26/11/2025
संविधान दिवस पर जनता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेलरखा में संविधान निर्माण प्रकिया पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई
जनता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेलरखा में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों को संविधान निर्माण प्रकिया पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई । पूरा विद्यालय परिसर विद्यार्थियों के उत्साह, ऊर्जा और जागरूकता से सराबोर दिखाई दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की महत्ता, उसके मूल सिद्धांतों, अधिकारों तथा कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाना था।
प्रधानाचार्या सुनीता मोर ने संविधान दिवस का महत्व बताते हुए कहा—
“संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। यह समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व का आधार है। आज की पीढ़ी को संविधान का ज्ञान होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि वही आने वाले भारत की दिशा तय करेगी। यदि बच्चे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझेंगे, तभी वे एक जिम्मेदार नागरिक बन पाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा—
“हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल पाठ्य-पुस्तक तक सीमित रखना नहीं, बल्कि उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों, नैतिकता, दायित्व, अनुशासन और देशप्रेम जैसे जीवन–सिद्धांतों से समृद्ध करना है। हर बच्चा समाज की अमूल्य पूँजी है, उसे सही मार्गदर्शन, अवसर और ऊर्जा की आवश्यकता है। विद्यालय सदैव उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।”
संविधान दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों को भारतीय संविधान पर आधारित एक विशेष डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसमें संविधान निर्माण की प्रक्रिया, इसके प्रमुख शिल्पकारों, मौलिक अधिकारों व मौलिक कर्तव्यों, तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था की कार्यप्रणाली को आकर्षक और सरल रूप में प्रस्तुत किया गया।
बच्चों ने संविधान सभा की ऐतिहासिक चर्चाओं, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के योगदान तथा संविधान के मूल दर्शन के बारे में गहरी रुचि के साथ जानकारी प्राप्त की।
प्रधानाचार्या सुनीता मोर ने डॉक्यूमेंट्री के महत्व पर कहा—
“यह डॉक्यूमेंट्री बच्चों को बताती है कि स्वतंत्र भारत का निर्माण कितनी कठिन परिस्थितियों में हुआ। संविधान हमें न केवल अधिकार देता है, बल्कि जिम्मेदारी भी सौंपता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे संविधान द्वारा दिए गए अवसरों का सम्मान करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ।”
विद्यालय में आयोजित इस प्रेरक कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में जागरूकता, देशभक्ति और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को विकसित करना था, जो पूर्णतः सफल रहा। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा—
“हर विद्यार्थी भारत का उज्ज्वल भविष्य है। संविधान का आदर करना, कानून का पालन करना और समाज के प्रति जिम्मेदार होना ही सच्ची नागरिकता है।”