... जिनके घरों की दीवारें साफ हैं, उनके दिल भी खाली हैं।
उड़ने दो, करने दो शरारतें, फेरने दो लाइनें... जब बड़े हो जाएंगे तब सफेदी करवा लेना। फिलहाल ये उनके प्लॉट हैं। बनाने दो अपने मकान अपनी दुकान।