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11/02/2025

माघी पूर्णिमा के अवसर पर महाप्रसाद का वितरण

नेपाल भारत मैत्री संगठन
नेपाल भारत मैत्री संगठन
धर्म जागरण समन्वय परिषद्
नेपाल भारत मैत्री संगठन
IndoNepal StudyCentre Insc
Maithili Diva - USA

भाई दूज के अवसर पर विशेषIndoNepal StudyCentre Inscनेपाल भारत मैत्री संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप कुमार ने नेपालग...
03/11/2024

भाई दूज के अवसर पर विशेष
IndoNepal StudyCentre Insc
नेपाल भारत मैत्री संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप कुमार ने नेपालगंज में परम्परागत तरीके से सहभागिता किया

न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षःचिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम्॥मैं धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष से परे हूँ।मैं आनन्दमय चेतना...
31/10/2024

न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम्॥

मैं धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष से परे हूँ।
मैं आनन्दमय चेतना हूँ। मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ।

नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित तेजसे ।
नमो भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने ॥

हे भगवान ! हे रुद्र ! आपका तेज अनगिनत सूर्योंके तेज समान है ।
रसरूप, जलमय विग्रहवाले हे भवदेव ! आपको नमस्कार है ।

।।हर हर महादेव।। ।। ॐ नमः शिवाय।।
🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नेपाल भारत मैत्री संगठन

दोस्तों हमारे भारत के पास लगभग 1380 आयलैंड है 🇮🇳( ऐसे स्थान जो चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हो आयलैंड कहलाते है ) 🇮🇳बहु...
23/10/2024

दोस्तों हमारे भारत के पास लगभग 1380 आयलैंड है 🇮🇳( ऐसे स्थान जो चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हो आयलैंड कहलाते है ) 🇮🇳बहुत से तो ऐसे है जहां तक अभी कोई निवासी नहीं है। और देखने में सबसे ज्यादा सुंदर लगते हैं आपको एक बार इन जगहों पर जाकर देखना चाहिए

572 आयलैंड अंडमान निकोबार द्वीप समूह में
39 आयलैंड लक्षद्वीप में
26 आयलैंड महाराष्ट्र में
23 आयलैंड केरल में
20 आयलैंड पश्चिम बंगाल में
15 आयलैंड तमिलनाडु में
14 आयलैंड गोवा में
9 आयलैंड गुजरात में
7 आयलैंड उड़ीसा में
7 आयलैंड आंध्रप्रदेश में
इसके अलावा असम, मणिपुर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कोंकण में सैंकड़ों नदी द्वीप है। ये सब होते हुए भी हम भारतीय हर साल 67 अरब डॉलर विदेश में यस सब देखने में खर्च करते है। जबकि भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां सभी महाद्वीपों का मौसम पाया जाता है।
यहां बर्फीली चोटियां, मरुस्थल, वर्षावन, सघन वन, नदी डेल्टा, पहाड़, नदियां, ऊंची चोटियां ,हिल स्टेशन, सबकुछ उपलब्ध है अगर हम चाहे तो 20 अरब डॉलर का व्यपार और पर्यटन अपन ही देश में कर सकते है

नेपाल भारत मैत्री संगठनIndoNepal StudyCentre Insc
19/10/2024

नेपाल भारत मैत्री संगठन
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वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या,जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों।
06/10/2024

वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या,
जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या,
जब धाराएं प्रतिकूल न हों।

26/09/2024
देश दुनिया में जितने भी प्रकार के शिव लिंग है सभीका एक साथ दर्शन
17/08/2024

देश दुनिया में जितने भी प्रकार के शिव लिंग है सभीका एक साथ दर्शन

भीतर डुबकी लगा कर जब स्वयं से भेंट हो जाती है फिर बाहरी चमक-दमक सब बेअसर हो जाती है✨
22/06/2024

भीतर डुबकी लगा कर जब स्वयं से भेंट हो जाती है
फिर बाहरी चमक-दमक सब बेअसर हो जाती है✨

भीतर डुबकी लगा कर जब स्वयं से भेंट हो जाती है फिर बाहरी चमक-दमक सब बेअसर हो जाती है✨🙏श्री राधे 🙏
22/06/2024

भीतर डुबकी लगा कर जब स्वयं से भेंट हो जाती है
फिर बाहरी चमक-दमक सब बेअसर हो जाती है✨
🙏श्री राधे 🙏

ज्ञानवापी में 128 फीट ऊँचा था आदि विशेश्वर का मंदिर, 8 फीट का शिखर और 8 मंडप थे. इसका जवाब तलाशते हुए एक भव्य मॉडल तैयार...
24/05/2024

ज्ञानवापी में 128 फीट ऊँचा था आदि विशेश्वर का मंदिर, 8 फीट का शिखर और 8 मंडप थे. इसका जवाब तलाशते हुए एक भव्य मॉडल तैयार किया गया है। ताकि लोग यह जान सकें कि औरंगजेब द्वारा तोडा़ गया मंदिर कितना भव्य, दिव्य और विशाल था। लकड़ी के इस मॉडल को तैयार करने में करीब दस महीने लगे हैं। ज्ञानवापी मुकदमें से जुड़े लोगों ने ग्रन्थों, पुस्तकों के अध्ययन और उपलब्ध नक्शों के आधार पर यह मॉडल तैयार करवाया है। पांडेयपुर के रहने वाले अमर अग्रवाल ने इसे बनाया है। ज्ञानवापी केस से जुड़े डॉ. राम प्रसाद सिंह के अनुसार वर्ष 1669 से पहले ज्ञानवापी में भगवान शिव का भव्य मंदिर हुआ करता था। धार्मिक और ऐतिहासिक ग्रन्थों में इस बात का उल्लेख मिलता है। बनारस के इतिहास में दिलचस्पी रखने वाले इतिहासकार एएस अल्टेकर व जेम्स प्रिंसेप ने भी विश्वेश्वर मंदिर के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है। प्रिंसेप ने तो मंदिर का नक्शा भी तैयार किया था। अध्ययनों से पता चलता है कि भगवान आदि विश्वेश्वर के मंदिर की ऊँचाई 128 फीट और चौड़ाई 136 फीट थी। तीन मंजिला मंदिर में आठ फीट ऊँचा शिखर था। मंदिर में आठ मंडप थे। पश्चिम दिशा में स्थित श्रृंगार मंडप के पास प्रवेश द्वार था। उत्तर दिशा में नंदी विराजमान थे और दक्षिण दिशा में स्थित कुंड में मंदिर का जल प्रवाहित होता था।
श्रृंगार गौरी मामले से जुड़े सोहनलाल आर्य का कहना कि इतिहास की पुस्तकों में जानकारी मिलती है कि औरंगजेब ने चुनार तोप से मंदिर की पश्चिमी दीवार को उड़वा दिया था। मंदिर के गर्भगृह की ओर जाने वाले मार्ग को बड़े-बड़े पत्थरों से ढक दिया गया था। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि काफी अध्ययन और रिसर्च के बाद यह मंदिर का मॉडल तैयार किया गया है। इसे पूरी तरह तैयार होने में कुछ वक्त और लगेगा। मॉडल पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद भव्य आयोजन के तहत इसे लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने एक फरमान जारी कर काशी विश्वनाथ मंदिर ध्वस्त करने का आदेश दिया था। यह फरमान एशियाटिक लाइब्रेरी, कोलकाता में आज भी सुरक्षित है। उस समय के लेखक साकी मुस्तइद खाँ द्वारा लिखित ‘मासीदे आलमगिरी’ में इस ध्वंस का वर्णन है। 2 सितंबर 1669 को औरंगजेब को मंदिर तोड़ने का कार्य पूरा होने की सूचना दी गई थी। 1777-80 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया था। अहिल्याबाई होलकर ने इसी परिसर में विश्वनाथ मंदिर बनवाया जिस पर पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने सोने का छत्र बनवाया। ग्वालियर की महारानी बैजाबाई ने मंडप बनवाया और महाराजा नेपाल ने वहाँ विशाल नंदी प्रतिमा स्थापित करवाई। नंदी प्रतिमा का मुख उल्टा होने का रहस्य यही है कि पहले मंदिर जहाँ था, वहाँ मस्जिद बनाई गई। जय विश्वनाथ 🙏
साभार

🙏🙏 आदरणीय Manish Singh Parmar जी के पटल से साभार

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