08/05/2024
राज कपूर के किस्से, शो मैन के जीवन से जुड़ी दिलचस्प कहानी
अपने पे हंसकर, जग को हंसाया...बनके तमाशा, मेले में आया, हिंदू न मुस्लिम, पूर्व ना पश्चिम, मजहब है अपना हंसना हंसाना." ये लाइनें हैं उस शख्स की जिसे भारतीय फिल्म इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा शो मैन कहा जाता है. राज कपूर बहुत से लोगों के लिए बहुत कुछ थे, निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, संपादक, संगीतकार, कहानीकार, भारतीय फिल्म उद्योग की फर्स्ट फैमिली के कर्ता, प्रेमी, समाजवादी और ना जाने क्या क्या.
जब नेहरू ने रूस में सुनाया था 'आवारा हूं'
राज कपूर के बारे में एक कहानी कई बार सुनाई जाती है कि जब नेहरू रूस गए, तो सरकारी भोज के दौरान, नेहरू के बाद वहां के उस समय के प्रधानमंत्री निकोलाई बुल्गानिन के बोलने की बारी आई तो उन्होंने अपने मंत्रियों के साथ 'आवारा हूं' गाकर उन्हें चकित कर दिया. 1996 में जब राज कपूर के बेटे रणधीर कपूर और बेटी रितु नंदा चीन गए तो उन्हें देखते ही चीनी 'आवारा हूं' गुनगुनाने लगे. उन लोगों को ये नहीं पता था कि वो कौन थे, लेकिन वो ये गीत गाकर राज कपूर और भारत का सम्मान कर रहे थे. कहा तो ये भी जाता है कि आवारा माओ ज़ेडोंग की पसंदीदा फिल्मों में से एक थी.
राज कपूर की परवरिश में पिता का बहुत बड़ा हाथ था...
राज कपूर की परवरिश और उन्हें "द राज कपूर" बनाने में उनके पिता पृथ्वीराज कपूर का बहुत बड़ा हाथ था. जब राज कपूर ने उनके सामने फिल्मों में काम करने की इच्छा जताई थी, तो पृथ्वीराज कपूर ने राज कपूर को 1 रुपए महीने की नौकरी दी थी, और काम दिया था स्टूडियो में झाड़ू लगाने का. राज कपूर की बेटी रितु नंदा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, "उनके पिता राज कपूर के जीवन पर उनके दादा पृथ्वीराज की परवरिश का काफी प्रभाव था." रितु नंदा एक किस्सा याद करते हुए बताती हैं कि, "एक बार राज कपूर अपने पिता के साथ एक तालाब के किनारे पिकनिक पर गए थे, उस वक्त पृथ्वीराज ने उन्हें पानी में फेंक दिया, लेकिन राज कपूर को तैरना नहीं आता था, ये देख कर उनकी मां घबरा गई, और रोने लगी, तब पृथ्वीराज ने कहा कि, ये ऐसे ही तैरना सीखेगा, जिंदगी ऐसी ही है."
जब बारिश में पिता ने गाड़ी देने से किया था मना...
एक बार की बात है जब कपूर परिवार कोलकाता में रहता था, उस वक्त राज कपूर ट्रैम से स्कूल जाते थे. लेकिन एक दिन अचानक काफी तेज बारिश होने की वजह से स्कूल जाना मुश्किल लग रहा था, तब राज कपूर ने अपनी मां से स्कूल से गाड़ी से छुड़ाने के लिए कहा. लेकिन जब उनकी मां ने पृथ्वीराज कपूर ने पूछा तो उन्होंने मना कर दिया और ट्रैम से जाने को कहा. दरअसल उनका कहना था, कि जिंदगी इन्हीं कठिनाइयों से बनी है, और कठिनाइयों से निकलने के लिए आप जिन अनुभवों से गुजरते हैं, वो आगे जिंदगी में आपके काम आते हैं. ये सारी बात राज कपूर दरवाजे के पीछे से सुन रहे थे. राज कपूर ने फौरन अपना बस्ता उठाया, सिर पर पन्नी चढ़ाई और निकल गए. ये देखते ही पृथ्वीराज ने राज की मां से कहा था कि, "देखना एक दिन ये लड़का अपनी जिंदगी में बहुत आगे जाएगा."
हमेशा जमीन पर सोते थे राज कपूर
राज कपूर कभी बिस्तर पर नहीं सोते थे, वो हमेशा जमीन पर सोते थे. उनके परिवार पर लिखी एक किताब में इस बात का जिक्र है कि राज कपूर अगर होटल में जाते थे, वो वहां पर पड़े बेड का गद्दा खींच कर जमीन पर बिछा लेते थे. जिसके चलते एक बार तो वो मुसीबत में फंस गए. एक बार जब लंदन के मशहूर हिल्टन होटल में जब उन्होंने ये हरकत की तो होटल के प्रबंधकों ने उन्हें चेताया, और ऐसा करने के लिए मना भी किया, लेकिन जब वो नहीं मानें होटल वालों ने उनपर जुर्माना लगा दिया. राज कपूर पांच दिन उस होटल में रहे और उन्होंने रोज खुशी-खुशी पलंग का गद्दा जमीन पर खींचने के लिए जुर्माना दिया.