गर्व से कहो भारतीय हो

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गर्व से कहो भारतीय हो Proud To Be an INDIAN. This page is for all the Indians who feel Proud to be an Indian. Who loves their Country and can do anything to support their Country.
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Everyone who respect our real life Heros who have sacrificed their life for the country and who are still contributing to the nation in every possible way. We spread the good work done by people in the country and motivate them and other people to keep up the good work. We publish the News about people who are helping others without thinking about their personal interest.

वो हमेशा के लिए भारत लौटना चाहती थी। अपने लिए नया घर भी उसने बनवाया था। परिवार से दूर रहकर परदेस में नौकरी करते हुए वो ऊ...
14/06/2025

वो हमेशा के लिए भारत लौटना चाहती थी। अपने लिए नया घर भी उसने बनवाया था। परिवार से दूर रहकर परदेस में नौकरी करते हुए वो ऊब चुकी थी। इसलिए भारत आकर कुछ ज़रूरी कागज़ात साइन व सबमिट करके वो फिर से लंदन लौट रही थी। ताकि वहां की नौकरी का अपना कॉन्ट्रैक्ट पूरा करके हमेशा के लिए अपने घर लौट आए। मगर ज़िंदगी ने उसका साथ छोड़ दिया। अहमदाबाद में हुए दुनिया के सबसे वीभत्स विमान हादसों में से एक में उसकी जान भी चली गई।

रजींता गोपकुमारन। यही नाम था उनका। केरल के पतनमत्तिट्टा ज़िले के पुल्लड की रहने वाली थी रंजीता। पिछले एक साल से लंदन में थी। नर्स थी वहां पर। लंदन से पहले आठ सालों तक ओमान में सपरिवार रही थी। रंजीता को जब बहुत बढ़िया सैलरी पर नौकरी मिली तो वो ओमान से लंदन शिफ़्ट हो गई। पति, बच्चे और मां केरल वापस लौट आए। अबकी दफ़ा वो केरल के थिरुवल्ला ज़िले में बसे थे। नया घर यहीं पर बन रहा था। रंजीता नौकरी करने लंदन तो चली गई। लेकिन परिवार के बिना उस परदेस में उनका मन नहीं लग रहा था। इसलिए उसने केरल में ही नर्स की एक सरकारी नौकरी के लिए अप्लाय किया। और किस्मत से उसे नौकरी मिल भी गई।

रंजीता बहुत खुश थी। हादसे से तीन दिन पहले ही रंजीता अपनी नौकरी के सिलसिले और अपने निर्माणाधीन मकान को देखने भारत आई थी। काम खत्म करके रंजीता लंदन वापस लौट रही थी। पहले ट्रेन से नेदुमबसेरी पहुंची। वहां से एक फ़्लाइट ली जो वाया चेन्नई होते हुए अहमदाबाद पहुंची थी। अहमदाबाद से रंजीता उस बदनसीब फ्लाइट में सवार हुई जिसने टेक ऑफ़ करने के चंद लम्हों बाद ही सैकड़ों की लोगों की जान ले ली।

रंजीता के बाद अब उनके परिवार में उनके पति विनीश, दो बच्चे, बेटा इंदूचूढ़न(कक्षा 10) व बेटी इथिका(कक्षा 7) बचे हैं। इनके अलावा रंजीता जी की मां तुलसी हैं। रंजीता के दो भाई भी विदेश में कहीं नौकरी कर रहे हैं।

पायलट-इन-कमांड सुमित सभरवाल ने लंदन की उड़ान से पहले अपने पिता को फोन किया। "मैं लंदन पहुंचते ही आपको फोन करूंगा।"सुमित ...
14/06/2025

पायलट-इन-कमांड सुमित सभरवाल ने लंदन की उड़ान से पहले अपने पिता को फोन किया।

"मैं लंदन पहुंचते ही आपको फोन करूंगा।"

सुमित अपने 90 साल के पिता के साथ मुंबई के पवई इलाके में रहते थे. दो साल।पहले मां की मौत हो चुकी थी, पिता घर मे अकेले ही थे लिहाज़ा जब भी फ्लाइट लेकर जाते थे, अपने पड़ोसियों से पिता का ध्यान रखने के लिए कह जाते थे

सुमित ने अपने पिता से वादा किया था कि वो जल्द नौकरी छोड़ कर उनके साथ समय बिताएंगे..

सुमित सभरवाल, एक बेहद अनुभवी पायलट थे, जो 8,000 घंटे से अधिक उड़ान के अनुभव वाले लाइन ट्रेनिंग कैप्टन थे।
कैप्टन सीएस रंधावा ने कहा कि वह खुद उड़ानों की सुरक्षा जांच में शामिल थे।

हे भगवान कितने मासूम थे ये बच्चे...एयर इंडिया के विमान में ली गई ये आख़िरी सेल्फी अब एक चुप सी याद बन गई है। 😢इन मासूम च...
14/06/2025

हे भगवान कितने मासूम थे ये बच्चे...
एयर इंडिया के विमान में ली गई ये आख़िरी सेल्फी अब एक चुप सी याद बन गई है। 😢
इन मासूम चेहरों की मुस्कान में जीवन की सारी खूबसूरती थी…
किसे पता था कि ये सफर ही आख़िरी होगा।
माँ-पापा के साथ ये मासूम फ़रिश्ते भी अब इस दुनिया में नहीं रहे। 💔
एक परिवार... एक सपना... एक मुस्कान...
सब कुछ एक ही पल में थम गया।
ईश्वर इन सभी आत्माओं को शांति दे और पीछे छूटे अपनों को ये ग़म सहने की शक्ति दे। 🙏भावपूर्ण श्रद्धांजलि...

एक टूटे हुए मन से निकले कुछ शब्द…
अगर पढ़ते हुए आपकी आंखें नम हो जाएं,
तो इन मासूम आत्माओं के लिए एक मौन प्रार्थना ज़रूर करें..

13/06/2025
13/06/2025

2025 ने हमें 6 महीने में सीखा दिया, कि आप
कहीं भी सुरक्षित नहीं हो
न ट्रेन में,न प्लेन में, न मैदान में, न घर में, न पहाड़ों में!

लंदन से अहमदाबाद अपनी दादी का जन्मदिन मनाने के लिए आई दो छोटी बहनें उस दुर्भाग्यपूर्ण विमान में सवार यात्रियों में शामिल...
13/06/2025

लंदन से अहमदाबाद अपनी दादी का जन्मदिन मनाने के लिए आई दो छोटी बहनें उस दुर्भाग्यपूर्ण विमान में सवार यात्रियों में शामिल थीं, जो अपनी वापसी यात्रा में एक दुखद दुर्घटना का शिकार हो गया। जो एक खुशहाल पारिवारिक पुनर्मिलन होना था, वह एक अकल्पनीय दुख में बदल गया। उनकी यात्रा प्यार, हंसी और यादगार पलों से भरी हुई थी, जिसने घटनाओं के अचानक मोड़ को उनके परिवार के लिए और भी अधिक दुखद बना दिया। समुदाय उनके नुकसान पर शोक मनाता है, उनकी छोटी लेकिन सार्थक यात्रा के दौरान उनके द्वारा लाई गई खुशी को याद करता है 🙏

मृत्यु का सामना करते समय स्थिरता का ज्ञान। पायलट सुमित सभरवाल का 40 सेकंड का समय बोध।संकट के समय, जब कोई महत्वपूर्ण निर्...
13/06/2025

मृत्यु का सामना करते समय स्थिरता का ज्ञान। पायलट सुमित सभरवाल का 40 सेकंड का समय बोध।

संकट के समय, जब कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना हो, कभी भी विचलित न हों और मन को स्थिर रखें, इसका मतलब है कि हमें मन को केंद्र बिंदु पर रखकर परिस्थिति से निपटना चाहिए, आसपास की स्थिति को अपने मन की स्थिति पर किसी भी तरह से हावी न होने देना चाहिए, और जो समस्या उत्पन्न हुई है, उसका सर्वोत्तम संभव समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए, अर्थात हमें विचलित हुए बिना स्थिरता की स्थिति में चले जाना चाहिए, यही भगवान कृष्ण ने हमें अपने महाभारत में करने की सलाह दी है।

अहमदाबाद के पास एयर इंडिया विमान दुर्घटना में, जब मुंबई के पवई निवासी पायलट सुमित सभरवाल को एहसास हुआ कि अब विमान को अधिक ऊंचाई पर ले जाना असंभव है और यह 304 किमी प्रति घंटे की गति से जमीन की ओर तेजी से बढ़ रहा है, विमान के जमीन से टकराने से पहले केवल 600-900 फीट की दूरी बची है, तो उन्होंने चारों ओर देखा और विमान को ऐसी जगह मोड़ दिया जहां कम से कम नुकसान हो, जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

मैं अब टीवी पर विभिन्न चैनलों पर चर्चा सुन रहा हूँ, जिसमें विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पायलट सुमित सभरवाल ने विमान को घबराहट में, 25,000 की घनी आबादी में कहीं भी गिरा दिया होता, तो विमान बहुत घनी आबादी वाले केंद्र पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता, और मरने वालों की संख्या बहुत भयावह होती।

हमें स्वर्गीय श्री सुमित सभरवाल को श्रद्धांजलि देते हुए उनके विवेकपूर्ण निर्णय के लिए उन्हें नमन भी करना चाहिए।

स्वर्गीय श्री सुमित सभरवाल को भावभीनी श्रद्धांजलि।

13/06/2025

पूर्व सीएम विजय रूपाणी का एयरपोर्ट वीडियो सामने आया।उनके सभी वाहनों का नंबर 1206 था। वह 12वीं सीट पर बैठे थे। यहां तक ​​...
13/06/2025

पूर्व सीएम विजय रूपाणी का एयरपोर्ट वीडियो सामने आया।

उनके सभी वाहनों का नंबर 1206 था। वह 12वीं सीट पर बैठे थे। यहां तक ​​कि उनके दोपहिया वाहन पर भी 1206 नंबर अंकित था। और आज 12-06 है - एक अद्भुत संयोग।

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