29/05/2025
आख़िर अमीर लोग कबूतरों के पीछे क्यों पड़े हैं !
आजकल एक दिलचस्प ख़बर सुर्खियां बटोर रही है, जहाँ अमीर लोग अपना काम-धंधा छोड़कर कबूतरों के पीछे पड़ गए हैं! यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी दिलचस्प कहानी है.
डीएलएफ (DLF) भारत की जानी-मानी रियल एस्टेट कंपनी है, जो अपने शानदार और लग्ज़री अपार्टमेंट्स के लिए प्रसिद्ध है. इन अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोग भी बेहद अमीर होते हैं, जिनके पास मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारें होती हैं.
समस्या तब शुरू हुई जब इन लग्ज़री अपार्टमेंट्स और महंगी कारों पर कबूतरों ने अपना डेरा डालना शुरू कर दिया. कबूतरों की बीट से महंगी कारें गंदी हो जाती थीं, फ्लैट्स की बालकनी और खिड़कियाँ भी गंदी रहती थीं. सिर्फ़ इतना ही नहीं, कबूतरों की बढ़ती तादाद के कारण वहाँ छोटी चिड़ियाँ जैसे गौरैया (Sparrows) आनी बंद हो गई थीं, क्योंकि कबूतर उन्हें देखते ही भगा देते थे या मार देते थे.
डीएलएफ के पास ग्राहकों की लगातार शिकायतें आने लगीं. लोग करोड़ों रुपये खर्च करके लग्ज़री जीवनशैली चाहते थे, न कि गंदी कारें और फ्लैट्स. उनकी शिकायत थी कि "हमने इसीलिए करोड़ों रुपये दिए हैं कि हमारा फ्लैट गंदा हो, हमारी कार गंदी हो?"
अब डीएलएफ ने इस समस्या का एक बेहतरीन और अनोखा समाधान निकाला. उन्होंने अपने हर बिल्डिंग पर प्रशिक्षित बाज़ (Trained Falcons) रखने शुरू कर दिए हैं. ये बाज़ इतने प्रशिक्षित हैं कि जैसे ही वे किसी कबूतर को देखते हैं, वे उसे तुरंत भगा देते हैं या पकड़ लेते हैं. इससे न सिर्फ़ कबूतरों की समस्या कम हुई, बल्कि बिल्डिंग्स और कारें भी साफ़ रहने लगीं.
यह घटना हमें एक बहुत बड़ी सीख देती है: दुनिया में हर चीज़ का सब्सीट्यूट है. अगर कोई समस्या है, तो उसका समाधान भी ज़रूर होता है, बस ज़रूरत है एक नए नज़रिए की. डीएलएफ ने इस 'कबूतर समस्या' को एक चुनौती के रूप में देखा और उसका एक ऐसा समाधान निकाला जो ना केवल प्रभावी था, बल्कि उनके लग्ज़री ब्रांड इमेज के भी अनुकूल था.