20/10/2025
*आपदा में अपने खोए आशियाना भी छिना, सैकड़ों घरों में न दीप जलेंगे, न बंटेगी मिठाई*
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के सैकड़ों परिवारों के लिए दिवाली का त्योहार सिर्फ एक तारीख बनकर रह गया है। बारिश और भूस्खलन से उजड़े ये परिवार तिरपाल तले रातें काट रहे हैं। ऐसे में आपदा प्रभावित हजारों लोगों की दिवाली इस बार फीकी ही रहेगी। घरों में न दीप जलेंगे, न बंटेगी मिठाई। जानें विस्तार से.
हर साल की तरह इस बार भी दीपावली आएगी, दीये जलेंगे, मिठाइयां बनेंगी, घर रोशन होंगे। लेकिन कुल्लू के सैकड़ों परिवारों के लिए यह त्योहार सिर्फ एक तारीख बनकर रह गया है। इस बार न उनके घर हैं, न रौनक, और न ही वह उत्साह, जो त्योहारों में होता है। बारिश और भूस्खलन से उजड़े ये परिवार तिरपाल तले रातें काट रहे हैं। उनके लिए यह दीपावली उम्मीद की नहीं, बल्कि दर्द में बीतेगी। आपदा से उजड़े सैकड़ों परिवार तंबुओं और किराये के कमरों में दीपावली मनाएंगे।
दीपों का त्योहार मनाने वाले जिले के चार सौ से अधिक परिवार इस बार बेघर हैं। इनमें कुछ लोग तंबुओं में रह रहे हैं तो कुछ लोगों ने पड़ोसियों और रिश्तेदार के घरों में शरण ली है। आपदा प्रभावित खेमराज, राजवीर, डोले राम, ठाकर दास, लाल चंद और दौलत राम ने कहा कि हर बार वह घर को रोशन कर दीपावली का त्योहार परिवार के साथ हं