18/09/2025
बीते 13 सितंबर को केरल के कोच्चि में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और वकीलों का एक समूह इकट्ठा हुआ. उन्होंने पत्रकारों पर बढ़ती कार्रवाई और मनमानी गिरफ़्तारियों को लेकर चिंता जताई. यह बैठक 26 वर्षीय केरल के पत्रकार रेज़ाज एम. शीबा सिदीक़ की रिहाई की मांग के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत आयोजित की गई थी, जिन्हें महाराष्ट्र एटीएस ने 7 मई को गिरफ़्तार किया था.
लेकिन बैठक के तुरंत बाद ही केरल पुलिस ने वही कदम उठाए जिनके खिलाफ यह समूह विरोध कर रहा था. पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.
सार्वजनिक कार्यक्रम करने की विधिवत अनुमति होने के बावजूद कोच्चि पुलिस ने आयोजकों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और केरल पुलिस अधिनियम की कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया. आरोपों में ‘अवैध जमावड़ा’ और ‘पुलिस को उनका कर्तव्य निभाने से रोकना’ शामिल है.
सबसे अजीब आरोप यह लगाया गया है कि आयोजकों ने ‘पुलिस अधिकारी को डराया, रोका या उन पर हमला किया, ताकि वे अपना काम न कर सकें.’ हालांकि, आयोजकों ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
एफआईआर में जिनके नाम हैं, उनमें पत्रकार सिद्दीक कप्पन, अंबिका, बाबुराज भगवथी और मृदुला भवानी; कार्यकर्ता निहारिका प्रदौष, डॉ. हरी, शनीर, सीपी राशिद, सजिद खालिद, वीएम फैसल; और अधिवक्ता प्रमोद पुजंगारा शामिल हैं. | सुकन्या शांता की पूरी रिपोर्ट.
यहाँ पढ़ें: https://thewirehindi.com/311683/kerala-police-files-fir-on-journalists-protesting-crackdown/