
19/03/2025
उत्तराखंड में 'राजनीतिक ठगों' की इनिंग खत्म – धामी सरकार विकास की पिच पर मजबूती से डटी!
कुछ छुटभैये, ठुकराए हुए नेता, और जनता द्वारा नकारे जा चुके लोग आजकल खुद को उत्तराखंड का ठेकेदार समझने लगे हैं। कभी बेरोजगारों के मसीहा बनते हैं, कभी पहाड़-प्लेन की नौटंकी करते हैं, और जब खुद चुनाव लड़ते हैं, तो जनता उन्हें जमानत जब्त करवा कर जवाब दे देती है। ऐसे लोगों की औकात ही क्या है, जो उत्तराखंड की सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर ऊंगली उठा रहे हैं?
धामी सरकार = विकास, और ये 'राजनीतिक पाखंडी' = धोखा!
धामी सरकार जब उत्तराखंड को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम कर रही है, तब कुछ फर्जी क्रांतिकारी सिर्फ हंगामा खड़ा करने में लगे हैं। उन्हें ना राज्य के विकास से मतलब है, ना युवाओं की असली चिंता है। उनका एकमात्र एजेंडा है—अपने निजी स्वार्थ पूरे करना, युवाओं को आंदोलन की आग में झोंकना, और सरकार को बदनाम करना।
लेकिन उत्तराखंड की जनता अब बेवकूफ नहीं है! जो लोग खुद को 'युवाओं का हमदर्द' बताते हैं, असल में वही उनके भविष्य से खेल रहे हैं। ये वही लोग हैं जो चुनाव लड़ते वक्त युवाओं को छोड़कर अपनी कुर्सी के लिए भागते हैं और जब हार जाते हैं, तो फिर से बहानेबाज़ी और झूठ फैलाने में जुट जाते हैं।
अब उत्तराखंड में नौटंकी नहीं, सिर्फ विकास चलेगा!
बंगला नंबर 2, मुख्यमंत्री निवास, या कोई भी दूसरी बेतुकी बात—सत्ता में वही रहता है, जो जनता के लिए काम करता है। धामी सरकार की इनिंग लंबी चलेगी, और जो लोग विकेट गिरने की फर्जी खबरें फैला रहे हैं, वे खुद 'पॉलिटिकल डक' पर आउट हो चुके हैं!
उत्तराखंड अब सिर्फ उन लोगों के साथ खड़ा होगा, जो राज्य को आगे ले जाएं, न कि उन छुटभैयों के साथ, जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए उत्तराखंडियत को चोट पहुंचाते रहें। धामी हैं, धामी रहेंगे—बाकी जो हवा में उड़ रहे हैं, उनका गिरना तय है!