
26/05/2025
"मैं कुछ भी कर सकता हूँ।" - रौशन की कहानी
अमरावती, महाराष्ट्र: जब दुनिया दिनभर की मेहनत के बाद थककर आराम करती है, तब रौशन अपने सपनों की तरफ़ एक नई शिफ्ट शुरू करते हैं।
दिन में वह रेलवे गुड्स यार्ड में मजदूरी करते हैं, रोज़ 700 से ज़्यादा सीमेंट, अनाज और खाद की बोरियाँ उठाते हैं, धूप में तपते हैं और घर चलाने के लिए 10-12 घंटे पसीना बहाते हैं। महीने के करीब 20,000 रुपये कमाते हैं, जिनमें से अधिकतर हिस्सा परिवार की ज़रूरतों पर खर्च होता है।
लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकती।
शाम होते ही वह सीधे जिम जाते हैं, जहां उनकी असली लड़ाई शुरू होती है, एक प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर बनने की लड़ाई। बिना किसी सप्लिमेंट या महंगे सपनों के दिखावे के, सिर्फ़ घर का खाना, लोहे का वज़न और अटूट मेहनत से उन्होंने खुद को निखारा है।
आज रौशन एक रीजनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियन हैं और सोशल मीडिया पर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनके Reels और Vlogs न केवल मसल्स दिखाते हैं, बल्कि एक मजबूत सोच और ज़िंदगी से हार न मानने वाला रवैया भी।
रौशन मिसाल हैं उस सोच की, जो बताती है कि अगर बोझ उठाने का जज़्बा हो, तो बड़े से बड़े सपने भी उठाए जा सकते हैं।
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