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कौन-कौन से होते हैं अंकुरित अनाजअंकुरित अनाज का जब भी जिक्र होता है तो हर किसी के मन में बस अंकुरिक मूंग का ही ख्याल आता...
15/10/2025

कौन-कौन से होते हैं अंकुरित अनाज
अंकुरित अनाज का जब भी जिक्र होता है तो हर किसी के मन में बस अंकुरिक मूंग का ही ख्याल आता है लेकिन आप अपनी डाइट में गेहूं, मूंग, चना, क्विनोआ, जौ, जई, कुट्टू, बाजरा, ज्वार जैसे कई साबुत अनाज और दालों को शामिल कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में अनाज और दाल को पानी में 24 से 48 घंटे भिगोया जाता है जिससे उनमें अंकुरण शुरू हो जाता है. पूरी तरह अंकुरित हो जाने पर आप इन्हें खा सकते हैं. इन्हें सुबह के नाश्ते में खाना आपकी सेहत के लिए और वजन कम करने के लिए ज्यादा अच्छा हो सकता है.
पाचन के स्वास्थ्य में मददगार
अंकुरित अनाज फाइटिक एसिड और एंजाइम अवरोधकों जैसे तत्वों के असर को काफी हद तक कम कर देता है जो शरीर की कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे खनिजों को अवशोषित करने की क्षमता में रुकावट डाल सकते हैं. दरअसल फाइटिक एसिड और एंजाइम अवरोधक प्लांट बेस्ड एंटीन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो न्यूट्रिएंट्स के एब्जॉर्प्शन को रोकते हैं.
पाचनशक्ति में वृद्धि

अनाज को अंकुरित करने की प्रक्रिया उन एंजाइमों को सक्रिय करती है जो कॉम्प्लेक्स स्टार्च, प्रोटीन और फैट को सरल फॉर्म्स में तोड़ते हैं जिससे पाचन तंत्र के लिए उन्हें प्रॉसेस करना आसान हो जाता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में भी सुधार होता है.

पेट के लिए फुलफिलिंग और लाइट

अंकुरित अनाज पेट के लिए हल्के होते हैं जो पेट फूलने (ब्लोटिंग) जैसे लक्षणों को कम कर सकते हैं और पाचन से जुड़ी संवेदनशीलता वाले लोगों में पाचन में सुधार कर सकते हैं.

बैड कोलेस्ट्रॉल और हार्ट हेल्थ में भी असरदार

अंकुरित अनाज बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे हृदय रोग का जोखिम कम होता है.

वजन कंट्रोल करने में मददगार

फाइबर और कम कैलोरी की वजह से अंकुरित अनाज आपकी वजन घटाने में भी मदद करते हैं. यह आपके पेट को लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं जिससे वजन घटाने की प्रक्रिया में तेजी आती है. हालांकि इसके लिए आपको संतुलित डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करनी होगी.

साथ ही रोज कोई ना कोई फिजिकल एक्टिविटी भी आपकी वेट लॉस जर्नी को आसान बना सकती है. इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की हानिकारक मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से भी रक्षा करते हैं जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा तेज करते हैं और हार्ट-कैंसर जैसी क्रॉनिक डिसीस का रिस्क बढ़ाते हैं.

अरंडी का तेल कैसे कब्ज को दूर करता है?  अरंडी का तेल कब्ज को दूर करने में बेहद असरदार साबित होता है। अरंडी का तेल शरीर स...
15/10/2025

अरंडी का तेल कैसे कब्ज को दूर करता है?
अरंडी का तेल कब्ज को दूर करने में बेहद असरदार साबित होता है। अरंडी का तेल शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसका सेवन करने से पेट और आंतों में जमा गंदगी साफ होती है। अरंडी का तेल आयुर्वेद में कब्ज़ और आंतों की गंदगी दूर करने के लिए एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है। इसमें हल्का मूत्रवर्धक और पाचक गुण होते हैं, जो आंतों की गति को तेज़ करके मल को नरम बनाते हैं।
इसके सेवन से आंतों में जमा टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है। एक कप गर्म पानी लें और उसमें 2-4 चम्मच अरंडी का तेल मिलाएं और अच्छी तरह मिलाएं। इसे सुबह खाली पेट पीना सबसे असरदार माना जाता है। सेवन के बाद हल्का चलना या गर्म पानी पीना पाचन में मदद करता है। इसके बाद आप एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का भी सेवन करें। याद रखें कि जब भी आप दिन में पानी पिएं गर्म पानी ही पिएं।
अरंडी के तेल का ज्यादा सेवन कैसा करता है असर ?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, ज़्यादा मात्रा में अरंडी का तेल निगलना हानिकारक हो सकता है। अरंडी के तेल का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन करने से पेट में ऐंठन, छाती में दर्द, दस्त, चक्कर आना और बेहोशी, जी मिचलाना, सांस लेने में कठिनाई, स्किन पर चकत्ते होना, गले में जकड़न होने जैसे लक्षण दिखते हैं।

कब्ज जैसी समस्या में आप एक गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच इसबगोल (Psyllium Husk), 1 चम्मच घी (Ghee) और एक चुटकी सेंधा नम...
14/10/2025

कब्ज जैसी समस्या में आप एक गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच इसबगोल (Psyllium Husk), 1 चम्मच घी (Ghee) और एक चुटकी सेंधा नमक (Rock Salt) मिलाकर पी सकते हैं. ये तीनों चीजें मिलकर आपके डाइजेशन को बेहतर बनाती हैं और कब्ज से राहत दिलाती हैं.

कैसे काम करता है ये नुस्खा?
इसबगोल में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है. यह पेट में जाकर पानी सोख लेता है और मल को नरम बनाता है, जिससे पेट साफ होने में आसानी होती है.
वहीं, घी में मौजूद ब्यूट्रेट (Butyrate) नामक फैटी एसिड आंतों की दीवारों को हेल्दी रखता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. यह शरीर में अच्छी बैक्टीरिया की ग्रोथ को भी सपोर्ट करता है.
अगर आप चाहें तो इसमें एक चुटकी सेंधा नमक भी मिला सकते हैं. इससे डाइजेशन और बेहतर होता है और पेट में गैस या जलन की समस्या कम होती है.
कब और कैसे पिएं?
न्यूट्रिशन कोच बताती हैं, कब्ज की समस्या में आप सोने से ठीक पहले इस ड्रिंक को पी सकते हैं. वहीं, ये वेट लॉस में भी मदद करती है. ऐसे में अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो रात के खाने से करीब 30 मिनट पहले इसे पी सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान
इसबगोल लेते समय खूब सारा पानी पीना जरूरी है, नहीं तो पेट में भारीपन या ब्लॉकेज जैसी समस्या हो सकती है. न्यूट्रिशन कोच के मुताबिक, यह नुस्खा पूरी तरह नेचुरल है और किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं देता. अगर आप इसे नियमित रूप से अपनाते हैं तो न सिर्फ पेट साफ रहेगा, बल्कि आपका डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होगा.

Thanks for being a top engager and making it on to my weekly engagement list! 🎉 Brylcreem Mont, Ebrahim Mtiku Dirss
14/10/2025

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पाचन और पेट की बीमारियां करता है दूरआंवला का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और पेट से जुड़ी बीमारियां दूर होती है। आं...
13/10/2025

पाचन और पेट की बीमारियां करता है दूर
आंवला का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और पेट से जुड़ी बीमारियां दूर होती है। आंवला अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस और पेट के इंफेक्शन में लाभकारी है। सूखे आंवले का पाउडर या ताजा जूस निकालकर इसका सर्दी में नियमित रूप से सेवन किया जाए तो पाचन तंत्र मजबूत होता है। ये फल पेट साफ करता है, गैस और अपच जैसी समस्याओं का इलाज करता है। आयुर्वेद में इसे पाचन अग्नि को बढ़ाने वाला और दोष नाशक माना गया है।

पेशाब से जुड़ी परेशानियां होती हैं दूर
जिन लोगों को पेशाब में कठिनाई या मूत्र संबंधी रोग हैं, उनके लिए आंवला रामबाण है। इसके लिए आप आंवले की छाल और पत्तियों का काढ़ा बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। लगभग 10 ग्राम छाल और पत्तियों को 400 ग्राम पानी में उबालकर 100 ग्राम बना लें और उसका सुबह और शाम को सेवन करें। यह मूत्र संबंधी रोगों को दूर करता है और शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त रखता है।

उल्टी और पाचन विकार में देता है राहत
आंवले का रस या पाउडर शहद के साथ चाटने या रात को पानी में भिगोकर सुबह सेवन करने से उल्टी और मतली की समस्या में राहत मिलती है। ताजा रस का सेवन भी पेट को मजबूत करता है और शरीर में ऊर्जा प्रदान करता है।
बॉडी को देता है ताकत और सेहत में करता है सुधार
आंवला शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य, शक्ति और ऊर्जा के लिए अमूल्य है। इसका जूस या पाउडर का नियमित सेवन करने से शरीर शुद्ध और मजबूत बनता है। आंवला सर्दी में रोगों से बचाव करता है और आयुर्वेदिक दृष्टि से जीवन को लंबा और स्वस्थ बनाता है।

डायबिटीज करता है कंट्रोल
आंवला में क्रोमियम नामक खनिज होता है, जो इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाता है। यह फल खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करता है, इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है और अग्न्याशय की सूजन को घटाता है। आंवला का घुलनशील फाइबर शुगर को धीरे-धीरे अवशोषित करता है, जिससे भोजन के बाद ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि नहीं होती।

विटामिन D की कमी के लक्षणहड्डियों और जोड़ों में दर्दकमज़ोरी और थकान महसूस होना।मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होना, या म...
13/10/2025

विटामिन D की कमी के लक्षण
हड्डियों और जोड़ों में दर्द
कमज़ोरी और थकान महसूस होना।
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होना, या मांसपेशियों में ऐंठन।
स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा होना।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना।
मूड में बदलाव हो सकता है।
विटामिन B12 की कमी के लक्षण
थकान और कमजोरी
सिरदर्द और चक्कर आना
याददाश्त कम होना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
हाथ-पैरों में सुन्नपन, झुनझुनी या झटके महसूस होना।
खून की कमी से पीली स्किन या सांस लेने में तकलीफ।
मुंह और जीभ में परेशानी

न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट एक्सपर्ट ने बताया बताया अगर आप अपनी बॉडी में इन दोनों विटामिन की कमी की भरपाई करना चाहते हैं तो आप गेहूं के आटे में दो सब्जियों का पेस्ट मिक्स करके इन्हें फॉर्मेट करें और अगली सुबह इस आटे की रोटी बनाकर खाएं। बी 12 और विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए आप पालक और लौकी को मिक्सर में डालकर पीस लें। अब गेहूं के आटे में आप लौकी और पालक का पेस्ट डालें, दो चम्मच दही और स्वाद के मुताबिक नमक मिलाएं और अच्छे से मिक्स करके गूंथ लें। इस आटे को रात भर ढ़क कर बाहर ही रख दें। सुबह इस आटे को मुक्की मार लें और फिर उसकी रोटी बनाकर खा लें।

लौकी, पालक, दही और गेहूं की रोटी कैसे बी 12 और विटामिन डी की करती है भरपाई
गेहूं में लौकी,पालक और दही मिलाकर बनाई गई रोटी फर्मेंटेड रोटी बन जाती है। इस तरह रात भर आटे को गूथ कर रखने से सब्जियों के लाइव एंजाइम और बैक्टीरिया इस आटे को फॉर्मेट करते हैं। फर्मेंटेड फूड में गुड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो विटामिन बी 12 को बनाने में मदद करते हैं। ये फूड आंतों के गुड बैक्टीरिया को पोषण देकर तेजी से गुड बैक्टीरिया का निर्माण करते हैं।

फर्मेंट आटे की रोटी खाने से न सिर्फ बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी पूरी होती है बल्कि आंतों को गुड बैक्टीरिया तेजी से मिलते हैं जो इस कमी को पूरा करने में मदद करते हैं। ये रोटी न सिर्फ खाने में मजेदार लगती है बल्कि पोषण का भी खजाना है। ये रोटी नेचुरल तरीके से बॉडी में विटामिन बी 12 और विटामिन डी की कमी को पूरा करेगी।

दांतों को सफेद बनाने के उपायनींबू और संतरे जैसे खट्टे फलों के छिलकों में प्राकृतिक रूप से सफाई के गुण होते हैं। इन छिलको...
11/10/2025

दांतों को सफेद बनाने के उपाय
नींबू और संतरे जैसे खट्टे फलों के छिलकों में प्राकृतिक रूप से सफाई के गुण होते हैं। इन छिलकों को दांतों पर हल्के से रगड़ने से पीली परत कम हो सकती है और आपके दांत चमकदार दिख सकते हैं। हालांकि, इस उपाय को करते समय ज्यादा जोर से न दबाएं, वरना इनेमल को नुकसान पहुंच सकता है। हफ्ते में एक या दो बार भी यह उपाय करने से फर्क पड़ेगा।
तेल और नमक
आप सरसों के तेल और नमक का इस्तेमाल करके भी अपने दांतों से पीलापन हटा सकते हैं। अगर आप आधा चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी नमक मिलाकर इस मिश्रण से अपने दांतों को ब्रश या मसाज करेंगे तो दांतों पर जमी पीली परत धीरे-धीरे साफ हो जाएगी।
नींबू और बेकिंग सोडा
नींबू और बेकिंग सोडा भी दांतों की सफाई के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। बेकिंग सोडा को एक चम्मच नींबू के रस में मिलाकर इस मिश्रण को दांतों पर मलने से दांतों पर जमी लाल-पीली परत हट जाती है और वे चमक उठते हैं।
दिन में दो बार ब्रश करने की आदत डालें
सबसे बुनियादी लेकिन जरूरी उपाय है कि नियमित रूप से ब्रश करना। बहुत से लोग सिर्फ सुबह के समय ही अपने दांत ब्रश करते हैं, लेकिन सोने से पहले भी ब्रश करना जरूरी है। इससे दिन भर जमा हुए खाने के कण, बैक्टीरिया और प्लाक निकल जाते हैं। दिन में दो बार सही तरीके से ब्रश करने से न सिर्फ पीलापन कम होता है, बल्कि दांतों में सड़न का खतरा भी कम होता है।

मूली एक ऐसी सब्जी है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है। इसमें फाइबर, ...
11/10/2025

मूली एक ऐसी सब्जी है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है। इसमें फाइबर, विटामिन C, पोटैशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। मूली का नियमित सेवन से लिवर और किडनी की कार्यप्रणाली दुरुस्त रहती है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है, स्किन को साफ रखती है और वजन घटाने में भी मददगार होती है। सर्दियों में इसका सेवन खास फायदेमंद माना जाता है क्योंकि यह शरीर को गर्मी और ऊर्जा दोनों देती है।

संतरे के साथ मूली नहीं खानी चाहिए
मूली और संतरे का कॉम्बिनेशन आयुर्वेद के अनुसार उचित नहीं माना जाता। मूली खाने के तुरंत बाद संतरा या अन्य खट्टे फल खाने से शरीर में रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है। यह प्रतिक्रिया पेट में गैस, अपच और जलन का कारण बन सकती है। इसके अलावा यह कॉम्बिनेशन स्किन एलर्जी और शरीर में सूजन पैदा कर सकता है। इसलिए मूली खाने के तुरंत बाद खट्टे फल या संतरा खाने से बचना चाहिए। अगर आप फ्रूट्स खाना चाहते हैं, तो मूली और खट्टे फल के बीच कम से कम 1–2 घंटे का अंतर रखना बेहतर होता है।

करेले के साथ मूली का सेवन नहीं करें
मूली और करेले का कॉम्बिनेशन भी आयुर्वेद में वर्जित माना गया है। दोनों सब्जियों में ठंडक पैदा करने वाले तत्व होते हैं और दोनों को एक साथ खाने पर शरीर में टॉक्सिन बनने का खतरा बढ़ जाता है। यह कॉम्बिनेशन पेट और पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है जिससे पेट में गैस, अपच और पेट में दर्द हो सकता है। इसके अलावा लंबे समय तक इस फूड को कॉम्बिनेशन में खाने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और शरीर में सूजन या एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए मूली और करेले को कभी भी एक साथ नहीं खाना चाहिए।

मूली में हाई फाइबर पाया जाता है, जो पेट की सफाई और हाजमे में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को सक्रिय रखती है और भोजन को आसानी से तोड़कर पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करती है। मूली का सेवन करने सेकब्ज़ और पेट की सूजन जैसी समस्याएं कंट्रोल रहती हैं। इसमें उपस्थित एंज़ाइम्स और प्राकृतिक एसिड्स पाचन को बेहतर बनाते हैं और गैस, अम्लता या अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं। नियमित मूली खाने से लिवर और पाचन तंत्र स्वस्थ रहते हैं, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स भी जल्दी बाहर निकलते हैं।

करेले के साथ मूली का सेवन नहीं करें
मूली और करेले का कॉम्बिनेशन भी आयुर्वेद में वर्जित माना गया है। दोनों सब्जियों में ठंडक पैदा करने वाले तत्व होते हैं और दोनों को एक साथ खाने पर शरीर में टॉक्सिन बनने का खतरा बढ़ जाता है। यह कॉम्बिनेशन पेट और पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है जिससे पेट में गैस, अपच और पेट में दर्द हो सकता है। इसके अलावा लंबे समय तक इस फूड को कॉम्बिनेशन में खाने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और शरीर में सूजन या एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए मूली और करेले को कभी भी एक साथ नहीं खाना चाहिए।
दूध के साथ मूली नहीं खानी चाहिए
मूली और दूध का कॉम्बिनेशन शरीर के लिए हानिकारक माना गया है। मूली खाने के तुरंत बाद दूध पीने से शरीर में जहरीले तत्व बन सकते हैं। यह कॉम्बिनेशन पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और पेट में गैस, अपच और भारीपन जैसी समस्याएं पैदा करता है। साथ ही स्किन एलर्जी या स्किन पर चकत्ते दार दाने आने का खतरा भी रहता है। आयुर्वेद के अनुसार ठंडे तत्वों वाले दूध और मूली को एक साथ खाने से शरीर में असंतुलन पैदा होता है। इसलिए मूली और दूध को अलग-अलग समय पर लेना सबसे सुरक्षित है।

शहद के साथ मूली का सेवन वर्जित है
मूली और शहद का मिश्रण शरीर के लिए हानिकारक बताया गया है। यह संयोजन टॉक्सिन बनाने की क्षमता रखता है, जो शरीर के अंगों पर बुरा असर डाल सकता है। इससे पेट और किडनी पर असर पड़ता है और शरीर में जलन या सूजन हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार यह मिश्रण शरीर में वात और कफ बढ़ाता है, जिससे गैस, अपच, एलर्जी और स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मूली के साथ शहद का सेवन पूरी तरह से टाला जाना चाहिए।

दही के साथ मूली खाने से बचें
मूली और दही का कॉम्बिनेशन भी हानिकारक माना जाता है। दोनों ठंडी प्रकृति की चीजें हैं और एक साथ खाने से शरीर में ठंडक बढ़ती है। यह संयोजन पेट की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे अपच, गैस और भारीपन जैसी समस्या हो सकती है। साथ ही यह कफ संबंधी रोग जैसे सर्दी, खांसी और गले में खराश के लिए भी जिम्मेदार हो सकते है। इसलिए मूली और दही को एक साथ न खाएं। अगर दही लेना ही है तो इसे मूली खाने के कम से कम 1–2 घंटे बाद लेना चाहिए।

सिट्रस फल संतरा या नींबू विटामिन सी से भरपूर और हेल्दी होते हैं, लेकिन इन्हें खाली पेट खाना सही नहीं होता है। इनका हाई ए...
11/10/2025

सिट्रस फल संतरा या नींबू विटामिन सी से भरपूर और हेल्दी होते हैं, लेकिन इन्हें खाली पेट खाना सही नहीं होता है। इनका हाई एसिडिक स्वभाव पेट की लाइनिंग को चिढ़ा सकता है, जिससे एसिडिटी, जलन और गैस बनने लगती है। जिन लोगों को पहले से गैस्ट्रिक या एसिडिटी की समस्या रहती है, उन्हें सुबह के समय इन फलों से परहेज करना चाहिए। ब्लैक कॉफी कई लोग दिन की शुरुआत ब्लैक कॉफी के साथ करना पसंद करते हैं। कॉफी सुबह के समय एनर्जी बढ़ाने के लिए बहुत लोगों की पहली पसंद होती है, लेकिन खाली पेट ब्लैक कॉफी पीना एक एसिड शॉक की तरह काम करता है। डॉ. वत्स्य के अनुसार, ब्लैक कॉफी पेट के एसिड को अचानक बढ़ा देती है। इससे न सिर्फ पेट में जलन होती है, बल्कि ब्लोटिंग, बेचैनी और एनर्जी क्रैश जैसी समस्याएं भी होती हैं। इसके अलावा कॉफी में कैफीन होता है, जो शरीर में कोर्टिसोल यानी तनाव हार्मोन के लेवल को भी बढ़ा देती है, जिससे शरीर का नेचुरल एनर्जी बैलेंस बिगड़ सकता है। भारी, तले-भुने खाने डॉ. वत्स्य के मुताबिक, सुबह-सुबह भारी, ऑयली और मसालेदार खाने से पाचन तंत्र पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। इससे गैस, अपच और दिनभर भारीपन महसूस हो सकता है। तले हुए फूड्स में ट्रांस फैट और मसाले ज्यादा होते हैं, जो पेट में सूजन और एसिडिटी को बढ़ा सकती है। ये सुबह की सुस्ती और थकान का भी कारण बनते हैं। कैसे करें दिन शुरुआत दिन की शुरुआत करने के लिए हल्के और पोषक से भरपूर चीजों से करना बेहतर होता है। ब्रेड-ऑमलेट, इडली-सांभर, डोसा-सांभर, उबले अंडे, केले या सेब जैसे हल्के नाश्ते बेहतर विकल्प हैं। इसके अलावा भिगोए हुए मेवे, ओट्स या केला भी पेट की सेहत को सपोर्ट करते हैं। सुबह उठते ही आप गुनगुना पानी या नींबू-पानी की जगह सादा पानी पी सकते हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन को बेहतर बनाता है। 🥝🍵🥑🍞

गुड़हल और दही पैक (Hibiscus Yogurt Pack)डॉक्टर बताती है गुड़हल यानी हिबिस्कस बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह स्कै...
10/10/2025

गुड़हल और दही पैक (Hibiscus Yogurt Pack)

डॉक्टर बताती है गुड़हल यानी हिबिस्कस बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह स्कैल्प को पोषण देता है और बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है.

भृंगराज और आंवला तेल (Bhringraj and Amla Oil)

भृंगराज और आंवला दोनों ही बालों को काला और घना बनाने में मदद करते हैं. सोने से पहले दोनों तेल बराबर मात्रा में मिलाकर हल्के हाथों से स्कैल्प पर मालिश करें और रातभर ऐसे ही छोड़ दें. सुबह बाल धो लें. यह तेल न सिर्फ बालों की ग्रोथ बढ़ाता है, बल्कि सफेद बालों को काला करने में भी मदद करता है.

अश्वगंधा चाय (Ashwagandha Tea)

अश्वगंधा एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है जो शरीर में मेलानिन बनने में मदद करती है. यही तत्व बालों को काला रंग देता है. एक कप पानी में 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर डालकर 10-15 मिनट तक उबालें. इसमें थोड़ा शहद और नींबू डालकर पिएं. यह चाय तनाव कम करती है और बालों की जड़ों को स्वस्थ रखत

योगासन और प्राणायाम (Inversion Asanas)
योग में कुछ आसन ऐसे हैं जो सिर की ओर रक्त संचार बढ़ाते हैं, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और सफेद बालों की परेशानी कम होने लगती है. खासकर विपरीतकरणी, सर्वांगासन, हस्तपादासन और अधोमुख स्वानासन जैसे आसन रोज करने से स्कैल्प को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे बालों का झड़ना और सफेद होना दोनों रुकता है.

कॉपर और ओमेगा-3 युक्त आहार (Copper and Omega-3 Rich Foods)
आपका खानपान भी बालों के रंग पर सीधा असर डालता है. डाइट में काजू, बादाम, छोले, मशरूम, दही, पनीर, केला, अखरोट, अलसी के बीज, पालक और ब्रोकोली शामिल करने की सलाह देती हैं. इनमें कॉपर, विटामिन-B और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो बालों की नेचुरल रंगत को बनाए रखते हैं.

कैसे करें चावल का पानी तैयार?सादा पानी: एक कटोरी चावल को अच्छे से धो लें। फिर इसमें दो कप पानी डालकर 20-30 मिनट के लिए छ...
09/10/2025

कैसे करें चावल का पानी तैयार?
सादा पानी: एक कटोरी चावल को अच्छे से धो लें। फिर इसमें दो कप पानी डालकर 20-30 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद पानी को छानकर अलग कर लें।
उबला हुआ पानी: चावल को उबालते समय जो पानी बचता है, उसे छानकर ठंडा कर लें।
फर्मेंटेड पानी: यह सबसे असरदार तरीका है। चावल के पानी को एक एयरटाइट कंटेनर में 24-48 घंटे के लिए रखें ताकि इसमें खमीर उठ जाए। इसके बाद इसे इस्तेमाल करें।
5 तरीकों से करें चावल के पानी का यूज
शैम्पू के बाद कंडीशनर की तरह: शैम्पू करने के बाद अपने बालों पर चावल का पानी डालें और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर सादे पानी से धो लें।
स्प्रे बोतल में: चावल के पानी को स्प्रे बोतल में भरकर रखें। जब भी बाल रूखे लगें, इस पानी को बालों पर स्प्रे करें।
हेयर मास्क के साथ: चावल के पानी में एलोवेरा जेल या शहद मिलाकर हेयर मास्क बनाएं और 20 मिनट के लिए लगाकर रखें।
स्कैल्प मसाज के लिए: रूई की मदद से इस पानी को अपनी स्कैल्प पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। यह बालों का झड़ना कम करता है।
रेगुलर हेयर रिंस: हफ्ते में 2-3 बार इस पानी से अपने बालों को धोएँ। कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा।
इसलिए, अगली बार चावल बनाते समय उसका पानी फेंकें नहीं, बल्कि उसे अपने बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करें।

Face Serum For Glow: क्यों फायदेमंद है चावल का पानी?चावल का पानी  स्किन के लिए किसी अमृत से कम नहीं होता है। इसमें मौजूद...
09/10/2025

Face Serum For Glow:
क्यों फायदेमंद है चावल का पानी?
चावल का पानी स्किन के लिए किसी अमृत से कम नहीं होता है। इसमें मौजूद विटामिन बी, ई और एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को अंदर से पोषण देते हैं।
ये स्किन के डलनेस को कम करता है और नेचुरल ब्राइटनेस बढ़ाता है। साथ ही, इससे स्किन पर आने वाले दाग-धब्बे, झाइयां और टैनिंग भी धीरे-धीरे खत्म होती ह
फेस सीरम बनाने के लिए किन चीजों का करें इस्तेमाल?
आधा कप चावल का पानी
1 चम्मच एलोवेरा जेल
1 चम्मच गुलाब जल
1 विटामिन-ई कैप्सूल
घर पर कैसे बनाएं फेस सीरम?
सबसे पहले आधा कप चावल धोकर उसका पानी अलग कर लें और 20 मिनट तक भिगोएं। अब इस पानी को छानकर एक कटोरी में लें।
इसमें एलोवेरा जेल और गुलाब जल मिलाएं। चाहें तो इसमें 1-2 विटामिन-ई कैप्सूल की तेल की बूंदें डाल दें। सब चीजें अच्छे से मिक्स कर लें और इसे एक छोटे ग्लास बॉटल में भर लें।
कैसे करें इस्तेमाल?
सबसे पहले चेहरे को अच्छी तरह धो लें।
कुछ सीरम की बूंदें चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें।
इसे रोजाना नाइट केयर रूटीन में लगाएं।
सुबह चेहरा धो लें और मॉइश्चराइजर लगाएं।
नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में आपका चेहरा ग्लोइंग और सॉफ्ट दिखने लगेगा। इसे रात में इस्तेमाल करने से अच्छे रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं।
क्या हैं फायदे?
स्किन को स्मूद और ब्राइट बनाएगा।
नेचुरल ग्लो लाएगा।
दाग-धब्बे और टैनिंग कम करेगा।
स्किन को करता है हाइड्रेट
मिलेगा इंस्टेंट रिफ्रेशिंग लुक।

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