Oldisgoldfilms

Oldisgoldfilms "We share inspiring content on old age, education, and culture through a streaming platform dedicated to forgotten stories from India's golden era."

Old is Gold Films is a positive news media channel that shares motivational stories and inspiring news. We highlight how successful people shaped their lives—reminding you that you can too, by embracing the joy around you. Our content celebrates old age, education, and culture, with a special focus on forgotten tales from India's golden era, delivered through our dedicated streaming platform.

16/06/2025

नर्गिस और राजकपूर का रिश्ता कभी पर्दे तक सीमित नहीं था। दोनों की केमिस्ट्री सिर्फ 'आग' और 'श्री 420' तक नहीं रही, बल्कि हकीकत में भी बहुत गहराई थी। लेकिन राजकपूर कभी अपने परिवार को छोड़ न सके। नर्गिस ने एक उम्मीद के साथ दिलीप कुमार की ओर रुख किया, मगर वहां से भी उन्हें इनकार मिला। इसी दौरान एक हादसे में जब नर्गिस आग में फंस गईं, तो सुनील दत्त ने अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें बचाया। यही मोड़ उनकी ज़िंदगी बदल गया। राजकपूर से दूर होकर, नर्गिस को मिला एक सच्चा जीवनसाथी। जानिए इस अनकही प्रेम कहानी के दिलचस्प पहलू, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

13/06/2025

एक कार में बैठे थे राजकपूर और जयकिशन, तभी सड़क पर दिखी एक बेहद सुंदर हसीना। जयकिशन बार-बार पीछे मुड़कर उसी की ओर देख रहे थे। यह नज़ारा देख शैलेन्द्र मुस्कराए और तुरंत उनके ज़ेहन में एक गीत का बीज अंकुरित हुआ। उसी पल की प्रेरणा से बना वह गाना जो आज भी सुपरहिट है। क्या आप जानते हैं कौन था वो हसीना? कौन सा था वो गीत? और कैसे बन गया एक आम लम्हा हिंदी सिनेमा का ऐतिहासिक संगीत पल? जानिए इस दिलचस्प किस्से को Old is Gold Films के साथ, जहाँ हम आपको ले चलते हैं उन सुनहरी यादों की गलियों में, जिन्हें आज की पीढ़ी ने भुला दिया है।

12/06/2025

एक ऐसी फिल्म जिसे पहले दर्शकों ने नकार दिया, लेकिन समय के साथ उसे पहचान मिल गई। रेखा को हटाकर एक नई जोड़ी को परदे पर उतारा गया — देवर और भाभी के रिश्ते पर बनी इस फिल्म की शुरुआत ही विवादों से भरी थी। जब फिल्म रिलीज़ हुई तो फ्लॉप साबित हुई, लेकिन आज वही फिल्म कल्ट क्लासिक मानी जाती है। दर्शकों के बदलते नजरिए ने इस अनदेखे रत्न को फिर से चर्चा में ला दिया है। अब यह फिल्म दोबारा रिलीज़ हो रही है, और एक बार फिर इस अनोखी जोड़ी की कहानी लोगों के दिलों को छूने आ रही है। जानिए इस फिल्म के बनने और असफलता से सफलता तक के सफर का पूरा किस्सा, सिर्फ Old is Gold Films के साथ।

11/06/2025

रेहाना सुल्तान... वो नाम जो एक दौर में बोल्ड अदाकारी की पहचान बना था। 70 के दशक में आई "चरणदास चोर" और "दस्तक" जैसी फिल्मों से उन्हें जबरदस्त पहचान मिली। लेकिन फिर अचानक वो रफ्तार धीमी पड़ गई। ऐसा क्या हुआ कि जो अभिनेत्री कभी राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी थी, वो इंडस्ट्री से गायब हो गई? क्या उनकी बोल्ड छवि ही उनकी दुश्मन बन गई? या फिर इंडस्ट्री ने उन्हें समय से पहले भुला दिया? रेहाना की ज़िंदगी में शोहरत, विवाद और अकेलापन – सब कुछ था, पर अंत में रह गई सिर्फ गुमनामी। Old is Gold Films आपको ले चलेगा उस दौर में, जहां एक चमकता सितारा धीरे-धीरे धुंधला पड़ गया। जानिए रेहाना सुल्तान की अनसुनी कहानी, जो आज भी रुला देती है।

Suchitra ने मुस्कुरा कर कुछ नहीं कहा। बस चुपचाप अपनी जगह से उठीं, और बाथरूम की ओर चल पड़ीं। कुछ पल बाद अंदर से आवाज़ आई ...
10/06/2025

Suchitra ने मुस्कुरा कर कुछ नहीं कहा। बस चुपचाप अपनी जगह से उठीं, और बाथरूम की ओर चल पड़ीं। कुछ पल बाद अंदर से आवाज़ आई —
"Dhiren, आ जाइए..."

जब Dhiren अंदर पहुँचे, तो उन्होंने जो देखा, वो उनके कैमरे और दिल — दोनों में कैद हो गया। Suchitra, सफेद तौलिये में, बेहद सहज ढंग से खड़ी थीं। ना कोई बनाव, ना कोई दिखावा। बस एक बेपनाह आत्मविश्वास और खूबसूरती।

Dhiren ने झिझकते हुए पूछा —
"क्या आपकी गाल पर 'No Kiss' लिखा जा सकता है?"

Suchitra फिर मुस्कुराईं। और आवाज़ लगाई —
"Moon Moon, आओ... तुम लिख दो!"

उनकी बेटी Moon Moon Sen ने अपनी माँ के गाल पर खुद अपने हाथों से लिखा — ‘No Kiss’।

जब ये तस्वीर छपी, तो वाकई वही हुआ जो Dhiren ने सोचा था —
फैन्स दीवाने हो गए।

एक ही तस्वीर में मासूमियत, ठाठ, और एक हल्का सा विद्रोह। यही थीं Suchitra Sen — एक परछाईं, जो जितनी दिखती थी, उससे कहीं ज़्यादा छुपी रहती थी।

49 फिल्मों में एक ही किरदार – 'नारद मुनि' बन गए जीवन!"एक समय था जब भारतीय सिनेमा में हर अभिनेता एक से बढ़कर एक किरदार नि...
10/06/2025

49 फिल्मों में एक ही किरदार – 'नारद मुनि' बन गए जीवन!"
एक समय था जब भारतीय सिनेमा में हर अभिनेता एक से बढ़कर एक किरदार निभाने की होड़ में था। मगर एक शख्स ऐसा भी था जिसने एक ही किरदार को इतने रंगों में निभाया कि वही उसका नाम बन गया — जीवन, असली नाम ओंकार नाथ धर।
कश्मीरी पंडित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जीवन बचपन से ही अभिनय के दीवाने थे। लेकिन उन्हें प्रसिद्धि मिली 1950 के दशक में, जब उन्होंने नारद मुनि का किरदार निभाना शुरू किया। एक बार नहीं, दो बार नहीं — उन्होंने 49 से भी ज़्यादा फिल्मों में यही रोल किया।
हर बार जब वह मृदंग लेकर "नारायण नारायण" कहते हुए परदे पर आते, दर्शकों की आँखें चमक उठतीं। उनकी चाल, हँसी, और संवाद अदायगी इतनी प्रभावशाली थी कि लोग उन्हें असल में नारद मुनि मान बैठते।
मज़े की बात ये है कि जीवन साहब ने सिर्फ धार्मिक फिल्मों में काम नहीं किया। वो विलेन के रूप में भी उतने ही मशहूर थे — चाहे वो Amar Akbar Anthony हो या Mela, उनकी खलनायकी में भी एक शाही अंदाज़ होता था।
लेकिन नारद मुनि वाला किरदार उनके करियर का ऐसा मोड़ बना कि आज भी जब पुरानी धार्मिक फिल्में देखी जाती हैं, तो लोग मुस्कुराकर कहते हैं — "अरे, ये तो वही नारद मुनि वाले जीवन हैं!

08/06/2025

लता मंगेशकर और आशा भोसले की अनकही रंजिश का सच सामने आया! जानिए किन बातों ने बहनों के रिश्ते में दरार डाली और कैसे समय के साथ यह दूरी गहराती गई। क्या वाकई दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा ने रिश्तों को कमजोर किया? देखिए Old is Gold Films की ये खास रिपोर्ट, जो लाए है आपके लिए बॉलीवुड की भूली-बिसरी मगर दिलचस्प कहानियां।

06/06/2025

लता मंगेशकर का वो गीत, जिसे जितेंद्र ने ठुकराया… पर अमिताभ बच्चन सुनकर रो पड़े!

हिंदी सिनेमा की स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अनगिनत अमर गीत गाए, लेकिन एक ऐसा भी गीत था जिसे अभिनेता जितेंद्र ने पसंद नहीं किया। उन्होंने साफ कहा — ये गाना फिल्म में फिट नहीं बैठता।

लेकिन वही गीत जब अमिताभ बच्चन ने सुना, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। गीत की गहराई और भावनात्मक प्रभाव ने उन्हें भीतर तक छू लिया।

क्या था वो गीत? किस फिल्म से था? और आखिर क्यों जितेंद्र ने नकारा, जबकि अमिताभ इससे इतने भावुक हो गए? जानिए इस अनसुनी फिल्मी कहानी को Old is Gold Films के साथ।

05/06/2025

शंकर-जयकिशन उस दौर के सबसे हिट और भरोसेमंद संगीतकार थे। जिनका नाम जुड़ते ही गाने सुपरहिट हो जाते थे। लेकिन 1964 में आई फिल्म 'राजकुमार' के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।

फिल्म रिलीज़ से पहले जब इसके गाने मार्केट में लाए गए, तो रिकॉर्ड कंपनियों और दुकानों ने इसे खरीदने से मना कर दिया। कोई भी गाने लेने को तैयार नहीं था। शंकर-जयकिशन के नाम और राजकपूर की मौजूदगी के बावजूद एल्बम फ्लॉप होती दिख रही थी।

तब हुआ एक मास्टरस्ट्रोक! इज्जत बचाने के लिए फिल्म के निर्माताओं ने एक ऐसा दांव चला कि पूरा बाजार गूंज उठा और गाने हाथों-हाथ बिकने लगे। आखिर क्या थी वो तरकीब? कैसे शंकर-जयकिशन ने अपने संगीत की साख को डूबने से बचा लिया?

इस किस्से में है संगीत, चालाकी और उस दौर की मार्केटिंग की समझ। जानिए पूरा मामला इस वीडियो में, सिर्फ Old is Gold Films पर।

31/05/2025

शम्मी कपूर की एक सख़्त फटकार से सायरा बानो की आंखों में आंसू आ गए। शूटिंग के दौरान हुआ था ये वाकया जब सीन पर सायरा कुछ ग़लती कर बैठीं। शम्मी जी ने गुस्से में फटकार लगाई और सायरा बानो रोते-रोते सेट छोड़कर चली गईं। इसके बाद उन्होंने एक चौंकाने वाला फैसला लिया। क्या था वो फैसला? क्यों सायरा बानो ने उस वक्त इंडस्ट्री में सबको चौंका दिया? जानिए इस दिलचस्प किस्से को Old is Gold Films के साथ, पूरी कहानी वीडियो में।

जब 'शोले' के बाद ऋषिकेश मुखर्जी को फिर चाहिए थी 'दोस्ती' — और ‘सा रे गा मा’ बन गया जवाब | Old is Gold Films1975 का साल थ...
29/05/2025

जब 'शोले' के बाद ऋषिकेश मुखर्जी को फिर चाहिए थी 'दोस्ती' — और ‘सा रे गा मा’ बन गया जवाब | Old is Gold Films

1975 का साल था। ‘शोले’ में “ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे” गाना लोगों की ज़ुबान पर चढ़ चुका था। धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की जोड़ी को देखने वाले दर्शक अब उन्हें फिर से किसी मस्तीभरे गाने में देखना चाहते थे।

इसी दौरान ऋषिकेश मुखर्जी Chupke Chupke की शूटिंग कर रहे थे।
उन्होंने राहुल देव बर्मन से कहा:
"मैं फिर से धर्म और अमित को एक मजेदार दोस्ती के गाने में देखना चाहता हूं... कुछ नया, कुछ अलग!"

RD बर्मन थोड़ा सोच में पड़ गए।

तभी उनके पिता, महान संगीतकार सचिन देव बर्मन, जो उस वक्त भी संगीत को लेकर बेहद सजग थे, सामने आए और बोले:
“धर्म और अमित की कैमिस्ट्री के लिए एक फन-सॉन्ग होना चाहिए… चलो कुछ शास्त्रीय से खेलते हैं।”

और वहीं से जन्म हुआ —
“सा रे गा मा…”
जिसे किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी जैसे दिग्गजों ने गाया।
धर्मेंद्र और अमिताभ ने इसे पर्दे पर इस अंदाज़ में निभाया कि आज भी इस गाने को सुनते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

Old is Gold Films के ऐसे किस्से हमें याद दिलाते हैं कि क्लासिक फिल्मों में सिर्फ अभिनय ही नहीं, संगीत के पीछे भी कितनी सोच और दिल लगा होता था।

क्या आपने ध्यान दिया था कि ‘Chupke Chupke’ का 'Sa Re Ga Ma' असल में शोले की ‘दोस्ती’ का म्यूज़िकल जवाब था?

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