22/08/2025
इन्साफ के लिए संघर्ष स्थल की दुरी, सहारा लेकर नापते उम्रद्राज बजुर्ग दादी माँ के कदमों की चाप में छिपा मार्मिक सन्देश
Dhram Vir Dhindsa Adv की कलम से
बेटियों को क़ानून पुलिस या सरकारों के हवाले आजाद मुल्क में भी नहीं छोड़ सकते
इन्साफ संगठन के बिना मृगतृष्णा ही है
क्यों भला..
वक़्त बदल रहा है हमारी परम्परागात वयवस्थाएं और रिवाज़ आधुनिकता की भेट चढ़ चुके हैं
हमारी अगली पीढ़ी के पास समय ही नहीं बचेगा सुख दुख साँझा करने का
क्योंकि वो रोजी रोटी के चक्र में घनचक्कर बने घूमते रहेंगे
आज हर सुबह गाँव गाँव से नोजवानो की डारे ( लम्बी कतारें या कहें काफ़ी संख्या में युवक)टिफिन लिए मोटरसाइकिलों पर फैक्ट्रीयों में होम गॉर्ड कच्ची पक्की नौकरियों में रोजी रोटी कमाने के लिए निकल जाते है
इन्साफ के लिए ऐसा संघर्ष करना तो दूर को बात उनकी कल्पना से भी परे होगा
कारण दिन भर काम पर निचोड़े जाने के बाद केवल इतना (15 से 25 हजार ) ही मिलेगा जिससे वो जिन्दा केवल रहे
सरकारों द्वारा पैदा की गई इस उद्योगिक श्रमिकों की भावी पीढ़ी को खुदमुखत्यारी की क़ीमत पर रोटी मिल रही वो भी केवल उतनी जिससे वो जिन्दा बस रहें
कारण
आज
क्योंकि गावों की परम्परागात व्यवस्था को आधुनिकता वाद पूंजीवाद निगल चूका है
और
खेती किसानी और उससे जुड़े
व्यवसायों को घाटे के धंधे में तब्दील कर दिया गया है
खेती लाहेमंद फायदे का धंधा बने फिर से एक बार
क्या करें इसके लिए
आओ
करें विचार
खेती, खेती से ज्यादा
खुदमुखत्यारी का खजाना है
इज्जत मान सम्मान
लाज पगड़ी रोटी और
सबसे बढ़कर बेटी की सुरक्षा की भी
एकमात्र गारंटी है
बजुर्ग माता बेटी के लिए धरने पर नहीं जा रही
बल्कि एक गंभीर संदेश दे रही है
आओ मिलकर विचार करें...
रोटी बेटी की सुरक्षा पर
तस्वीर साभार सोशल मीडिया
लेख by
Dhrm Vir Dhindsa Advocate
Dharam Vir Dhindsa Advocate
Vikram Saini Satyakijeet Roza Peer Sadhaura Hajrat Shah Quader Qumais E Azam 11v wali sarkar Indian Youth Congress Rahul Gandhi Chitra Sarwara Sidhu Moose Wala Gurpal Singh Naraingarh Anil Vij Home Minister Haryana, India Geeta Bhukkal Sanyukt Kisan Mazdoor Inquilab Union Gurnam Singh Charuni घाड सन्देश- Ghad Sandesh