17/10/2025
3 idiots की तरह एक सुपर हीरो की कहानी ,ट्रेन में कराई डिलीवरी 🙏।
देर रात मुंबई की एक लोकल ट्रेन में एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। ट्रेन गोरेगांव से मुंबई की ओर जा रही थी और जब दर्द असहनीय हो गया, तो महिला मदद के लिए चीखने-चिल्लाने लगी। उसी डिब्बे में सफर कर रहे विकास बेद्रे नाम के एक युवक ने बिना देर किए ट्रेन की इमरजेंसी चेन खींचकर गाड़ी रोक दी।बताया जा रहा है कि लोकल ट्रेन राम मंदिर स्टेशन पर रुकी, लेकिन वहां कोई मेडिकल सुविधा मौजूद नहीं थी। आसपास कोई डॉक्टर नहीं था और उसे अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं थी। महिला की तकलीफ देख कर विकास ने अपनी पहचान की डॉक्टर देविका देशमुख को फोन लगाया और उन्हें पूरी स्थिति बताई। डॉक्टर ने वीडियो कॉल पर ही उसे प्रसव की पूरी प्रक्रिया स्टेप-बाय-स्टेप समझाई। बिना किसी अनुभव के विकास ने महिला की आपात डिलीवरी करवाई और असंभव को संभव कर दिखाया।डॉ. देविका ने बताया, “मैंने विकास से कहा कि अगर आसपास अस्पताल नहीं है तो हमें यही करना होगा। वह नजदीकी दुकान से चाकू और लाइटर लाने को कहा। फिर लाइटर से चाकू को गर्म करके गर्भनाल काटने की प्रक्रिया समझाई। उसने मेरे हर निर्देश का पालन किया और प्रसव सुरक्षित तरीके से पूरा हुआ।” मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।डॉ. देविका ने आगे कहा, “विकास ने जिस साहस से यह काम किया, वह वाकई सराहनीय है। एक पुरुष होते हुए उसने न केवल महिला की पीड़ा को समझा बल्कि पूरे धैर्य और संवेदनशीलता के साथ मदद की। वह डर रहा था, तब मैंने उससे कहा था कि तुम कर लोगे, बस जय श्रीराम कहो और कर डालो। और उसने सच में कर दिखाया।”दूसरी ओर, कर्जत के रहने वाले पेशे से सिनेमैटोग्राफर विकास बेद्रे ने कहा, “मुझे डर तो बहुत लग रहा था, लेकिन डॉक्टर देविका मैम ने मुझे आत्मविश्वास दिलाया। मेरी उस रात फ्लाइट थी, लेकिन मैंने तय किया कि पहले इस महिला और बच्चे की जान बचाना जरूरी है। डॉक्टर के हर निर्देश पर मैंने ध्यान से काम किया। मुझे लगा यही असली इंसानियत है।”
राम मंदिर स्टेशन पर घटी यह घटना आज पूरे मुंबई में चर्चा का विषय है। विकास बेद्रे को लोग अब फिल्म थ्री इडिएट का ‘रियल लाइफ रैंचो’ कह रहे हैं, जिसने बिना मेडिकल अनुभव के सिर्फ इंसानियत के दम पर दो जिंदगियां बचा लीं।