01/03/2025
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छत्रपति संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति थे और छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे। उनका जन्म 14 मई 1657 को हुआ था। संभाजी महाराज की वीरता और साहस की गाथा भारतीय इतिहास में अमर है।
संभाजी महाराज का बचपन बहुत ही कठिन परिस्थितियों में बीता। शिवाजी महाराज ने उन्हें छोटी उम्र में ही संस्कार और शिक्षा दी थी। उन्हें राजनीति, युद्धकला, और प्रशासन की गहरी जानकारी थी। संभाजी महाराज केवल 9 साल के थे, जब उनकी मां सईबाई का निधन हो गया। इसके बाद शिवाजी महाराज ने उन्हें काशी विश्वनाथ के साथ रहकर संस्कृत और अन्य विषयों की शिक्षा दिलाई।
संभाजी महाराज एक अद्वितीय योद्धा थे और 17 साल की उम्र में उन्होंने मराठा सेना का नेतृत्व किया। जब शिवाजी महाराज का 1680 में निधन हुआ, तो संभाजी महाराज ने मराठा सिंहासन संभाला। उन्होंने औरंगज़ेब के खिलाफ वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी। संभाजी महाराज की रणनीतिक सोच और युद्धकला के कारण मराठा साम्राज्य औरंगज़ेब की शक्तिशाली मुगल सेना से टकरा गया।
संभाजी महाराज का सबसे बड़ा योगदान मुगलों के खिलाफ लगातार संघर्ष करना था। उन्होंने न केवल मुगलों का डटकर सामना किया, बल्कि