
25/09/2024
*पितरों को नमन*
*वो कल थे तो आज हम हैं,*
*उनके ही तो अंश हम हैं..*
*जीवन मिला उन्हीं से*
*उनके कृतज्ञ हम हैं..*
*सदियों से चलती आयी*
*श्रंखला की कड़ी हम हैं..*
*गुण धर्म उनके ही दिये*
*उनके प्रतीक हम हैं..*
*रीत रिवाज़ उनके हैं दिये*
*संस्कारों में उनके हम हैं..*
*देखा नहीं सब पुरखों को*
*पर उनके ऋणी तो हम हैं..*
*पाया बहुत उन्हीं से पर*
*न जान पाते हम हैं..*
*दिखते नहीं वो हमको*
*पर उनकी नज़र में हम हैं..*
*देते सदा आशीष हमको*
*धन्य उनसे हम हैं..*
*खुश होते उन्नति से*
*दुखी होते अवनति से*
*देते हमें सहारा*
*उनकी संतान जो हम हैं..*
*इतने जो दिवस मनाते*
*मित्रता प्रेम आदि के*
*पितरों को भी याद कर लें*
*जिनकी वजह से हम हैं..*
*आओ नमन कर लें कृतज्ञ हो लें।* *क्षमा माँग लें आशीष ले लें*
*पितरों से जो चाहते हमारा भला*
*उनके जो अंश हम हैं..*
*राम राम जी*
शत शत नमन सत सत नमन डॉ अमित कुमार अग्रहरी नौतनवा