
14/06/2025
वो हमेशा के लिए भारत लौटना चाहती थी। अपने लिए नया घर भी उसने बनवाया था। परिवार से दूर रहकर परदेस में नौकरी करते हुए वो ऊब चुकी थी। इसलिए भारत आकर कुछ ज़रूरी कागज़ात साइन व सबमिट करके वो फिर से लंदन लौट रही थी। ताकि वहां की नौकरी का अपना कॉन्ट्रैक्ट पूरा करके हमेशा के लिए अपने घर लौट आए। मगर ज़िंदगी ने उसका साथ छोड़ दिया। अहमदाबाद में हुए दुनिया के सबसे वीभत्स विमान हादसों में से एक में उसकी जान भी चली गई।
रजींता गोपकुमारन। यही नाम था उनका। केरल के पतनमत्तिट्टा ज़िले के पुल्लड की रहने वाली थी रंजीता। पिछले एक साल से लंदन में थी। नर्स थी वहां पर। लंदन से पहले आठ सालों तक ओमान में सपरिवार रही थी। रंजीता को जब बहुत बढ़िया सैलरी पर नौकरी मिली तो वो ओमान से लंदन शिफ़्ट हो गई। पति, बच्चे और मां केरल वापस लौट आए। अबकी दफ़ा वो केरल के थिरुवल्ला ज़िले में बसे थे। नया घर यहीं पर बन रहा था। रंजीता नौकरी करने लंदन तो चली गई। लेकिन परिवार के बिना उस परदेस में उनका मन नहीं लग रहा था। इसलिए उसने केरल में ही नर्स की एक सरकारी नौकरी के लिए अप्लाय किया। और किस्मत से उसे नौकरी मिल भी गई।
रंजीता बहुत खुश थी। हादसे से तीन दिन पहले ही रंजीता अपनी नौकरी के सिलसिले और अपने निर्माणाधीन मकान को देखने भारत आई थी। काम खत्म करके रंजीता लंदन वापस लौट रही थी। पहले ट्रेन से नेदुमबसेरी पहुंची। वहां से एक फ़्लाइट ली जो वाया चेन्नई होते हुए अहमदाबाद पहुंची थी। अहमदाबाद से रंजीता उस बदनसीब फ्लाइट में सवार हुई जिसने टेक ऑफ़ करने के चंद लम्हों बाद ही सैकड़ों की लोगों की जान ले ली।
रंजीता के बाद अब उनके परिवार में उनके पति विनीश, दो बच्चे, बेटा इंदूचूढ़न(कक्षा 10) व बेटी इथिका(कक्षा 7) बचे हैं। इनके अलावा रंजीता जी की मां तुलसी हैं। रंजीता के दो भाई भी विदेश में कहीं नौकरी कर रहे हैं।