
13/09/2025
वैसे मै झाड़ फूँक मे विश्वास नहीं करता लेकिन ज़ब कभी अपने पर आ जाती है तो थोड़ा सा विश्वास कर लेता हूँ
बुधवार को छुटी रहती है तो मै घूमने निकल जाता हूँ, विचाली घाट वहाँ पर बैठ कर फेरी को इस पार से उस पार आते जाते देखते रहता हूँ उसी बीच दरिया मे जुआड़ आना शुरू हो जाता है, तो जो वहाँ पर कुछ औरतें और पुरुष बोतल मे पानी भरने लगते हैं वो भी एक दो आदमी नहीं करीब 15 बीस आदमी को मैंने देखा वहाँ बोतल मे पानी भरते हुए
उसी बिच मैंने उनमें से एक आदमी से पूछा भाई ये बोतल मे पानी क्यूँ भर कर ले जा रहे हो वो भी ये मैली पानी तब उस भाई साहब ने बताया की ज़ब दुकान या घर पर किसी की बुरी नज़र लग जाती है तब ये जुआड़ की पानी पर दम कर के इस पानी को छिंटा मारने से नज़र उतर जाती है
मैंने पूछा क्या सच्च मे ऐसा होता है फिर उस भाई साहब ने कहा ज़ब आप पे आएगी तब आप ये वाली नुस्खे आजमाना फिर समझ आ जाएगी..!