16/03/2024
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शैक्षिक संवाद और परिचर्चा : वर्तमान प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका (परिप्रेक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020)
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए लाया गया एक महत्वपूर्ण नीतिगत दस्तावेज है। यह नीति प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत बनाने और इसे अधिक समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाने पर विशेष ध्यान देती है। यह नीति शिक्षा के जरिए बच्चों के चतुर्दिक विकास को पूरा करते हुए उन्हें वैश्विक नागरिक बनाने की अनुशंसा करती है। इस शिक्षा नीति में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका को इस रूप में देखा गया है।
शिक्षकों की भूमिका
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उपयुक्त शिक्षण प्रक्रियाओं के जरिए बच्चों के समग्र विकास हेतु शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है:
- शुरुआती वर्षों में मातृभाषा और स्थानीय भाषाओं में शिक्षण करें।
- 2025 तक सभी बच्चों के लिए सीखने के मूलभूत लक्ष्य (बुनियादी साक्षरता और संख्या-ज्ञान) हासिल करना।
- कक्षाओं में बच्चों के सीखने के लिए सामाजिक-भावनात्मक माहौल सुनिश्चित करना।
- उच्च मानसिक दक्षताओं जैसे कि समालोचनात्मक चिंतन और विषयों के शिक्षण में सह- संबंध (एकीकरण) बनना।
- सीखने की प्रगति की निगरानी करते हुए सीखना सुनिश्चित करने के लिए मूल्यांकन और डेटा का उपयोग करना।
- अपने स्वयं के व्यावसायिक विकास और बच्चों की शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग करना।
- माता-पिता को शामिल करने के लिए समग्र रिपोर्ट कार्ड का उपयोग करना।
अभिभावकों की भूमिका
- शिक्षा का महत्व समझते हुए अपने बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करना।
- घर पर शिक्षा के लिए सकारात्मक माहौल बनाना।
- समय-समय पर स्कूल आकर शिक्षकों के साथ सहयोग करते हुए बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भागीदारी करना।
चर्चा के लिए बिंदु
1) शिक्षक और अभिभावक प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए कैसे एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं?
2) शिक्षकों और अभिभावक एक दूसरे के संबलन में कैसे सहयोग कर सकते हैं?
3) शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर समन्वय कैसे स्थापित किया जा सकता है?
आपके सुझावों, सवालों का स्वागत है!