आर.के.पब्लिकेशन, मुम्बई

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आर.के.पब्लिकेशन, मुम्बई हिंदी ,मराठी ,अंग्रेजी एवं गुजराती किताबों के प्रकाशक, वितरक एवं विक्रेता।

दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर।सभी संपादक मित्रों का हार्दिक आभार #किताबें          #दैनिक  #कविता
17/06/2025

दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर।
सभी संपादक मित्रों का हार्दिक आभार
#किताबें #दैनिक #कविता

*लहरों पर लहर पुस्तक का लोकार्पण संपन्न*नवी मुंबई, मुंबई हिंदी अकादमी के तत्त्वावधान में 14 जून 2025 की शाम नवी मुंबई स्...
16/06/2025

*लहरों पर लहर पुस्तक का लोकार्पण संपन्न*

नवी मुंबई, मुंबई हिंदी अकादमी के तत्त्वावधान में 14 जून 2025 की शाम नवी मुंबई स्थित सेक्टर 15,
अरेजा चेम्बर के सभागार में
आर के पब्लिकेशन समूह मुंबई द्वारा प्रकाशित तथा एड. अनिल कुमार चंचल द्वारा लिखित काव्य संग्रह ’लहरों पर लहर ’ का गरिमापूर्ण परिवेश में लोकार्पण सम्पन्न हुआ. कवयित्री पल्लवी रानी द्वारा सुंदर सरस्वती वंदना प्रस्तुत करने के साथ ही कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. इसके पश्चात् अतिथियों द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर अनिल कुमार चंचल ने अपना लेखकीय वक्तव्य प्रस्तुत किया. मंच पर सम्मानित अतिथि के रूप में चंद्रकांत शाह, विनोद त्रिवेदी, निलेश उपाध्याय, कैप्टन चिरंजीवी, रंजन देवनाथ, गोविंद करनानी जैसे गणमान्य व्यक्ति मंच पर आसीन थे। इस पुस्तक का संपादन किया था प्रसिद्ध साहित्यकार पवन तिवारी ने और उन्होंने ही कार्यक्रम का गरिमापूर्ण संचालन किया। भारी वर्षा के बावजूद सभागार साहित्य प्रेमियों से भरा हुआ था. पुस्तक लोकार्पण के पश्चात दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी हुई। काव्य पाठ करने वाले रचनाकारों में वरिष्ठ कवि नंदलाल क्षितिज,त्रिलोचन सिंह अरोरा, रवि यादव, सुषमा श्रीवास्तव, अलका पांडेय रामस्वरूप साहू, वंदना श्रीवास्तव, अनिल पुरवा, अरुण प्रकाश मिश्र अनुरागी, विशंभरदयाल तिवारी, चंद्रिका व्यास, रंजन देबनाथ, प्रमुख थे। इस साहित्यिक आयोजन में कला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े तमाम लोग उपस्थित थे। जिनमें वरिष्ठ लघुकथाकर सेवासदन प्रसाद, नीरज दुबे, पोरवाल, निमिषा सुषमा श्रीवास्तव, अवध बिहारी निर्मल आदि ने अपनी उपस्थिति विशेष रूप से दर्ज कराई। कार्यक्रम के अंत में मुंबई हिंदी अकादमी के सचिव रामकुमार ने लेखक को स्मृति चिन्ह प्रदान किया तथा अतिथियों एवं आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।

#किताबें #

कार्यक्रम की श्रृंखला में एक बार फिर  पेशे से वकील लेकिन मन से साहित्यिक कवि, गीतकार और गायक अनिल चंचल जी की पुस्तक का व...
13/06/2025

कार्यक्रम की श्रृंखला में एक बार फिर पेशे से वकील लेकिन मन से साहित्यिक कवि, गीतकार और गायक अनिल चंचल जी की पुस्तक का विमोचन बेलापुर में हो रहा है। आसपास के मित्रों से अनुरोध है कि इस कार्यक्रम में आएं और साहित्यिक चर्चा का लाभ लें।
सादर

#किताबें

11/06/2025

मुंबई में 80 वसंत देखनेवाले साहित्यकार बहुत कम हैं। इनमे से एक त्रिलोचन सिंह अरोरा जी हैं। कुछ समय पहले इनकी एक पुस्तक ’कुछ तो निशानी छोड़ जा..’ का प्रकाशन हुआ था। इस संग्रह में कुछ बेहतरीन कविताओं का संकलन है। इन कविताओं को अक्सर मंचों पर सुनाते रहते हैं। उनकी प्रस्तुति लाजवाब होती है। हाथों को फैलाकर जब ये मंच से पाठ करते हैं तो श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं। इनकी कविताओं में कल्पना कम और यथार्थ ज्यादा है। जमीन से जुड़े अरोरा जी ने अपना जीवन मंत्र बनाया है __ विचार शुद्ध: आत्मा निर्मल: जीवन सफल।
यह संदेश ये केवल कहते ही नहीं हैं बल्कि आचरण में भी लागू करते हैं। इस उम्र में जब लोगों की स्मरण शक्ति कम हो जाती है तब भी ये अपनी कविताओं का पाठ बिना कागज या मोबाइल देखे करते हैं। ऐसी ही एक कविता की बानगी देखिए......

भाषा कला संस्कृति एवं विधि मंत्री माननीय श्री कपिल मिश्रा जी को लेखक ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जीवन पर संस...
10/06/2025

भाषा कला संस्कृति एवं विधि मंत्री माननीय श्री कपिल मिश्रा जी को लेखक ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जीवन पर संस्कृत भाषा में लिखित अपनी पुस्तक “नरेन्द्र मोदी पंचशतकम् “ भेंट की । यह पुस्तक आर के पब्लिकेशन समूह मुंबई द्वारा प्रकाशित है।
आधुनिक साहित्य के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री के ऊपर संस्कृत भाषा में लिखित यह एकमात्र पुस्तक है। जिसमें मोदी जी के जन्म/परिवार/कार्य और उनके व्यक्तित्व का परिचय दिया गया है।
माननीय मंत्री जी और उनकी टीम का आभार , जिन्होंने मिलने के लिए समय दिया ।
सादर

सभी संपादक मित्रों का आभार।पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर ।X###x*ईर्ष्या  उपन्यास  का व...
09/06/2025

सभी संपादक मित्रों का आभार।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर ।
X###x

*ईर्ष्या उपन्यास का विमोचन एवं परिचर्चा सम्पन्न*

मुंबई, शनिवार 07 जून 2025 को आर के पब्लिकेशन मुंबई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम रेलवे के इंजीनियर महावीर सिंह 'मोहन' द्वारा लिखित उपन्यास ' ईर्ष्या' का विमोचन राम नारायण रुइया के हिंदी विभाग प्रमुख प्रवीण चंद्र बिष्ट , सीमा शुल्क आयुक्त असलम हसन, साहित्यकार शशिधर त्रिपाठी, पत्रकार सुभाष दवे , युवा कथाकार शिवेंद , प्रकाशक रामकुमार के हाथों प्रेस क्लब मुंबई के सभागार में सम्पन्न हुआ।
स्वर के धनी रामस्वरूप साहू जी ने सरस्वती वन्दना का मधुर पाठ करके कार्यक्रम का आरंभ किया।युवा कवयित्री पल्लवी रानी ने कार्यक्रम का संचालन व संस्था के सचिव रामकुमार द्वारा लेखक का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। कार्यकम के अंत में पवन तिवारी ने अपनी चर्चित कविता बेटियां का पाठ किया। शिव दत्त अक्स ने ईर्ष्या पर केंद्रित अपनी गजल का भी पाठ किया।

पुस्तक की प्रशंसा करते हुए असलम हसन जी ने कहा कि ईर्ष्या अगर प्रतिस्पर्धा के रुप में हो तो इंसान को महानता की तरफ ले जाती है। त्रिपाठी जी ने कहा कि ईर्ष्या से कोई बच नही सकता लेकिन यदि इसे सकारात्मक रुप से लिया जाए तो यह प्रेरणा का कार्य करती है। शिवेंद्र जी ने इसे आत्मकथात्मक उपन्यास बताते हुए इसके कथानक पर विस्तार से चर्चा की। सुभाष दवे जी ने इस किताब के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। श्री बिष्ट जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह पुस्तक आज के परिवेश की कहानी है । इस अवसर पर लेखक ने बांसुरी बजाकर सबका मन मोह लिया।
इस मौके पर कथाकार राजेश विक्रांत, रामस्वरूप साहू, ताराचंद मकसाने,संजय रोकड़े, त्रिलोचन अरोड़ा, गुलाबचंद यादव, कृष्ण कुमार मिश्र , सुनील कुमार भगत, तनयवीर अवस्थी, डॉ सुधीर चौबे, लक्ष्मी यादव, डॉ महिमा त्रिपाठी, रजनी साहू, डॉ मो.जावेद,गंगाशरण, शिव दत्त अक्स, मनमोहन धीर, नंदलाल क्षितिज, डॉ अरुण कुमार मिश्र अनुरागी ,मुकेश गौतम, मधु वर्मा सहित कला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े तमाम लोग उपस्थित थे।
सादर

#दैनिक #किताबें

शुभकामना एवम् बधाई
09/06/2025

शुभकामना एवम् बधाई

मुंबई। आर के पब्लिकेशन मुंबई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम रेलवे के इंजीनियर महावीर सिंह 'मोहन' द्वारा लिखि.....

माननीय  संपादक Bhuvendra Tyagi  जी का हार्दिक आभार।दैनिक भास्कर में प्रकाशित पुस्तक विमोचन की खबर।सादर     #किताबें    #...
08/06/2025

माननीय संपादक Bhuvendra Tyagi जी का हार्दिक आभार।
दैनिक भास्कर में प्रकाशित पुस्तक विमोचन की खबर।
सादर

#किताबें #दैनिक #भास्कर

आज गरिमापूर्ण परिवेश में महावीर सिंह मोहन की पुस्तक का विमोचन संपन्न हुआ।विस्तृत सूचना शीघ्र ही दी जाएगी। #किताबें
07/06/2025

आज गरिमापूर्ण परिवेश में महावीर सिंह मोहन की पुस्तक का विमोचन संपन्न हुआ।
विस्तृत सूचना शीघ्र ही दी जाएगी।
#किताबें

एक होटल के इर्द गिर्द बुनी का कहानी की रचना बहुमुखी प्रतिभा के धनी अरुण प्रकाश मिश्र ने की है। मूलत,: श्रृंगार के कवि हो...
06/06/2025

एक होटल के इर्द गिर्द बुनी का कहानी की रचना बहुमुखी प्रतिभा के धनी अरुण प्रकाश मिश्र ने की है। मूलत,: श्रृंगार के कवि होने के कारण अपना उपनाम अनुरागी रख लिया है। जब ये मंच से कविता सुनाते हैं तो पूरा माहौल अनुरागमय हो जाता है और इनका नाम चरितार्थ हो जाता है।
किशोर उम्र के विशेषकर विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए इस नाटक की रचना लेखक ने की है। ड्रग्स , देह व्यापार, अपहरण, चोरी , जुआ आदि अनैतिक कार्यों में लिप्त एक ऐसे समूह (गैंग) की कहानी है, जो गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों को निशाना बनाता है और पैसे का लालच देकर उसे गैर कानूनी कामों मे लगा देता है। पैसे के चकाचौंध में युवतियां भी अपना हित अहित भूलकर इस काम को करने लगती हैं, जिसका अंजाम जेल या पुलिस की गोली द्वारा मृत्य होती है। इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने आज की युवा पीढ़ी को एक संदेश देने की कोशिश की है कि पढ़ने लिखने की उम्र मे इस तरह के गलत रास्ते पर न जाएं क्योंकि इस नतीजा केवल उनको ही नहीं बल्कि उनके परिवार और समाज को भी झेलना पड़ता है। सामान्य वर्ग के जीवन यापन में आनेवाली कठिनाइयों और उससे उपजी त्रासदी का बहुत ही मार्मिक चित्रण लेखक ने किया है।
नए प्रयोग और संवाद के द्वारा लेखक अरुण प्रकाश जी ने एक पठनीय नाटक का सृजन किया है, जिसका मंचन भी सहजता से किया जा सकता है। कम संसाधन में भी इसकी प्रस्तुति की जा सकती है। विषय के अनुसार भाषा की दृष्टि से लेखक ने थोड़ी स्वतंत्रता ली है और महानगरों में बोली जानेवाली भाषा का प्रयोग किया है, जिससे नाटक में प्रभाव बढ़ जाता है।

#किताबें #मुम्बई #नाटक #अरुण #अनुरागी

राजस्थान की सुनहरी भूमि से निकला एक गुमनाम दानवीर सोहनलाल दूगड़ की जीवनी आज की पीढ़ी के लिए मिसाल है।एक अति साधारण परिवार ...
05/06/2025

राजस्थान की सुनहरी भूमि से निकला एक गुमनाम दानवीर सोहनलाल दूगड़ की जीवनी आज की पीढ़ी के लिए मिसाल है।एक अति साधारण परिवार में जन्मे सोहनलाल जी एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के स्वामी थे।वे अपने जीवनयापन के लिए धन को रखकर पूरी संपत्ति दान कर देते थे।विद्यालय ,अस्पताल, धर्मशाला ,जलकूप आदि का निर्माण करवाते थे लेकिन कहीं भी अपने नाम का शिलालेख या किसी भी जगह अपने नाम का जिक्र नही करवाते थे ।एक बार एक विद्यालय के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रूप में इन्हें बुलाया गया था ,जब वे वहां पहुंचे तो विद्यालय का नाम उनके ही नाम पर रखा गया था ,जिसे पढ़कर वे बहुत बिगड़ गए और तब तक उस कार्यक्रम में शामिल नही हुए जब तक कि उनका नाम नामपट हटा दिया गया नही। ओशो से इनकी जब भेंट हुई तो वे उनसे बोले कि मेरे पास आपको देने के लिए पैसों के सिवा और कुछ भी नही है।आज तक ऐसा व्यक्ति ओशो को नहीं मिला था जिसने ऐसा कहा हो।कन्याओं की शिक्षा के लिए और अस्पृश्यों के उत्थान के लिए वे हमेशा समर्पित रहते थे। जब किसी सौदे में कभी अपेक्षा से कम लाभ होता थे तो वे बहुत दुखी होते थे ,जब उनकी पत्नी समझाती थी तो वे कहते थे कि इस बार मैंने उस एरिया में फलां काम करने लिए सोचा था अब उसे नही कर पाऊंगा।ऐसा दुर्लभ मनुष्य शायद ही मिलेगा जो परोपकार न कर पाने के कारण दुखी हो रहा था।

आजादी से पहले अपने गाँव से पैदल सफर करते हुए कलकत्ता तक पहुंचकर अपने दम पर अपने जीवन को गढ़नेवाले सोहनलाल ने अपने समाज के लिए एक ऐसे नायक के रूप में है ,जिसका सम्मान हर व्यक्ति करता है।मरुभूमि से निकला हुआ सोहन लाल नाम का यह मेघ जीवन पर्यंत बरसता रहा।

गीतकार शैलेंद्र पर अब तक सबसे प्रामाणित किताब लिखनेवाले नलिन सराफ ने गहन शोध और तथ्यात्मक जानकारी के साथ इस पुस्तक का लेखन किया है।इस शोध के दौरान कुछ दुर्लभ चित्र भी इनको मिले, जो इस पुस्तक में शामिल है।यह पुस्तक लेखक वर्षों की मेहनत और एक लगन का परिणाम है।

#किताबें

जीवन जीने के लिए केवल रिश्ते ,नाते,समाज, प्यार ,सम्मान ही जरूरी नही है बल्कि स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण की भी आवश्यकता हो...
04/06/2025

जीवन जीने के लिए केवल रिश्ते ,नाते,समाज, प्यार ,सम्मान ही जरूरी नही है बल्कि स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण की भी आवश्यकता होती है।शुद्ध पेयजल और गुणवत्तापूर्ण हवा भी एक इंसान को स्वस्थ रहने के लिए बहुत आवश्यक है।यह पुस्तक संतुलित और समृद्ध जीवन के बुनियादी बातों पर प्रकाश डालती है।इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने विकास कार्य के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से उपजे संकट पर प्रकाश डाला है। लेखक का यह मानना है कि बिना पर्यावरण के रक्षा का उपक्रम किये बिना विकास करना बेईमानी है।विकास वही उत्तम होगा ,जहां पर पर्यावरण को बिना क्षति पहुंचाये सभी कार्य सुनियोजित तरीके से हों।महानगरों में हरे- भरे प्रांगण का स्थान कंक्रीट के जंगलों ने ले लिया है, जिसके कारण दूषित हवा, जल जमाव, कचरे के ढेर और गंभीर बीमारियों का संकट पैदा हो गया है। इनका समाधान यदि सही समय पर सही तरीके से न किया गया तो मानवीय सभ्यता को नष्ट होने से कोई रोक नही सकता है।
महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत यह पुस्तक अपने तथ्यात्मक तर्कों और बुनियादी सवालों का जवाब तलाश करती है। यह पुस्तक वर्तमान के प्रति जागरूक करते हुए भविष्य के प्रति सचेत करती है और एक स्वस्थ जीवन के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की बात करती है।
तकनीकी विषयों के लेखक #डॉ. #अमरीश #सिन्हा जी स्वयं पर्यावरण प्रेमी हैं और इस पुस्तक में प्रस्तुत विचार गहन शोध और अनुभव का परिणाम है। वर्तमान समय में इस तरह की पुस्तक की उपादेयता बहुत बढ़ जाती है।लेखक के अनुसार प्रकृति है तो ही जीवन सम्भव है और जीवन है तभी समृद्धि और विकास है।
सादर

#पर्यावरण #किताबें #मुम्बई

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