11/08/2025
नारायणगढ़ तहसील में ऑनलाइन पेपरलेस डीड पंजीकरण प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट शुरू।
नारायणगढ़ में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम की शुरुआत, जमीन की रजिस्ट्री होगी अब पूरी तरह डिजिटल, एसडीएम शिवजीत भारती ने रिबन काट कर किया शुभारंभ।
नारायणगढ़, 11 अगस्त (नारायणगढ़ की आवाज) नारायणगढ़ तहसील में आज पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम की औपचारिक शुरुआत की गई। इस आधुनिक और पेपर लेस डिजिटल प्रक्रिया के लिए स्थापित कंप्यूटर/डेस्क रुम का शुभारंभ एसडीएम शिवजीत भारती ने रिबन काट कर किया। उन्होंने बताया कि यह पहल राज्य सरकार के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को तेज, सरल और पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराना है। जिसका शुभारंभ हरियाणा में नारायणगढ़ से किया गया है।
उन्होंने कहा कि भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण से लोगों को सुविधा होगी, समय और कागजी कार्यवाही दोनों की बचत होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस प्रणाली की शुरुआत नारायणगढ़ तहसील से की गई है।
इस अवसर पर पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के संबंध में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया। इसमें एसडीएम शिवाजीत भारती, नायब तहसीलदार संजीव अत्री, रजिस्ट्री क्लर्क, पटवारी और राजस्व विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।
रेवेन्यू डिपार्टमेंट के जीएम (आईटी) संदीप सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान इस प्रणाली की पूरी प्रक्रिया का विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—नागरिक (सिटीजन) पोर्टल पर अपनी भूमि से संबंधित जानकारी भरेंगे, जिसमें खसरा नंबर और बेची जाने वाली हिस्सेदारी का विवरण शामिल होगा।
यह जानकारी संबंधित सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर (तहसीलदार या नायब तहसीलदार) के लॉगिन में जाएगी, जो इसकी जांच और वेरिफिकेशन करेंगे। सही जानकारी होने पर इसे एक्सेप्ट किया जाएगा, अन्यथा रिजेक्ट करने का विकल्प भी रहेगा। रजिस्ट्री स्वीकार होने के बाद खरीदार ऑनलाइन स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करेगा, और उसे पेमेंट स्लिप तथा अपॉइंटमेंट तिथि/समय प्राप्त होगा।
निर्धारित समय पर विक्रेता, खरीदार और गवाह तहसील में उपस्थित होंगे।
तहसील में प्रक्रिया के चार डेस्क-
1. आर सी-1 डेस्क- हाजिरी दर्ज करना (विक्रेता, खरीदार और गवाह की उपस्थिति)।
2. आर सी -2 डेस्क-फोटो और डिजिटल हस्ताक्षर लेना (विक्रेता, खरीदार और गवाह)।
3. सी आर ओ लॉगिन-साइन, फोटो और डीड की जानकारी की जांच, और डिजिटल हस्ताक्षर करना।
4. आर सी -3 डेस्क- रजिस्ट्री की तीन प्रतियां तैयार करना — एक खरीदार को, एक रिकॉर्ड में, और एक पटवारी के पास म्यूटेशन के लिए भेजना।
ट्रैनिग सत्र के दौरान उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को इस पूरी प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप से समझाया गया और उनके सभी प्रश्नों का समाधान किया गया। इस अवसर पर एसडीएम शिवजीत भारती ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी, कागजी काम कम होगा और नागरिको को एक तेज, सुरक्षित एवं आधुनिक सेवा उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार संजीव अत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के माध्यम से सेल डीड और हुड्डा लाइसेंस (सुदा कॉलोनी) की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पेपर लेस होगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि इस नई तकनीक के माध्यम से रजिस्ट्री से जुड़े सभी रिकॉर्ड डिजिटल रूप से संरक्षित रहेंगे, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या दस्तावेज खोने की संभावना समाप्त हो जाएगी।
एसडीएम शिवजीत भारती नारायणगढ तहसील में स्थापित पेपर लेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम डिजिटल प्रक्रिया के लिए स्थापित कंप्यूटर/डेस्क रुम का रिबन काट कर शुभारंभ करते हुए।
एसडीएम शिवजीत भारती नारायणगढ तहसील में स्थापित पेपर लेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम डिजिटल प्रक्रिया के लिए स्थापित कंप्यूटर/डेस्क रुम का अवलोकन करते हुए।
नारायणगढ तहसील में पेपर लेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के बारे में आयोजित ट्रैनिग सत्र में भाग लेते हुए एसडीएम शिवजीत भारती व अन्य अधिकारी/कर्मचारी।
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