आर.के.पब्लिकेशन, मुम्बई

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आर.के.पब्लिकेशन, मुम्बई हिंदी ,मराठी ,अंग्रेजी एवं गुजराती किताबों के प्रकाशक, वितरक एवं विक्रेता।

सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।हिंदी का परचम बुलंद हो। #दैनिक      #हिंदी
14/09/2025

सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।
हिंदी का परचम बुलंद हो।

#दैनिक #हिंदी

11/09/2025
किस बड़े विद्वान का  कहना है कि सरल लिखना सबसे कठिन काम है.एक लेखक के लिए अपनी बात को सरलता से संप्रेषित करने की कला अवश्...
09/09/2025

किस बड़े विद्वान का कहना है कि सरल लिखना सबसे कठिन काम है.एक लेखक के लिए अपनी बात को सरलता से संप्रेषित करने की कला अवश्य विकसित करनी चाहिए.लोकप्रिय साहित्य वही होता है ,जिसे एक साधारण पाठक भी आसानी से पढ़कर उसका मनन कर सके और उससे प्रभावित होकर अपने जीवन में कुछ सुधार करने के लिए प्रेरित हो सके. साहित्य का मूल्याँकन आलोचक हमेशा विधा के मानदंडों पर करते हैं लेकिन एक साधारण पढनेवाला विषय की विविधता और सहजता पर लेखक का मूल्याँकन करता है.भाषा की गूढता से लेखक की विद्वत्ता तो प्रदर्शित हो सकती है लेकिन कहानी में यदि कोई सामाजिक सन्देश न हो तो उसका कोई औचित्य नहीं होता है.

बहुमुखी प्रतिभा के धनी मनोज कुमार गोयल का समकालीन कथाकारों में एक चर्चित नाम है.विषय की विविधता और सरलता इनकी कहानियों का मूल तत्व है.इस संग्रह के माध्यम से लेखक उन छोटी-छोटी बातों की ओर पाठक का ध्यान आकर्षित करते हैं ,जिस पर जीवन की भागदौड़ या अपनी व्यक्तिगत समस्याओं के कारण आम आदमी ध्यान ही नहीं दे पाता है.इन कहानियों को पढ़ते हुए लेखक की संवेदना और सूक्ष्म दृष्टि से पाठक परिचित होता है.

इस संग्रह में संग्रहीत बारह कहानियों का विषय एक दूसरे से बिल्कुल अलग है.सभी कहानियां बड़े दिलचस्प तरीके से शुरू होती हैं और एक मार्मिक सन्देश के साथ ख़त्म होती है. हर कहानी के माध्यम से लेखक एक सकारातमक सन्देश देता है.सामान्य वर्ग के प्रति मन में संवेदना समेटे लेखक अपने कहानियों के माध्यम से यह सन्देश देने की कोशिश करता है कि जीवन अनमोल है और इसे आपसी सहयोग और भाईचारे से गुजारनी चाहिए.इनकी कहानियों में एक तरफ नगरीय परिवेश की चमक-दमक दिखाई देती है तो दूसरी तरफ ग्रामीण और किसानों की बदहाली और हताशा का चित्रण है.

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत यह संग्रह पाठकों के बीच अपना विशिष्ट स्थान बना चुका है.भविष्य में हम लेखक से यह उम्मीद कर सकते हैं कि वे और अधिक जिम्मेदारी से सृजन कार्य करते रहेंगे.

#दैनिक

डॉ बाबा साहब आंबेडकर जी के जीवन पर आधारित खंडकाव्य का लेखन प्रो दिनेश कुमार जी ने किया है, जो स्वयं बाबा साहब द्वारा स्थ...
08/09/2025

डॉ बाबा साहब आंबेडकर जी के जीवन पर आधारित खंडकाव्य का लेखन प्रो दिनेश कुमार जी ने किया है, जो स्वयं बाबा साहब द्वारा स्थापित सिद्धार्थ कॉलेज में अध्यापन का कार्य किया है। इस तरह से यह पुस्तक और भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि उनके ही बनाए कॉलेज के सानिध्य में रहकर, उनके ही विचारों से परिपक्व होकर ,उनके ही व्यक्तित्व पर लेखन करना एक लेखक के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
किसी के व्यक्तित्व का काव्यात्मक उल्लेख करना बहुत कठिन होता है लेकिन प्रो दिनेश कुमार जी ने इस दुस्साध्य कार्य को भी कर दिखाया है।

#दैनिक #न्यूज़ #मुंबई #सिद्धार्थ #कॉलेज

सत्य घटनाओं पर आधारित कहानियां
05/09/2025

सत्य घटनाओं पर आधारित कहानियां

भारतीय शिक्षा व्यवस्था के इतिहास पर एक विहंगालोकन.... #दैनिक      #न्यूज़  #मुंबई
04/09/2025

भारतीय शिक्षा व्यवस्था के इतिहास पर एक विहंगालोकन....

#दैनिक #न्यूज़ #मुंबई

हिन्दी ग़ज़ल आज सर्वाधिक पढ़ी और लिखी जाने वाली विधाओं में से एक है। अपनी व्यापकता और विस्तार में हिन्दी ग़ज़ल ने जीवन क...
03/09/2025

हिन्दी ग़ज़ल आज सर्वाधिक पढ़ी और लिखी जाने वाली विधाओं में से एक है। अपनी व्यापकता और विस्तार में हिन्दी ग़ज़ल ने जीवन के सभी छोटे -बड़े अनुभवों को समेट लिया है। अपनी विशिष्ट संरचना, अनुशासन और कहन के साथ हिन्दी ग़ज़ल अब सिर्फ़ सौन्दर्य और प्रेम का आख्यान नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू यथा- सुख-दुख, दर्शन, समाज, आध्यात्म सबको समेटते हुए आगे बढ़ रही है। दुष्यंत कुमार के ग़ज़ल संग्रह 'साये में धूप' के प्रकाशन के बाद हिन्दी ग़ज़ल ने अपने लिए जो ज़मीन तलाशी है उसका गुरुत्वाकर्षण निरंतर ग़ज़लकारों को अपनी ओर खींच रहा है। और यही कारण है कि आज हिन्दी ग़ज़ल ने अपनी एक समृद्ध परंपरा ही विकसित कर ली है। इसी समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, कवयित्री रचना उनियाल 'अरविंद' का ग़ज़ल संग्रह 'इज़हार' आज हमारे समक्ष है।
'इज़हार' शीर्षक अपने आप में एक व्यापक अर्थ समेटे हुए है। इज़हार महज़ प्रेम की स्वीकारोक्ति तक सीमित नहीं है; यह जीवन के प्रति, अपने समय और समाज के प्रति, अपनी आस्था और अपने आदर्शों के प्रति एक कवि के अंतर्मन की खुली और ईमानदार अभिव्यक्ति है। रचना जी का यह संग्रह इसी भावना का विस्तार है। इसमें जहाँ एक ओर मुहब्बत की नाज़ुक और कच्ची भावनाओं का इज़हार है, वहीं दूसरी ओर वतनपरस्ती के बुलंद जज़्बे का ऐलान भी है। जहाँ एक ओर सामाजिक विसंगतियों पर तीखे सवालों का इज़हार है, तो वहीं जीवन के दार्शनिक सत्यों की सहज स्वीकृति भी है। यह संग्रह एक यात्रा है- दिल की गलियों से शुरू होकर देश की सरहदों तक, व्यक्तिगत अनुभूतियों के आंगन से गुज़रकर सामूहिक चेतना के विशाल प्रांगण तक।
रचना उनियाल की सबसे बड़ी विशेषता उनका अनुशासन है। काव्य की कोई विधा हो वे अपने लेखन को मौलिकता और शिल्प के सुगठन से उसे प्रभावी बना देती हैं। यदि ग़ज़लों की बात करें तो उन्होंने सधे शिल्प के साथ हिंदी और उर्दू के शब्दों का ऐसा सामंजस्य स्थापित किया है जो ग़ज़ल की आत्मा के सर्वथा अनुकूल है। उनकी भाषा न तो अत्यधिक संस्कृतनिष्ठ होकर बोझिल होती है और न ही क्लिष्ट फ़ारसी शब्दावली से दुरूह। यह आम पाठक के हृदय तक सीधे पहुँचने वाली भाषा है, जिसमें 'सनम', 'आशिक़ी', 'रुख़सती', 'इंतज़ार' जैसे ग़ज़ल के पारंपरिक शब्द 'भावना', 'चेतना', 'वेदना', 'संवेदना' जैसे हिंदी के गंभीर शब्दों के साथ घुलमिलकर एक नया सौंदर्य रचते हैं। जहाँ खड़ी बोली की सादगी, उर्दू की नफ़ासत और लोकजीवन के मुहावरे, सब सहज रूप से घुल-मिल जाते हैं। यही कारण है कि उनकी ग़ज़लें पढ़ते हुए पाठक को लगता है कि यह स्वर उसके अपने जीवन से निकला है।

_राहुल शिवाय, नोएडा

समीक्षात्मक कृति  #दैनिक
03/09/2025

समीक्षात्मक कृति

#दैनिक

02/09/2025

मुंबई निवासी व चर्चित श्रृंगार रस के कवि श्री अरुण प्रकाश मिश्र ' अनुरागी' का नया गीत आपके समक्ष उनकी ही आवाज में प्रस्तुत है। शब्द,सुर और संप्रेषण में श्रृंगार छलक रहा है।अब उन्होंने अपना उपनाम अनुरागी रखा है या किसी की नज़र उन पर पड़ गई और अनुरागी के नाम से उन्हें घोषित कर दिया, यह कवि ही बता सकते हैं लेकिन जिस प्रकार भी यह उपनाम मिला है ,उसको अरुण जी सार्थक कर रहे हैं।
मंचो पर अपने मधुर गीतों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध करनेवाले अनुरागी जी मिलनसार प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। हमेशा ऊर्जावान रखते और रहते हैं। सधी हुई दिनचर्या के कारण हमेशा स्वस्थ रहते हैं और दूसरों को प्रेरित करते हैं। देश- विदेश में अनेक स्थानों पर अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं । विभिन्न काव्यमंचो से इन्हें पुरस्कृत भी किया गया है। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी से सम्मानित अरुण जी एक स्थापित गीतकार और कवि है। अपनी सफलता का श्रेय हमेशा ये अपने गुरु दर्शन लाड जी को देते हैं और उनके प्रति कृतज्ञ रहते हैं। अंत में इतना ही कहना है कि गीतों में माधुर्य की चाशनी मिलाकर लोगों का दिल जीतने में अनुरागी जी को महारत हासिल है। तो आइए सावन के बरसने का नहीं बल्कि पिघलने का आनंद लेते हैं।
सादर

#दैनिक #न्यूज़ #मुंबई #अरुण

मुम्बई के चर्चित दैनिक समाचार पत्र ' नवभारत' में  कवि और एक जिंदादिल इंसान नंदलाल क्षितिज के व्यक्तित्व और उनके रचनाकर्म...
31/08/2025

मुम्बई के चर्चित दैनिक समाचार पत्र ' नवभारत' में कवि और एक जिंदादिल इंसान नंदलाल क्षितिज के व्यक्तित्व और उनके रचनाकर्म पर प्रकाशित यह लेख हमें हर्ष की अनुभूति कराता है। प्रो. दयानंद तिवारी जी की लेखनी से इनके लेखन की बानगी बड़ी सुन्दर प्रस्तुति हुई है। नंदलाल जी से एक बार बात हुई थी कि तो उन्होंने कहा था कि कविता मैं बनाता नहीं हूँ और न ही कभी लिखने का प्रयास करता हूँ बल्कि अचानक से भाव आता है और कविता बन जाती है। यदि उसे उसी समय नहीं लिखा तो वह कविता कभी नहीं बन पाती है। मेरी कविता स्वत: स्फूर्त होती है। बिना किसी कारण और दबाव से भाव आ जाते हैं और एक कविता की निर्मित हो जाती है। अब तक इनकी दो मौलिक पुस्तक और कई साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं।

नंदलाल जी से मिलना ऊर्जा देता है और जीवन के प्रति आशान्वित करता है। व्यक्तिगत जीवन के उलझन होने के बाद भी वे हमेशा पूरे जोश में मिलते हैं। आतिथ्य प्रेमी और खुले विचारों के साथ जब भी मिलते हैं तो अगली मुलाकात का कारण भी तय कर देते हैं।
एक बार फिर से नंदलाल क्षितिज जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

#दैनिक #न्यूज़ #मुंबई #नंदलाल #नवभारत

वृक्षों पर केंद्रित 303 मुक्तकों का महत्वपूर्ण संकलन हरित अमृत पुस्तक को जगतगुरु शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी मह...
30/08/2025

वृक्षों पर केंद्रित 303 मुक्तकों का महत्वपूर्ण संकलन हरित अमृत पुस्तक को जगतगुरु शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज को भेंट की गई। इस पुस्तक के रचयिता चर्चित कवि मुकेश गौतम जी हैं । शंकराचार्य जी ने पर्यावरण के प्रति जागरूक करनेवाली इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक सभी के लिए बहुत उपयोगी है और सभी को पढ़ाना चाहिए, जिससे हमारा जीवन आनंददायक बना रहे।

मुकेश गौतम जी द्वारा लिखित यह पुस्तक अनूठी इसलिए भी है कि अब तक केवल वृक्षों को केंद्र में रखकर इतने मुक्तकों का सृजन किसी एक पुस्तक में नहीं हुआ है। यह एक ऐतिहासिक कार्य है। जब भी वृक्ष या पर्यावरण की बात आएगी तब यह पुस्तक प्रासंगिक होगी । रेलवे के पार्कों तथा हाइवे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर इनके मुक्तक स्लोगन के रूप में इस्तेमाल होते रहे हैं। इस पुस्तक के माध्यम से यह अब जन -जन तक अपनी बात को पहुंचा रहे है कि जीवन तभी संभव और खुशहाल होगा जब हमारे आसपास हरियाली और वृक्षों का संरक्षण होगा।

यह पुस्तक सामान्य से लेकर विशिष्ट व्यक्ति के लिए एक उपहार की तरह है। #बुके की जगह #बुक देकर लोगों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। लेखक द्वारा रचित ये मुक्तक जन सामान्य की भाषा और समझ के अनुसार है। बहुत सरल और कम शब्दों में ये मुक्तक जीवन को बेहतर बनाने की सीख देते हैं और हमें स्वच्छ और सुंदर वातावरण के निर्माण के लिए प्रेरित भी करते हैं।

#दैनिक #न्यूज़ #मुंबई #पेड़ #वृक्ष #बाग

गीतों की नई उमंग  #दैनिक        #मुंबई  #न्यूज़
29/08/2025

गीतों की नई उमंग

#दैनिक #मुंबई #न्यूज़

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