
23/07/2025
डुमरियागंज इटवा उत्तर प्रदेश: आज कल उत्तर प्रदेश का यह नेपाल से सटा इलाका सुर्खियों में है। बलराम पूर, सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश के उन जिलों में आते हैं जो सबसे गरीब हैं। अक्सर बच्चे दिल्ली मुंबई जाकर मजदूरी करते हैं। यहां की साक्षरता दर बहुत कम है। खासकर लड़कियो को प्राइमरी के बाद स्कूल ही नहीं मिल पाता। ऐसे में कुछ लोगों ने यहां स्कूल कालेज का निर्माण कराया ताकि यहां के बच्चे भी पढ़ लिख लें। मौलाना शब्बीर साहब ने 1996 या 97 में सिद्धार्थ नगर तहसील इटवा के अमौना गांव में मुस्लिम बच्चे और बच्चियों के लिए अलफारुक स्कूल की बुनियाद डाली जो आज इस इलाके का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सबसे बेहतरीन स्कूल है।
स्कूल की बीसियों बस आस पास के लगभग सभी गांवों तक रोजाना हजारों बच्चों को लाती और ले जाती है। इस स्कूल को फलते फूलते देख नफरती लोगों के आंखों में खटक पैदा हुई। छांगुर बाबा पर धर्मांतरण का आरोप लगाने वाली महिला गावं शाहपुर तहसील डुमरियागंज के गांव के अखंड प्रताप नाम के दूसरे व्यक्ति ने बहती गंगा में डुबकी लगाई और मौलाना शब्बीर पर धर्मांतरण का आरोप लगा दिया।
कुछ दिन पहले इसी इलाके बदलिया फागु शाह बाबा के 100 साल पुराने मजार को भी तोड दिया गया था।
यह आरोप 2021 के समय का है जिस की शिकायत अब क्यों की गई। क्या हमेशा से शांत इस इलाके को जान बूझकर कर नफरत के खेती करने वालों के लिए हमवार किया जा रहा है?
तेलंगाना सरकार ने धर्मांतरण विरुद्ध कानून बनाने पर सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यह कानून आर्टिकल 25 का उलंघन है। जिसके तहत हर भारतीय को धर्म का प्रचार प्रसार करने की स्वतंत्रता है। फिर राज्य सरकारें ऐसे कानून बनाकर सिर्फ अल्पसंख्यकों को जेल में डालने और उनके द्वारा चलाए जाने वाले संस्थानों को बर्बाद करने के लिए एक नए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं?
जिस अखंड प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है उस व्यक्ति का एक पुराना विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिससे उसकी मानसिक स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है।