18/10/2025
🕉️ “परिणाम वह भुगत नहीं पाएंगे” – प्रेमानंद महाराज
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज (श्रीहित प्रेमानंद गोविंद शरण जी) पिछले कुछ समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। वे पॉलीसिस्टिक किडनी डिज़ीज़ नामक एक दीर्घकालिक रोग से ग्रस्त हैं, जिसकी वजह से उन्हें समय-समय पर डायलिसिस करवाना पड़ता है।
उनकी इस स्वास्थ्य स्थिति को लेकर समय-समय पर भक्तगण चिंता जताते रहे हैं।
लेकिन अक्टूबर 2025 के मध्य में सोशल मीडिया पर अचानक कई भ्रामक वीडियो और पोस्ट वायरल हो गए, जिनमें यह दावा किया गया कि “प्रेमानंद महाराज का देहांत हो गया है” या “वे बहुत गंभीर स्थिति में हैं।”
इन वीडियो में पुराने क्लिप और तस्वीरों को मिलाकर यह दिखाने की कोशिश की गई कि महाराज अब इस दुनिया में नहीं रहे।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म (खासकर यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक) पर कई चैनलों ने प्रेमानंद महाराज के नाम से वीडियो डाले —
शीर्षक थे जैसे:
“वृंदावन से दुखद समाचार!”
“प्रेमानंद जी महाराज ने ब्रह्मलीन अवस्था धारण की!”
“बागेश्वर धाम के बाद अब वृंदावन से बुरी खबर…”
इन वीडियो ने लाखों व्यूज़ हासिल किए, लेकिन इनमें दिखाया गया कंटेंट पूर्णतः झूठा और भ्रामक था।
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इन वायरल अफवाहों से भक्तों में हड़कंप मच गया।
सैकड़ों भक्त वृंदावन के “श्रीहित राधा केलि कुंज” आश्रम पहुँच गए, महाराज के स्वास्थ्य की सच्चाई जानने के लिए।
आश्रम प्रबंधन ने तब बताया कि —
> “महाराज बिल्कुल स्वस्थ हैं, वे वृंदावन धाम में विश्राम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर फैल रही खबरें पूरी तरह झूठी हैं।”
भक्तों की भावनाओं को देखते हुए प्रेमानंद महाराज स्वयं वीडियो संदेश में सामने आए।
उन्होंने बेहद शांत और संयमित स्वर में कहा —
> “मैं इतना ज्यादा सीरियस नहीं था,
लेकिन इस बात को कुछ ज्यादा करके दिखाया गया।
व्यूज और रुपया मिल सकता है,
पर यह अपराध है।
भक्तों के हृदय में दुख पहुँचा है — यह गलत है।”
उन्होंने आगे कहा —
> “ऐसे वीडियो बनाने वाले लोग सोच लें,
परिणाम वह भुगत नहीं पाएंगे।”
यह वाक्य वायरल हो गया — “परिणाम वह भुगत नहीं पाएंगे” — और मीडिया में चर्चा का विषय बन गया।
🔹 प्रेमानंद महाराज का संदेश
1. भक्तों से निवेदन
उन्होंने भक्तों से कहा कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।
“आपका विश्वास ही मेरी शक्ति है। जब तक प्रभु की इच्छा है, मैं राधे राधे कहते हुए इस देह में रहूंगा।”
2. कंटेंट निर्माताओं को चेतावनी
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर व्यूज़ के लिए किसी संत, महात्मा या देवी-देवता से जुड़ी झूठी बातें फैलाना आध्यात्मिक अपराध है।
यह सिर्फ़ क़ानूनी नहीं, आत्मिक दंड का कारण भी बनता है।
3. अपनी सेहत पर स्पष्टता
उन्होंने कहा कि उनकी किडनी की बीमारी पुरानी है, और यह ठीक नहीं होगी,
लेकिन “यह देह प्रभु के संकल्प से चल रही है।”
वे नित्य पूजा, प्रवचन और भक्तों से संवाद कर रहे है।
🔹 17 अक्टूबर 2025: मीडिया कवरेज
प्रेमानंद महाराज बोले – व्यूज मिलेंगे पर ये अपराध है।”
“प्रेमानंद महाराज ने फेक वीडियो बनाने वालों को चेताया – परिणाम भुगत नहीं पाएंगे।”
“महाराज बोले – भक्तों के हृदय को दुख पहुंचाना अपराध है।”
वृंदावन और ब्रज के कई संतों ने ऐसे कंटेंट निर्माताओं की आलोचना की।
कई भक्तों ने सोशल मीडिया पर अपील की कि “धार्मिक विषयों का प्रयोग केवल भक्ति के लिए हो, न कि व्यूज कमाने के लिए।”
प्रेमानंद महाराज की चेतावनी केवल एक व्यक्तिगत प्रतिक्रिया नहीं थी,
बल्कि पूरे धार्मिक समाज के लिए एक सशक्त संदेश थी —
> “धर्म, आस्था और संतों के प्रति झूठ बोलकर लोकप्रियता पाने की कोशिश
न केवल पाप है, बल्कि आत्मा पर भी बोझ है।
व्यूज़ से मनुष्य नहीं बचता, सत्य ही उसका रक्षक होता है।”