02/05/2025
राष्ट्रीय एकजुटता बनाम नकारात्मकता: पहलगाम आतंकी हमले पर सुप्रीम कोर्ट का संदेश 👇
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक याचिका ने न केवल कानूनी हलकों में हलचल मचाई, बल्कि न्यायपालिका की भूमिका और राष्ट्रीय एकजुटता पर भी महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया। इस याचिका में न्यायिक जांच की मांग की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि ऐसे समय में, जब देश आतंकवाद से जूझ रहा है, इस प्रकार की याचिकाएं हमारे सुरक्षा बलों के मनोबल को कमजोर करने का काम करती हैं।
न्यायपालिका का सशक्त संदेश 👇
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश को एकजुट रहना चाहिए। न्यायपालिका का यह रुख सिर्फ एक कानूनी राय नहीं, बल्कि एक सामाजिक और राष्ट्रीय संदेश है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आज जब देश का हर नागरिक आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है, तब न्यायपालिका सहित सभी संस्थाओं का कर्तव्य है कि वे सुरक्षाबलों की भावना को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी टिप्पणी या कार्रवाई से बचें।
एकजुटता की आवश्यकता 👇
आज भारत की सीमाओं पर हमारे जवान अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। ऐसे समय में समाज के हर वर्ग का यह दायित्व है कि वह उनका समर्थन करे। यह लड़ाई केवल सरकार या सुरक्षा एजेंसियों की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। हमें नकारात्मकता को दरकिनार कर, सकारात्मक सोच के साथ आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए।
सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका और नागरिक जिम्मेदारी 👇
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और स्थानीय पुलिस बल जैसे सुरक्षा तंत्र हर स्तर पर आतंकवादी गतिविधियों से निपटने में सक्रिय हैं। सरकार लगातार कानूनों को सख्त बना रही है और खुफिया तंत्र को मज़बूत कर रही है। आम नागरिकों को भी सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग न हो 👇
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में इस बात पर भी बल दिया कि न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करके सुरक्षाबलों का मनोबल तोड़ने की कोशिशें नहीं होनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीति और नकारात्मकता के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
निष्कर्ष 👇
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी न केवल याचिकाकर्ता के लिए चेतावनी है, बल्कि व पुरे देश के लिए एक मार्गदर्शन है। राष्ट्रीय संकट के समय हमें एकजुट होकर अपने सुरक्षाबलों के साथ खड़ा होना चाहिए। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए हर नागरिक का सहयोग आवश्यक है।