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चकबंदी प्रक्रिया में योगी सरकार ने किया बड़ा बदलाव, पैमाइश में नहीं होगी धांधली, ऐसे बनेंगे नक्शेउत्तर प्रदेश सरकार चकबं...
30/11/2025

चकबंदी प्रक्रिया में योगी सरकार ने किया बड़ा बदलाव, पैमाइश में नहीं होगी धांधली, ऐसे बनेंगे नक्शे

उत्तर प्रदेश सरकार चकबंदी प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है। सरकार की कोशिश इसे पारदर्शी बनाना है। इसको लेकर आए दिन होने वाली धांधली की शिकायतों को खत्म करने के लिए चकबंदी से पहले गाटावार रोवर मशीन से ई-नक्शा तैयार कराया जाएगा। इसे पुराने नक्शे से मिलान करते हुए चकबंदी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नक्शा तैयार करने के लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

प्रदेश में मौजूदा समय अभी पुराने नक्शों के आधार पर ही चकबंदी की जा रही है। इससे यह नहीं पता चल पा रहा है कि मौजूदा समय भूमि की क्या स्थिति है। प्रभाशाली लोग अपने हिसाब से जमीनों की पैमाइश करा लेते हैं और छोटे लोगों को हमेशा यह शिकायत रहती है कि उनका हक मारा जा रहा है। इसीलिए उच्च स्तर पर तय किया गया है कि चकबंदी कराने से पहले प्रत्येक गाटे का नया नक्शा तैयार कराया जाएगा। नक्शा तैयार करने के लिए रोवर प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए भूमि के चारों कोने पर रिफ्लेक्टर रॉड लगाए जाते हैं और इससे सटीक नक्शा तैयार हो जाता है। इस नक्शे को पुराने नक्शे से मिलान कराया जाएगा। नए सिरे से चकबंदी कराने के बाद काफी हद तक सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटेंगे।

हर गाटे का नए सिरे से बन रहा है नक्शा
चकबंदी आयुक्त हृषिकेश भास्कर याशोद कहते हैं कि चकबंदी को लेकर आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रत्येक गाटे का नए सिरे से नक्शा तैयार कराया जाएगा। इसे लिए रोवर मशीन का सहारा लिया जाएगा। इससे चकबंदी को लेकर होने वाले विवाद तो खत्म होंगे ही और साथ में किसी कितनी भूमि कहां है उसका वास्तिक रूप से पता चल जाएगा।

पायलेट प्रोजेक्ट सफल रहा तो प्रदेश में लागू होगा
पहले चरण में इसे कुछ गांवों में माडल के तौर पर कराया जाएगा और इसकी सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही चकबंदी के सभी नक्शों को डिजिटाइज किया जाएगा।
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ईसाई ऑफिसर ने गुरुद्वारा जाने से किया इनकार; सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, 'सेना में जगह नहीं'सुप्रीम कोर्ट ने एक ईसाई आर्म...
27/11/2025

ईसाई ऑफिसर ने गुरुद्वारा जाने से किया इनकार; सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, 'सेना में जगह नहीं'

सुप्रीम कोर्ट ने एक ईसाई आर्मी ऑफिसर की याचिका खारिज कर दी, जिसे गुरुद्वारे में पूजा करने से मना करने पर नौकरी से निकाल दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि वह सेना में रहने के लायक नहीं है, क्योंकि उसने सीनियर के आदेश की अवहेलना की थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे झगड़ालू लोग सेना में रहने लायक नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

अनुशासनहीनता का संदेश: कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक ईसाई आर्मी ऑफिसर की याचिका पर सुनवाई की। ऑफिसर को गुरुद्वारे में पूजा करने से जाने के लिए मना करने पर नौकरी से निकाल दिया गया था। याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मिलिट्री में रहने के लायक नहीं है।

नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने नौकरी से बर्खास्त हुए सैमुअल कमलेसन को खारिज करते हुए कहा, '"वह कैसा मैसेज दे रहा है? एक आर्मी ऑफिसर की बड़ी अनुशासनहीनता। उसे नौकरी से निकाल देना चाहिए था। इस तरह के झगड़ालू लोग मिलिट्री में रहने के लायक नही हैं?'

सीनियर के आदेश को किया था मना

सैमुअल कमलेसन तीसरी कैवलरी रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट थे। लेकिन उन्होंने गुरुद्वारे में पूजा करने के लिए जाने से अपने सीनियर के आदेश को मना कर दिया था। उसने कहा था कि उसका एकेश्वरवादी ईसाई धर्म इसकी इजाजत नहीं देता। इसके बाद उसे मिलिट्री डिसिप्लिन तोड़ने के लिए निकाल दिया गया था।

मई में उसने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन अदालत ने आर्मी के फैसले को सही ठहराया था। अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'वह एक शानदार ऑफिसर हो सकता है लेकिन वह इंडियन आर्मी के लिए मिसफिट है। इस समय हमारी फोर्सेज़ पर जितनी ज़िम्मेदारियाँ हैं... हम यह नहीं देखना चाहते।'

सैमुअल कमलेसन की तरफ से सीनियर वकील गोपाल शंकरनारायणन ने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि कमलेसन ने होली और दीवाली जैसे त्योहारों में हिस्सा लेकर दूसरे धर्मों के प्रति सम्मान दिखाया, लेकिन एक ही गलती के लिए उसे नौकरी से निकाल दिया गया। शंकरनारायणन ने संविधान में धर्म को मानने के अधिकार का भी हवाला दिया, लेकिन पीठ इससे सहमत नहीं था।
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ज्वालामुखी फटने के बाद भारत पहुंचा राख का विशाल गुबार, कई उड़ानें रद्दपूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया में हजारों सालों से ब...
25/11/2025

ज्वालामुखी फटने के बाद भारत पहुंचा राख का विशाल गुबार, कई उड़ानें रद्द

पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया में हजारों सालों से बंद एक ज्वालामुखी के फटने से खलबली मची हुई है। हेली गुब्बी नाम के इस ज्वालामुखी फटने के बाद राख का एक विशाल गुबार उबला है और अब यह भारत पहुंच गया है। राख का गुबार लगभग 100-120 किमी प्रति घंटा की गति से बढ़ रहा है और सोमवार रात करीब 11 बजे दिल्ली में दस्तक दे चुका है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया है कि राख का गुबार गुजरात से प्रवेश करते हुए राजस्थान, दिल्ली-NCR और पंजाब की ओर बढ़ा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस रूट की कई विमानों को भी रद्द कर दिया गया है।

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि राख के इस इलाके की ओर बढ़ने से भारतीय हवाई क्षेत्र में और उसके आसपास के हवाई जहाजों के ऑपरेशन पर असर पड़ना शुरू हो गया है और अगले कुछ घंटों में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि ज्वालामुखी की राख, सल्फर डाइऑक्साइड और यहां तक ​​कि चट्टान के छोटे कणों से बने ये गुबार सतह से लगभग 10-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर हैं और इसीलिए फ्लाइट्स पर काफी असर पड़ने की संभावनाएं हैं।

10 हजार साल फटा ज्वालामुखी
अफ्रीकी देश का यह ज्वालामुखी 10 हजार साल से भी ज्यादा समय के बाद सक्रिय हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों से इसकी पुष्टि हुई है। ज्वालामुखी फटने के बाद राख का एक मोटा गुबार लाल सागर से होते हुए यमन और ओमान की ओर बढ़ गया। यह बादल अब उत्तरी अरब सागर के ऊपर फैल रहा है। राख के मिडिल ईस्ट और सेंट्रल एशिया की ओर बढ़ने के बाद, एयरलाइंस ने दोपहर के बाद से ही फ्लाइट्स कैंसिल करना शुरू कर दिया था।

कई उड़ानें रद्द
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे राख से प्रभावित इलाकों से सख्ती से बचें, नई एडवाइजरी के आधार पर फ्लाइट प्लानिंग, रूटिंग और फ़्यूल से जुड़ी बातों को एडजस्ट करें। एयरलाइंस से यह भी कहा गया है कि वे इंजन की परफॉर्मेंस में गड़बड़ी या केबिन के धुएं या बदबू सहित किसी भी संदिग्ध राख के मिलने की तुरंत रिपोर्ट करें।
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यूपी में 3000 करोड़ की लागत से इस हाईवे को बनाया जाएगा सिक्स लेन, हर चौराहे पर बनेंगे 20 नए अंडरपासमेरठ-देहरादून हाईवे प...
13/11/2025

यूपी में 3000 करोड़ की लागत से इस हाईवे को बनाया जाएगा सिक्स लेन, हर चौराहे पर बनेंगे 20 नए अंडरपास

मेरठ-देहरादून हाईवे पर जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए परतापुर से मुजफ्फरनगर तक सिक्स लेन चौड़ीकरण का काम शुरू होगा। एनएचएआई ने डीपीआर तैयार करने के लिए ड्रोन सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे के अनुसार, 20 नए अंडरपास बनेंगे और मंसूरपुर में एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा। मार्च 2026 तक डीपीआर मंत्रालय को सौंपी जाएगी और डेढ़ साल में काम पूरा होने की उम्मीद है

परतापुर से हरिद्वार होते हुए देहरादून जाने वाले हाईवे (पुराना एनएच 58) पर यातायात का बेतहाशा दबाव है। प्रत्येक सप्ताह शनिवार और रविवार को तो वाहनों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि हाईवे पर वाहनों का चल पाना दूभर हो जाता है। बार बार यहां जाम लगता रहता है। लोगों को जाम की इस समस्या से अब जल्द छुटकारा मिल जाएगा।

केंद्रीय मंत्रालय के आदेश पर एनएचएआइ ने इस मार्ग के परतापुर से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा तक सिक्स लेन चौड़ीकरण की डीपीआर तैयार करानी शुरू कर दी है। इसके लिए कंसलटेंट एजेंसी का ड्रोन सर्वे अंतिम चरण में है।

मार्च 2026 तक डीपीआर तैयार करके मंत्रालय को सौंपी जानी है। अभी तक के सर्वे के मुताबिक इस हिस्से में लगभग 20 नए अंडरपास बनाने होंगे। मंसूरपुर में हाईवे को लगभग डेढ़ किमी तक एलीवेटेड गुजारा जाएगा।

हर समय रहती है वाहनों की भीड़, साप्ताहिक छुट्टी पर जाम की स्थिति

दिल्ली से मेरठ होते हुए देहरादून तक जाने वाले पुराने एनएच 58 को अब मेरठ में परतापुर तिराहे से देहरादून तक राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा प्राप्त है। इस मार्ग पर रोजाना गुजरने वाले वाहनों का दबाव बेतहाशा बढ़ गया है।

इसके बाद दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से हजारों की संख्या में लोग शनिवार और रविवार की छुट्टी में पहाड़ी क्षेत्रों पर घूमने के लिए इसी मार्ग से जाते हैं। जिसके चलते शुक्रवार शाम से ही वाहनों की मारामारी मचती है जो कि सोमवार सुबह तक जारी रहती है। इन हालात में इस मार्ग पर बार बार जाम लगता रहता है और वाहनों का यहां से निकल पाना मुश्किल हो जाता है।

होगा सिक्स लेन चौड़ीकरण, खत्म होगी समस्या

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने इस समस्या के समाधान के लिए इस हाईवे को परतापुर से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा तक (लगभग 80 किमी) के हिस्से को सिक्स लेन चौड़ा करने का आदेश दिया है। जिसके बाद एनएचएआइ कंसलटेंट एजेंसी तैनात करके मानव रहित ड्रोन सर्वे करा रही है।

मैसर्स एफपी इंडिया प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड यह काम कर रही है। अब इस हाईवे को कुल 130 मीटर चौड़ा करने के लिए ड्रोन हो रहा है। कंसलटेंट एजेंसी के परियोजना प्रमुख रामपाल सिंह सैनी ने बताया कि सर्वे अब अंतिम चरण में है। इसी सर्वे के आंकड़ों के आधार पर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार होगी।

हर चौराहे पर बनेगा अंडरपास, नहीं रहेगी कोई अड़चन
इस मार्ग पर अभी भी फ्लाईओवर और अंडरपास की संख्या कम नहीं है लेकिन सिक्स लेन चौड़ा करने के लिए अब प्रत्येक चौराहा बंद करके अंडरपास से गुजारा जाएगा। अभी तक 20 नए अंडरपास बनाए जाने का अनुमान है। अधिकांश मार्ग पर सर्विस रोड बनाई जाएगी।

मंसूरपुर में दोनों ओर मार्केट, चीनी मिल, मेडिकल कालेज के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। यहां डेढ़ किमी की दूरी में एलीवेटेड सड़क बनाई जाएगी। पुराने फ्लाईओवर को चौड़ा करके डबल किया जाएगा। इस चौड़ीकरण कार्य के लिए कुछ जमीन भी खरीदनी होगी। इस कार्य में लगभग तीन हजार करोड़ का खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

सर्वे कार्य लगभग पूरा हो गया है। मार्च 2026 तक डीपीआर तैयार कर ली जाएगी। अगले सप्ताह जिलाधिकारी ने इसके लिए बैठक बुलाई है। -अमित प्रणव, परियोजना निदेशक एनएचएआइ

जाम से आम जनता को निजात दिलाने के लिए देहरादून हाईवे सिक्स लेन चौड़ा किया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। डीपीआर बनने के बाद डेढ़ साल में इस काम को पूरा कराया जाएगा। -डा. वी के सिंह, जिलाधिकारी
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दिल्ली धमाका : कई बार बिक चुकी थी धमाके वाली कार, कश्मीर तक पहुंची जांच, अमित शाह ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग दिल्ली के लाल ...
11/11/2025

दिल्ली धमाका : कई बार बिक चुकी थी धमाके वाली कार, कश्मीर तक पहुंची जांच, अमित शाह ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग

दिल्ली के लाल किला के पास एक कार में भीषण धमाका हुआ है. इस धमाके में अभी तक 8 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 16 लोग घायल बताए जा रहे हैं. ब्लास्ट से जुड़ी जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए है, उसे देखकर यह सामान्य धमाका नजर नहीं आ रहा है

फरीदाबाद में मिले 2900 किलो विस्फोटक की जांच अभी चल रही थी कि सोमवार शाम देश की राजधानी दिल्ली एक भीषण धमाके से दहल उठी. रविवार शाम दिल्ली में लाल किला के पास एक कार में भीषण धमाका हुआ. धमाका इतना तेज था कि आस-पास की कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए. शाम का समय यहां काफी भीड़ होती है. इस धमाके की जद में आकर कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए. धमाके के बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल में लाया गया. अभी तक इस धमाके में 8 व्यक्ति की मौत हो गई है.

अमित शाह बोले- धमाके में 8 लोगों की हुई मौत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने LNJP में घायलों से मिलने के बाद बताया कि इस धमाके में 8 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल धमाका कैसे हुआ, इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी. अमित शाह ने कहा कि कल गृह मंत्रालय में सभी जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई गई है.

धमाके में जुड़ी भयावह तस्वीरें और वीडियो आए सामने

धमाके में कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. ब्लास्ट से जुड़ी जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए है, उसे देखकर यह सामान्य धमाका नजर नहीं आ रहा है. धमाके से आस-पास की कई गाड़ियों में भी आग लग गई है. धमाके के बाद रेस्क्यू-ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.

बताया जाता है कि धमाका मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास सोमवार को पार्किंग में खड़ी एक कार में अचानक धमाका हो गया. धमाके के बाद आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास खड़ी तीन और गाड़ियां भी जल गईं. सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया.

पुलिस ने यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया

दिल्ली पुलिस ने शहर के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए विस्फोट के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है

पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा

ताज़ा पूछताछ से पता चला है कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति आमिर है. आमिर ने कार तारिक को दी थी। तारिक ने कार उमर मुहम्मद को दी थी. उमर, आदिल और मुज़म्मिल का मुख्य साथी है.

कार दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद की थी

शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की है कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद की थी. वह उसी मॉड्यूल से जुड़ा है जिसका भंडाफोड़ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में किया था, जो डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. आदिल से जुड़ा था. जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त करने के बाद, उमर और उसके साथी कथित तौर पर घबरा गए और लाल किले के पास विस्फोट कर दिया.

जांचकर्ताओं का सुझाव है कि निशाना मध्य दिल्ली में कहीं भी हो सकता था, क्योंकि कार लाल किले से शहर के केंद्र की ओर जाती देखी गई थी. पुलिस और खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि लाल किले पर हुए आतंकी हमले में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तारिक को पुलवामा में हिरासत में लिया

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तारिक को पुलवामा में हिरासत में लिया है. शुरुआती पूछताछ जारी है. उसे आगे की पूछताछ के लिए सुबह जल्दी श्रीनगर लाया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि शुरुआती पूछताछ में तारिक ने खुलासा किया है कि कार आमिर नाम के एक व्यक्ति को बेची गई थी और फिर तारिक को दी गई, जिसने इसे आगे उमर को दे दिया.

लिथियम को भूल जाइए, दुनिया के लिए नया 'खजाना' बना यह क्रिटिकल मिनरल, भारत में है विशाल भंडार, खत्‍म होगी चीनी दादागिरीदु...
30/10/2025

लिथियम को भूल जाइए, दुनिया के लिए नया 'खजाना' बना यह क्रिटिकल मिनरल, भारत में है विशाल भंडार, खत्‍म होगी चीनी दादागिरी

दुनियाभर में इन दिनों दुर्लभ खनिजों पर कब्‍जा करने की होड़ मची हुई है। चीन जहां दुनिया के दुर्लभ खनिजों पर लगभग 'कब्‍जा' कर चुका है, वहीं अमेरिका, जापान और भारत जैसे देश उसे लगातार चुनौती दे रहे हैं। पूरी दुनिया में इन दिनों इलेक्ट्रिक गाड़‍ियों की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है जो ल‍िथियम आयन बैट्री से चलती हैं। इसके पीछे वजह है कि दुनिया अब स्‍वच्‍छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ा रही है। चीन ल‍िथियम को लेकर व‍िश्‍वभर के देशों को आंख दिखा रहा है। चीनी कंपनियों ने बैट्री की दुनिया में दबदबा कायम कर लिया है। चीन की इस चुनौती के बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रेफाइट अब नया क्रिटिकल मिनरल बन गया है जो ल‍िथियम बैट्री उद्योग की रीढ़ है। वहीं ग्रेफाइट के भंडार की बात करें तो दुनिया का सबसे बड़ा ग्रेफाइट भंडार चीन के पास है लेकिन भारत की धरती भी इस खजाने से भरी हुई है।

भारत में ग्रेफाइट के हैं व‍िशाल भंडार

व‍िज्ञान पत्रिका नेचर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेफाइट ल‍िथियम आयन बैट्री की रीढ़ है। यह अब नया क्रिटिकल म‍िनरल बन गया है। इसी वजह से यह स्‍वच्‍छ ऊर्जा की ओर बढ़ती दुनिया के लिए एक महत्‍वपूर्ण खनिज बन गया है। प्राकृतिक ग्रेफाइट की आपूर्ति दुनिया के कुछ ही जगहों पर केंद्रित है और इसका उत्‍पादन भी बढ़ाना मुश्किल है। इससे दुनिया में सप्‍लाई में दिक्‍कत आ रही है। इसी को देखते हुए दुनिया में कृत्रिम ग्रेफाइट का इस्‍तेमाल काफी ज्‍यादा होता है जो ज्‍यादा शुद्ध होता है और उसका प्रदर्शन भी अच्‍छा होता है। हालांकि इसे बनाने में काफी ज्‍यादा ऊर्जा खर्च होती है जो जीवाश्‍म ईंधन से बनती है। यह पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है।

भारत में मौजूद है ग्रेफाइट का व‍िशाल भंडार

ग्रेफाइट का भविष्‍य अब दो बदलावों पर टिका हुआ है। पहला- नवीकरणीय कार्बन स्रोतों से 'ग्रीन' उत्‍पादन और पुरानी बैटरियों से ग्रेफाइट को रीसायकल करना। ग्रेफाइट लिथियम आयन बैट्री में एनोड के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है। एनोड बैट्री का वह हिस्‍सा होता है जो चार्जिंग और डिस्‍चार्जिंग के दौरान आयनों को स्‍टोर करता है। ग्रेफाइट स्‍वच्‍छ ऊर्जा की ओर दुनिया के बढ़ते कदम के लिए बहुत जरूरी है। वहीं प्राकृतिक ग्रेफाइट के भंडार की बात करें तो चीन जहां पहले नंबर पर है, वहीं भारत में भी इसका विशाल भंडार मिला है। भारत दुनिया में सातवें नंबर पर है।
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मुजफ्फरनगर में चिकनगुनिया का प्रकोप, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार नहीं मिलने से लोगों में आक्रोशमुजफ्फरनगर जनपद के...
30/10/2025

मुजफ्फरनगर में चिकनगुनिया का प्रकोप, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश

मुजफ्फरनगर जनपद के गालिबपुर क्षेत्र में चिकनगुनिया और टाइफाइड का प्रकोप बढ़ गया है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर समुचित इलाज न मिलने के कारण सैकड़ों मरीज निजी अस्पतालों का रुख करने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की कथित निष्क्रियता से लोगों में आक्रोश है।

गालिबपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले मोहद्दीनपुर, बहापुर, बिहारीपुर, गालिबपुर, पमनावली, चित्तौड़ा, छछरपुर, अती, गदनपुरा, मीरापुर और नंगली महासिंह सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में लोग चिकनगुनिया की चपेट में हैं। मौसम बदलने के साथ ही बुखार और अन्य बीमारियों ने तेजी से पैर पसारे हैं, जिससे पुरुष, महिलाएं और छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।

जिले में एक जिला अस्पताल, खतौली में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और गालिबपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी अपने कार्यालयों में निष्क्रिय बैठे हैं, जबकि ग्राम प्रधान भी फॉगिंग और साफ-सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।

मरीज अपने तीमारदारों के साथ छोटे-बड़े अस्पतालों और निजी चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। दो-तीन दिन के प्राथमिक उपचार के बाद भी जब सेहत में सुधार नहीं होता, तो डॉक्टर रक्त जांच की सलाह देते हैं। जांच रिपोर्ट में चिकनगुनिया और कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार की पुष्टि हो रही है। चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों को जोड़ों में लंबे समय तक दर्द की शिकायत रहती है।

इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खतौली के डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि मौसम बदलने के कारण वायरल का प्रकोप है। उन्होंने कहा कि रक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर ही उपचार दिया जाता है और मरीजों के इलाज के लिए जल्द ही गांवों में डॉक्टरों की टीम भेजी जाएगी।
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29/10/2025

उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य में ₹30 की बढ़ोतरी से किसानों में खुशी की लहर- अभिषेक चौधरी

मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा नेता अभिषेक चौधरी गुर्जर ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में की गई ₹30 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से किसानों में खुशी की लहर है और इस एक झटके में उन्होंने विपक्ष को मुद्दाविहीन कर दिया है।

विपक्ष पर साधा निशाना

अभिषेक चौधरी गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सपा और बसपा के शासनकाल में किसानों को चीनी मिलें चलवाने के लिए धरना-प्रदर्शन करने पड़ते थे। उन्होंने मौजूदा स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि आज स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की कुछ चीनी मिलों ने तो अक्टूबर माह में ही पेराई सत्र शुरू कर दिया है, और बाकी मिलें भी नवंबर की शुरुआत में गन्ना पेराई का कार्य शुरू कर देंगी।

गुर्जर ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा और बसपा के शासन में किसानों को कई-कई वर्षों तक गन्ने का भुगतान नहीं मिलता था। इस कारण किसानों को साहूकारों से ब्याज पर पैसा लेकर बच्चों की पढ़ाई और विवाह-शादी जैसे काम करने पड़ते थे, जिसके बदले उन्हें मोटा ब्याज चुकाना पड़ता था, जबकि चीनी मिलों पर बकाया भुगतान पर किसानों को कोई ब्याज नहीं मिलता था।

भुगतान में तेजी पर ज़ोर

भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा शासन में स्थिति बदली है। अब कुछ चीनी मिलें तो एक सप्ताह में ही गन्ना भुगतान कर देती हैं, जबकि बाकी मिलें 15 दिनों के भीतर किसानों का भुगतान कर देती हैं।

अभिषेक चौधरी गुर्जर ने गन्ना मूल्य में ₹30 की बढ़ोतरी किए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष आभार व्यक्त किया और कहा कि सरकार के इस फैसले से किसान और अधिक खुशहाल होंगे।
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मुजफ्फरनगर : निकिता शर्मा बनीं खतौली की नई SDM, ढाई माह बाद मिली जिम्मेदारी; कई अधिकारियों के तबादलेजिलाधिकारी  उमेश मिश...
29/10/2025

मुजफ्फरनगर : निकिता शर्मा बनीं खतौली की नई SDM, ढाई माह बाद मिली जिम्मेदारी; कई अधिकारियों के तबादले

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने प्रशासनिक फेरबदल करते हुए कई एसडीएम (उप जिलाधिकारी) स्तर के अधिकारियों के कार्यक्षेत्रों में बदलाव किया है। इस तबादले में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव पीसीएस अधिकारी निकिता शर्मा को लेकर हुआ है, जिन्हें अब खतौली तहसील का चार्ज सौंपा गया है।

निकिता शर्मा को खतौली की जिम्मेदारी

सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, एसडीएम मुख्यालय के रूप में कार्य कर रहीं निकिता शर्मा को खतौली तहसील की कमान दी गई है। यह जिम्मेदारी उन्हें लगभग ढाई माह बाद दी गई है। गौरतलब है कि निकिता शर्मा पहले मुजफ्फरनगर सदर तहसील की एसडीएम थीं, लेकिन कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के साथ हुए विवाद के चलते छह अगस्त को उन्हें पद से हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया था।

मंत्री ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में निकिता शर्मा पर जनप्रतिनिधियों के प्रति अनुचित व्यवहार और भू-माफियाओं को संरक्षण देने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। जांच के बाद जिलाधिकारी ने उन्हें सदर पद से हटा दिया था। अब उन्हें पुनः जिम्मेदारी देते हुए खतौली तहसील का एसडीएम बनाया गया है।

इस फेरबदल में खतौली में कार्यरत एसडीएम राजकुमार भारती को एसडीएम जानसठ के पद पर स्थानांतरित किया गया है। वहीं, जानसठ तहसील में एसडीएम न्यायिक पद पर तैनात पीसीएस अधिकारी राहुल देव भट्ट को निकिता शर्मा के स्थान पर एसडीएम मुख्यालय की जिम्मेदारी सौंपते हुए अटैच किया गया है।

जिलाधिकारी द्वारा किए गए इन तबादलों को प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
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सरसों की खली बन रही किसानों की पहली पसंद, धान की खेती में बढ़ाएगी उत्पादन और गुणवत्तासरसों की खली में प्राकृतिक रूप से न...
29/07/2025

सरसों की खली बन रही किसानों की पहली पसंद, धान की खेती में बढ़ाएगी उत्पादन और गुणवत्ता

सरसों की खली में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम के साथ कई सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ये तत्व न केवल धान के पौधे को मजबूत बनाते हैं, बल्कि उसकी जड़ों को गहराई तक पोषण देते हैं. खली के प्रयोग से धान की पत्तियां अधिक हरी, चमकदार और रोगमुक्त बनी रहती हैं.‌ यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में भी सहायक है.

उत्तराखंड के पर्वतीय और तराई क्षेत्रों में अब खेती के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. परंपरागत रासायनिक खादों और यूरिया की जगह किसान जैविक विकल्पों को प्राथमिकता देने लगे हैं. खासतौर पर सरसों की खली ने एक बेहतरीन जैविक खाद के रूप में अपनी पहचान बनाई है. बागेश्वर, कपकोट और गरुड़ जैसे क्षेत्रों में धान की खेती करने वाले किसानों के बीच सरसों की खली का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है.

धान की फसल को देता है संपूर्ण पोषण
सरसों की खली में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम के साथ कई सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ये तत्व न केवल धान के पौधे को मजबूत बनाते हैं, बल्कि उसकी जड़ों को गहराई तक पोषण देते हैं. खली के प्रयोग से धान की पत्तियां अधिक हरी, चमकदार और रोगमुक्त बनी रहती हैं.‌ यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में भी सहायक है. जिससे खेत की गुणवत्ता वर्षों तक बनी रहती है.

रासायनिक खादों से हो रहा था नुकसान
स्थानीय किसान आर पी कांडपाल बताते हैं कि पहले हम यूरिया और डीएपी जैसे रासायनिक खादों का उपयोग करते थे. इससे फसल तो तेजी से बढ़ती थी, लेकिन मिट्टी की ताकत हर साल घटती जा रही थी. वहीं जब से हमने सरसों की खली का उपयोग शुरू किया है. फसल की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है और उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.

उपयोग में आसान और किफायती
सरसों की खली का प्रयोग बेहद सरल है. खेत की जुताई के समय या रोपाई के तुरंत बाद इसे मिट्टी में अच्छी तरह मिला दिया जाता है. पानी देने के बाद खली धीरे-धीरे घुलकर पौधों को पोषण देती रहती है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, और मिट्टी में जैविक क्रियाओं को भी प्रोत्साहन मिलता है.

किचन गार्डन के लिए भी फायदेमंद
केवल बड़े खेतों तक ही नहीं, बल्कि घरों में बनाए जाने वाले किचन गार्डन में भी सरसों की खली का उपयोग किया जा सकता है. टमाटर, मिर्च, पालक जैसे पौधों के लिए यह एक उत्तम खाद मानी जाती है. छोटे गमलों में भी सप्ताह में एक बार थोड़ी मात्रा में खली मिलाने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फल भी अधिक लगते हैं

सतत कृषि की ओर एक ठोस कदम
जैविक खेती के क्षेत्र में सरसों की खली जैसे विकल्प आने वाले समय में पर्यावरण के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में मदद करेंगे. कृषि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि यह प्रयोग सतत कृषि की दिशा में एक मजबूत और टिकाऊ कदम है. इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य और मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी. इस प्रकार सरसों की खली, खेती में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, पोषक और पर्यावरण अनुकूल कृषि सुनिश्चित हो सकेगी.
साभार

29/07/2025

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बुढ़ाना में अवैध खनन पर प्रशासन का शिकंजा, एसडीएम ने ट्रैक्टर-ट्रॉली की सीजमुज़फ्फरनगर- बुढ़ाना तहसील क्षेत्र में अवैध खन...
29/07/2025

बुढ़ाना में अवैध खनन पर प्रशासन का शिकंजा, एसडीएम ने ट्रैक्टर-ट्रॉली की सीज

मुज़फ्फरनगर- बुढ़ाना तहसील क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की। गुरुवार को एसडीएम मोनालिसा जौहरी ने पुलिस और प्रशासनिक टीम के साथ मिलकर एक खेत में चल रहे अवैध खनन स्थल पर छापेमारी की। यह कार्रवाई एक जमीन मालिक की शिकायत पर की गई, जिसमें बताया गया था कि खनन माफिया उनकी जमीन से मिट्टी की चोरी कर रहे हैं।

सूचना मिलते ही एसडीएम जौहरी ने बिना देरी किए मौके पर पहुंचकर कार्यवाही शुरू की। प्रशासनिक टीम को देखते ही अवैध खनन में संलिप्त व्यक्ति ट्रैक्टर से कूदकर गन्ने के खेतों में फरार हो गए। हालांकि, मौके से मिट्टी से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बरामद की गई, जिसे बुढ़ाना कोतवाली लाकर सीज कर दिया गया।
साभार

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