Rajpal & Sons

Rajpal & Sons Founded in 1912, Rajpal and Sons is a 108 year-old publishing house, headquartered in Delhi. In the non-fiction category, our authors include Dr A.P.J.
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Rajpal & Sons is a 112-year old publishing house, with authors like Harivansh Rai Bachchan APJ Abdul Kalam RK Narayan Khushwant Singh Devdutt Pattanaik Patrick Modiano and many more. We are one of the top publishing houses in India, with an active title list of 1,000 titles and 100 new titles being published every year. We publish books in English and Hindi languages, in non-fiction, fiction, clas

sic and contemporary literature, and children categories. Our author list includes winners of the Nobel Prize, Magsaysay Award and Man Asian Literary Prize, and 7 Prime Ministers and Presidents of India. Some of the top literary authors that we have published are Harivansh Rai Bachchan, R.K. Narayan, Mulk Raj Anand, Ruskin Bond, Khushwant Singh, Amritlal Nagar, Mohan Rakesh and Amrita Pritam. Abdul Kalam, Dr Amartya Sen, J Krishnamurti, Dr S Radhakrishan, HH Dalai Lama, Benazir Bhutto and Devdutt Pattanaik. One of the guiding principles of our publishing house is that we aim to publish books that stand the test of time. We derive great satisfaction from the fact that more than 30 of our titles that were first published over 40 years ago, are still in print and selling very well. Due to their longevity, some of these titles are recognized today as evergreen classics of Indian literature. Our sales and marketing network covers the Indian book market, as well as the major global markets such as North America, United Kingdom, Australia and New Zealand. In India, we have a direct selling network with 1000 active booksellers across the length and breadth of the country. For our global distribution, Rajpal and Sons is one of the few Indian publishers to have a distribution and sales agreement with the world’s largest book distributor, Ingram Book Company. In North America and United Kingdom, in addition to Ingram, we sell through a network of local distributors and sellers. Our reach into global markets allows us to sell through retailers like amazon.com, amazon.co.uk, and to public and private libraries across the world that stock books from India.

‘‘लोक और व्यंग्य के तुर्श-भीने रंगों में रंजित यह दिलचस्प उपन्यास, इसके चुटीले पात्र और कथा के पेच-ओ-ख़म आख़िरी पन्ने तक...
18/09/2025

‘‘लोक और व्यंग्य के तुर्श-भीने रंगों में रंजित यह दिलचस्प उपन्यास, इसके चुटीले पात्र और कथा के पेच-ओ-ख़म आख़िरी पन्ने तक बाँध रखते हैं।’’
- अनुकृति उपाध्याय

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#प्रभात_रंजन #उपन्यास .ranjan2

प्रेमचंद निस्संदेह हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार थे जिनकी गणना विश्वस्तरीय साहित्यकारों में होती है। अपने जीवनकाल में उ...
18/09/2025

प्रेमचंद निस्संदेह हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार थे जिनकी गणना विश्वस्तरीय साहित्यकारों में होती है। अपने जीवनकाल में उन्होंने 250 से अधिक कहानियाँ लिखीं जो मुख्यतः उस समय के समाज के यथार्थ को दर्शाती हैं। इनमें बालविवाह, गरीबी, भुखमरी, ज़मींदारों के अत्याचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास है। यथार्थ की इन सच्चाईयों से रू-ब-रू कराती कहानियों को पढ़ते हुए पाठक पूरी तरह से उनमें खो जाता है। ये कहानियाँ आज भी उतनी ही सामयिक हैं जितनी सौ साल पहले थीं। कहानियों के अतिरिक्त प्रेमचंद ने चौदह उपन्यास और अनगिनत निबंध लिखे। उन्होंने अन्य भाषाओं की कुछ पुस्तकों को भी हिन्दी में अनूदित किया।

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#प्रेमचंद #कहानी #कफ़न

भारत एक पुनर्विचारसंवाद, सहयोग और सहभागिता के आधार पर तैयार शृंखला यह एक प्रयास है जो:- देश की वर्तमान समस्याओं और चुनौत...
17/09/2025

भारत एक पुनर्विचार
संवाद, सहयोग और सहभागिता के आधार पर तैयार शृंखला यह एक प्रयास है जो:
- देश की वर्तमान समस्याओं और चुनौतियों के सकारात्मक समाधान को खोजता है
- हमारे बुनियादी संवैधानिक मूल्यों पर आधारित है
- एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों के विकास के साझा लक्ष्य को क्रियान्वित करे
चैदह पुस्तकों की शृंखला समृद्ध भारत फ़ाउंडेशन द्वारा चार वरिष्ठ संपादकों - आकाश सिंह राठौर, मृदुला मुखर्जी, सैयदा हमीद और पुष्पराज देशपांडे - की देख-रेख में तैयार की गई है। भारत के 150 प्रमुख विचारकों के योगदान से संपन्न यह शृंखला वर्तमान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रतिमानों का पुनर्विचार करती है, ताकि भारत के संवैधानिक मूल्यांे को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके। प्रत्येक पुस्तक देश के किसी एक ज्वलंत मुद्दे पर केंद्रित है, और उसे उस विषय के विशेषज्ञों द्वारा लिखा गया है।

हम भारत के लोग: लोकतंत्र की बुनियाद और अधिकारों की स्थापना निर्विवाद सार्वभौमिक अधिकारों के अंकुरण और विकास की प्रक्रिया, तथा भारत में उन्हें मूर्त अधिकारों के रूप में स्थापित किए जाने का विश्लेषण करती है। यह पुस्तक इन अधिकारों को स्थापित करने, उन्हें प्राप्त करने और संरक्षित रखने की निरंतर चुनौतियों पर भी विचार करती है।

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#भारत

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ💐वैश्विक राजनेता और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्...
17/09/2025

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ💐

वैश्विक राजनेता और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी से सभी परिचित हैं। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि नरेन्द्र मोदी एक लेखक भी हैं। अपनी युवावस्था में लिखी संवेदना से भरी उनकी ये कहानियाँ प्रेम और अनुराग के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाती हैं। नरेन्द्र मोदी का मानना है कि मातृप्रेम ही समस्त प्रेम का स्तोत्र हैं और उससे बढ़कर कोई सच्चा प्रेम नहीं है। मनुष्य के बीच अलग-अलग प्रेम इसी मातृप्रेम के विभिन्न रूप हैं , चाहे वह प्रेम दो दोस्तों में हो, एक अध्यापक का अपना छात्र के लिए, एक डाक्टर का अपने मरीज़ के लिए या फिर एक पति का अपने पत्नी के लिए हो। ये कहानियाँ पढ़कर आश्चर्य होता है कि इतने शक्तिशाली राजनीतिक व्यक्तित्व के पीछे इतना कोमल हृदय धड़कता है। ये कहानियाँ नरेन्द्र मोदी के बहुआयामी व्यक्तित्व का एक और पहलु उजागर करती हैं। गुजराती से हिंदी में इन कहानियों का अनुवाद गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष आलोक गुप्त ने किया है। हर कहानी पर गुजरात के एक विशिष्ट लेखक की समीक्षा है जो इस संग्रह की शोभा बढ़ाती है।

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#नरेन्द्र_मोदी #कहानी

भगवान हनुमान के वे भक्त जो हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, लेकिन इसे बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं, यह अंग्रेजी काव्यात्मक...
16/09/2025

भगवान हनुमान के वे भक्त जो हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, लेकिन इसे बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं, यह अंग्रेजी काव्यात्मक अनुवाद उनके लिए है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं शताब्दी के मध्य में अवधी में रचित, इन चौपाइयों के अनुवाद से अब इसकी सुंदरता और गहराई को सही मायने में समझना और उसकी सराहना करना आसान हो गया है।

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया एक भक्ति काव्य है जो लाखों हिंदुओं को कंठस्थ है और वे प्रतिदिन इसका पाठ करते हैं। इसमें 40 चौपाइयाँ और तीन दोहे हैं जो हनुमान के साहस, शक्ति, समर्पण, निष्ठा और भगवान राम के प्रति भक्ति जैसे गुणों का गुणगान करते हैं।

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#हनुमान #हनुमान_चालीसा #तुलसीदास #अनुवाद #कविता #भक्ति #कुलदीप_सलिल

रसखान कहते हैं कि जिस कृष्ण के गुणों का शेषनाग, गणेश, शिव, सूर्य, इंद्र निरंतर स्मरण करते हैं। वेद जिसके स्वरूप का निश्च...
16/09/2025

रसखान कहते हैं कि जिस कृष्ण के गुणों का शेषनाग, गणेश, शिव, सूर्य, इंद्र निरंतर स्मरण करते हैं। वेद जिसके स्वरूप का निश्चित ज्ञान प्राप्त न करके उसे अनादि, अनंत, अखंड अछेद्य आदि विशेषणों से युक्त करते हैं। नारद, शुकदेव और व्यास जैसे प्रकांड पंडित भी अपनी पूरी कोशिश करके जिसके स्वरूप का पता न लगा सके और हार मानकर बैठ गए, उन्हीं कृष्ण को अहीर की लड़कियाँ छाछिया-भर छाछ के लिए नाच नचाती हैं।

सैयद इब्राहिम रसखान (1533-1628 ई.) जन्म से तो मुसलमान थे, लेकिन उनकी सारी कविता आकंठ कृष्ण की भक्ति में डूबी हुई है। आश्चर्य यह है कि उनकी कविता में उनके मुसलमान होने का कोई संस्कार और चेतना नहीं है। रसखान उस समय हुए जब भारत में इस्लाम का आगमन हो चुका था और उसके मानने वाले यहाँ के शासक थे। रसखान का होना इस बात का सबूत है कि यह ऐसा समय था, जब दो धर्मों के बीच दीवारें और दूरियाँ नहीं बनी थीं। उनकी कविता की सबसे बड़ी ख़ासियत उसकी अनायास अनुप्रासिक वर्णयोजना और शब्द चयन है। उनकी कविता में इस कारण लय और सांगितिकता आ गई है।प्रस्तुत संचयन में की सुजान-रसखान की 256, प्रेमवाटिका की 53 और दानलीला की 11 रचनाएँ सम्मिलित हैं। रसखान के यहाँ-वहाँ मिलने वाले पाँच स्फुट पद भी यहाँ दिए गए हैं।

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#रसखान #कवि #काव्य #भक्तिकाल #भक्ति

भारत के शहरी क्षेत्रों में औसतन 10 प्रतिशत छोटे व्यवसायों का स्वामित्व महिलाओं के पास है, अमेज़न, फ़्लिपकार्ट और स्नैपडी...
16/09/2025

भारत के शहरी क्षेत्रों में औसतन 10 प्रतिशत छोटे व्यवसायों का स्वामित्व महिलाओं के पास है, अमेज़न, फ़्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे प्रमुख
पोर्टलों पर लगभग एक चौथाई से एक तिहाई विक्रेता महिलाएँ हैं।

व्हाट्सऐप और फ़ेसबुक का उपयोग करते हुए, पुनर्विक्रेता के रूप में काम करने वाली लगभग 2 मिलियन महिलाएं अब लगभग 9 बिलियन डॉलर का सालाना कारोबार करती हैं। अनुमान है कि 2022 तक यह 40 बिलियन हो जायेगा।

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#स्त्री #स्त्री_अधिकार

पंकज सुबीर एक संवेदनशील लेखक हैं जो छोटी-से-छोटी बात को गहराई से समझकर ऐसे प्रस्तुत करते हैं जो पाठक को सोचने पर मजबूर क...
15/09/2025

पंकज सुबीर एक संवेदनशील लेखक हैं जो छोटी-से-छोटी बात को गहराई से समझकर ऐसे प्रस्तुत करते हैं जो पाठक को सोचने पर मजबूर कर देती है। सभी साहित्यिक विधाओं में निपुण, लेखक का हमेशा देर कर देता हूँ मैं के बाद यह एक और कहानी-संग्रह प्रस्तुत है।

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हमेशा देर कर देता हूँ
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#कहानी Pankaj Subeer

हथेली पर कर्ण विशिष्ट कथाकार उपन्यासकार नगेन्द्र नागदेव का छठा उपन्यास है। अभी तक उनके पाँच उपन्यास और दस से अधिक कहानी-...
15/09/2025

हथेली पर कर्ण विशिष्ट कथाकार उपन्यासकार नगेन्द्र नागदेव का छठा उपन्यास है। अभी तक उनके पाँच उपन्यास और दस से अधिक कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी कई पुस्तकें अंग्रेज़ी, मराठी और उड़िया में अनुदित हो चुकी हैं। इन्हें दिल्ली हिन्दी साहित्य अकादेमी के ‘साहित्य सम्मान’ और मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् के ‘कृति पुरस्कार’ सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हैं। व्यवसाय से नगेन्द्र नागदेव एक आर्किटेक्चर हैं।

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#उपन्यास #कर्ण #महाभारत

आदिवासी जीवन के विशेषज्ञ और धूनी तपे तीर जैसे प्रसिद्ध उपन्यास के लेखक हरिराम मीणा लम्बे अरसे तक राजस्थान पुलिस विभाग मे...
15/09/2025

आदिवासी जीवन के विशेषज्ञ और धूनी तपे तीर जैसे प्रसिद्ध उपन्यास के लेखक हरिराम मीणा लम्बे अरसे तक राजस्थान पुलिस विभाग में कार्यरत रहे और पुलिस महानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए। अब तक आपकी दस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा कई पुस्तकें देश के नामी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। आपके साहित्य पर सौ से अधिक शोधार्थी एम.फिल. और पीएच.डी. कर चुके हैं। साहित्य में योगदान के लिए आपको ‘डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार’, राजस्थान साहित्य अकादमी का सर्वोच्च ‘मीरां पुरस्कार’, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान’, बिड़ला फाउंडेशन के ‘बिहारी पुरस्कार’ तथा ‘विश्व हिन्दी सम्मान’ से विभूषित किया जा चुका है।

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#उपन्यास #आदिवासी #हरिराम_मीणा

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