Urdu Safar

Urdu Safar Islamic Channel Showing Religions and Cultural Programs & News

Breaking Urdu Safar *"मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों ने नागपुर पुलिस कमिश्नर से की मुलाकात"*▶️ *धार्मिक स्थानों पर Loudsp...
14/07/2025

Breaking Urdu Safar
*"मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों ने नागपुर पुलिस कमिश्नर से की मुलाकात"*
▶️ *धार्मिक स्थानों पर Loudspeaker लगाना है तो लेनी पड़ेंगी पोलिस परमिशन*
➡️ वीडियो देखने के लिए लिंक 👇 पर क्लिक करें 👍 शुक्रिया
https://youtu.be/mV1x0Lg9yKU

14/07/2025

السلام علیکم ورحمتہ اللہ تعالیٰ وبرکاتہ

आज शहर नागपुर के तमाम मकातिब ए फिक्र के मस्जिद के जि़म्मेदारान की मीटिंग नागपुर शहर के पुलिस कमिश्नर साहब के साथ हुई। इस मीटिंग में शहर के मशहूर व मारूफ एडवोकेट आसिफ कुरेशी साहब, जामिया अरबिया के मुफ्ती अब्दुल अज़ीज़ साहब, रिटायर्ड जज काजी एजाजुद्दीन साहब, मस्जिदों के मतवल्ली, मौलाना मुस्तफा साहब और दिगर हज़रात ने शिरकत की। इस मीटिंग में यह तय पाया गया कि, जो *लाउडस्पीकर* की एप्लीकेशन संबंधित पुलिस स्टेशन में दी गई है, उसे संबंधित पुलिस स्टेशन से वह परमिशन लेने के बाद आप अपनी *मस्जिद में अज़ान* (गवर्नमेंट और हाई कोर्ट की तरफ से दी गई हिदायत के मुताबिक) दे सकते हैं। यानी दिन में 55 डेसीबल और रात में 45 डेसीबल और जितने स्पीकर की इजाज़त दी है, उतने ही स्पीकर मस्जिद के बाहर लगाए और पुलिस स्टेशन से जो आप को फॉर्म दिया गया है, अगर वह पूरी जानकारी आपके पास प्रॉपर है तो ही भर के दे वरना भर के ना दे। *इंशा अल्लाह इस ताल्लुक से एक मीटिंग आने वाली 17 जुलाई 2025 को रात 9:30 बजे असरा फाउंडेशन के ऑफिस में रखी गई है।* आप तमाम मस्जिदों के ज़िम्मेदारों से मोददेबाना गुज़ारिश है कि, वह इस मीटिंग में शिरकत करें और जो आगे के लाहे अमल तैयार किए जाएंगे कानून के मुताबिक, उन पर अमल करें।

डॉ. मोहम्मद अवेस हसन
9765403855

14/07/2025

"मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों ने नागपुर पुलिस कमिश्नर से की मुलाकात"
▶️ धार्मिक स्थानों पर Loudspeaker लगाना है तो लेनी पड़ेंगी पोलिस परमिशन

"मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों ने नागपुर पुलिस कमिश्नर से की मुलाकात"*▶️ धार्मिक स्थानों पर Loudspeaker लगाना है तो लेनी...
14/07/2025

"मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों ने नागपुर पुलिस कमिश्नर से की मुलाकात"*
▶️ धार्मिक स्थानों पर Loudspeaker लगाना है तो लेनी पड़ेंगी पोलिस परमिशन

14/07/2025
पेड़ लगाओ जिंदगी बचाओ फैजाने ताजुल औलिया ओल्ड एज होम नागपुर
13/07/2025

पेड़ लगाओ जिंदगी बचाओ फैजाने ताजुल औलिया ओल्ड एज होम नागपुर

13/07/2025

📢 महत्वपूर्ण सूचना – धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर हेतु अनुमति अनिवार्य

सभी मस्जिदों व धार्मिक संस्थाओं को सूचित किया जाता है कि माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट के दिनांक 24 जनवरी 2025 के आदेशानुसार अब धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग हेतु पुलिस विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है।

🔸 बिना वैध अनुमति लाउडस्पीकर का उपयोग दंडनीय अपराध माना जाएगा
🔸 ध्वनि सीमा का पालन अनिवार्य (दोपहर में 55 dB / रात्रि में 45 dB)
🔸 कार्रवाई तीन चरणों में होगी: चेतावनी → जुर्माना → लाउडस्पीकर जब्ती

✅ यदि आपकी संस्था लाउडस्पीकर उपयोग हेतु कानूनी अनुमति प्राप्त करना चाहती है, तो निर्धारित प्रारूप में आवेदन तैयार कर संबंधित पुलिस स्टेशन में प्रस्तुत करें। 📄

सादर,
🧑‍⚖️ Adv. Asif Qureshi

11/07/2025

▶️ महाराष्ट्र की मस्जिदों में अज़ान की आवाज़ के बारे में हाईकोर्ट का क्या निर्णय है?
डीपसर्च, वेब सर्च कीजिए और हाईकोट के निर्णय बताईये और महाराष्ट्र सरकार का इस पर क्या कहना है ये भी बताइए

*महाराष्ट्र हाईकोर्ट का अज़ान की आवाज़ पर निर्णय*
महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने हाल के वर्षों में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के उपयोग और अज़ान की आवाज़ के संबंध में ध्वनि प्रदूषण (नॉइज़ पॉल्यूशन) के नियमों का पालन करने पर जोर दिया है। विशेष रूप से, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2016 और इसके बाद के कुछ मामलों में यह स्पष्ट किया कि ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत लाउडस्पीकर का उपयोग केवल अनुमति प्राप्त समय और स्थान पर ही किया जा सकता है। कोर्ट ने यह नहीं कहा कि अज़ान पर पूरी तरह प्रतिबंध है, बल्कि यह निर्देश दिया कि लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए स्थानीय पुलिस या संबंधित प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य है, और ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा (आवासीय क्षेत्रों में 55 डेसिबल दिन में और 45 डेसिबल रात में) से अधिक नहीं होना चाहिए।

हाल के एक मामले में, 2025 में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह रुख दोहराया कि किसी भी धार्मिक गतिविधि के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह नियम सभी धार्मिक स्थलों, चाहे मस्जिद, मंदिर, या अन्य, पर समान रूप से लागू होता है। यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार (संविधान के अनुच्छेद 25) और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए लिया गया।

*महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया*
महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय का समर्थन किया है और इसे लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे ध्वनि प्रदूषण नियमों का सख्ती से पालन करवाएं। 2025 में, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई और अन्य शहरों में पुलिस ने मस्जिदों से बिना अनुमति के लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई शुरू की। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी धार्मिक स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण नियमों को लागू करने का हिस्सा है।
महाराष्ट्र सरकार ने यह भी कहा कि वह धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है और अज़ान जैसे धार्मिक कृत्यों पर कोई प्रत्यक्ष प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए अनुमति लेना और ध्वनि स्तर को नियंत्रित करना अनिवार्य है। कुछ स्थानों पर, सरकार ने डिजिटल अज़ान ऐप्स जैसे वैकल्पिक उपायों को बढ़ावा देने की बात कही है ताकि ध्वनि प्रदूषण कम हो और धार्मिक प्रथाएं भी जारी रहें।

*निष्कर्ष*
हाईकोर्ट का निर्णय:
लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए अनुमति अनिवार्य है, और ध्वनि स्तर को ध्वनि प्रदूषण नियमों के अनुसार नियंत्रित करना होगा। यह नियम सभी धार्मिक स्थलों पर लागू होता है, न कि केवल मस्जिदों पर।

*महाराष्ट्र सरकार का रुख:* सरकार कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रही है और ध्वनि प्रदूषण नियमों को लागू करने के लिए कदम उठा रही है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो।

*2025 में कोई विशिष्ट बयान:*
2025 में अज़ान या धार्मिक स्थानों के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई नया बयान या शासनादेश (जैसा कि maharashtra.gov.in या dgipr.maharashtra.gov.in पर उपलब्ध है) नहीं मिला। सरकार सामान्यतः हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करने और ध्वनि प्रदूषण नियमों को लागू करने की नीति अपनाती है।

*मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों की भूमिका:*
माहिती व जनसंपर्क महासंचालनालय के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडळ निर्णय सामाजिक सामंजस्य और कल्याणकारी योजनाओं पर केंद्रित रहे हैं। अज़ान या धार्मिक स्थानों के लिए लाउडस्पीकर पर कोई विशिष्ट प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की गई है।

*क्या यह निर्णय केवल मस्जिदों पर लागू है या अन्य धार्मिक स्थानों पर भी?*
▶️सामान्य नियम: बॉम्बे हाईकोर्ट के 2016 के निर्णय और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत ध्वनि प्रदूषण नियम सभी धार्मिक स्थानों—मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च, और अन्य—पर समान रूप से लागू होते हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया है।
▶️उदाहरण के लिए:मंदिरों में भक्ति भजनों या आरती के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग भी उसी नियम के अधीन है।
▶️गुरुद्वारों में कीर्तन या चर्चों में प्रार्थना सभाओं के लिए भी ध्वनि सीमा का पालन करना अनिवार्य है।

*विशिष्टता:* जलगांव मस्जिद मामले (2023) जैसे कुछ उदाहरणों में स्थानीय विवादों के कारण मस्जिदों पर विशेष ध्यान गया, लेकिन यह ध्वनि प्रदूषण से अधिक ऐतिहासिक या सामुदायिक विवाद से संबंधित था। कोई भी हाईकोर्ट निर्णय या सरकारी नीति केवल मस्जिदों को लक्षित नहीं करती; नियम सभी धार्मिक स्थानों पर लागू होते हैं।

*हाईकोर्ट का निर्णय:*
2025 तक, अज़ान की आवाज़ पर विशेष रूप से कोई नया हाईकोर्ट निर्णय नहीं मिला। ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के तहत लाउडस्पीकर का उपयोग सभी धार्मिक स्थानों पर नियंत्रित है, जिसमें अनुमति और ध्वनि सीमा का पालन अनिवार्य है।

*महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया:*
सरकार हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करती है और ध्वनि प्रदूषण नियमों को लागू करने पर ध्यान देती है। 2025 में अज़ान या लाउडस्पीकर पर कोई नया बयान या नीति सामने नहीं आई।
*दायरा:* नियम मस्जिदों, मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों और सभी धार्मिक स्थानों पर समान रूप से लागू होते हैं।

10/07/2025

उर्स मुबारक
हज़रत अल्लामा व मौलाना मुफ्ती गुलाम मोहम्मद खान साहब क़िब्ला अलैहि रहमा
20 जुलाई (इतवार) 2025
बोथली शरीफ़ नागपुर महाराष्ट्र इंडिया

दिल्ली हाई कोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाई है।▶️रोक जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका के आधार पर लगाई गई...
10/07/2025

दिल्ली हाई कोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाई है।

▶️रोक जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका के आधार पर लगाई गई, जिसमें मौलाना अरशद मदनी प्रमुख याचिकाकर्ता हैं।
▶️डॉ. शुजाअत अली कादरी ने रजा एकेडमी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया।
▶️फिल्म की रिलीज पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा।
https://whatsapp.com/channel/0029VaAMo3g9hXF12o6kaS0e

Address

Nagpur

Telephone

+918928053311

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Urdu Safar posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Urdu Safar:

Share