10/06/2025
बगलामुखी अष्टोत्तरशतनाम 108 नाम
धनाभाव दूर करने हेतु श्री पीताम्बरा अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत्रम ll
। श्रीविष्णु-यामले श्रीनारद-विष्णु-सम्वादे, श्रीबगलाऽष्टोत्तर-शत-नाम-स्त्रोत्रम ।।
विनियोग: ॐ अस्य श्री पीताम्बरा अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत्रस्य सदाशिव ऋषिः अनुष्टुप छन्दः श्री पीताम्बरी देवता श्री पीताम्बरी प्रीतये पाठे जपे विनियोगः |
ॐ बगला विष्णु-वनिता, विष्णु-शंकर-भामिनी ।
बहुला वेद-माता च, महा-विष्णु-प्रसूरपि ।।1।।
महा-मत्स्या महा-कूर्मा, महा-वाराह-रूपिणी ।
नरसिंह-प्रिया रम्या, वामना वटु-रूपिणी ।।2।।
जामदग्न्य-स्वरूपा च, रामा राम-प्रपूजिता ।
कृष्णा कपर्दिनी कृत्या, कलहा कल-कारिणी ।।3।।
बुद्धि-रूपा बुद्ध-भार्या, बौद्ध-पाखण्ड-खण्डिनी ।
कल्कि-रूपा कलि-हरा, कलि-दुर्गति-नाशिनी ।।4।।
कोटि-सूर्य-प्रतिकाशा, कोटि-कन्दर्प-मोहिनी ।
केवला कठिना काली, कला कैवल्य-दायिनी ।।5।।
केशवी केशवाराध्या, किशोरी केशव-स्तुता ।
रूद्र-रूपा रूद्र-मूर्ति, रूद्राणी रूद्र-देवता ।।6।।
नक्षत्र-रूपा नक्षत्रा, नक्षत्रेश-प्रपूजिता ।
नक्षत्रेश-प्रिया नित्या, नक्षत्र-पति-वन्दिता ।।7।।
नागिनी नाग-जननि, नाग-राज-प्रवन्दिता ।
नागेश्वरी नाग-कन्या, नागरी च नगात्मजा ।।8।।
नगाधिराज-तनया, नग-राज-प्रपूजिता ।
नवीन नीरदा पीता, श्यामा सौन्दर्य-कारिणी ।।9।।
रक्ता नीला घना शुभ्रा, श्वेता सौभाग्य-दायिनी ।
सुन्दरी सौभगा सौम्या, स्वर्णभा स्वर्गति-प्रदा ।।10।।
रिपु-त्रास-करी रेखा, शत्रु-संहार-कारिणी ।
भामिनी च तथा माया, स्तम्भिनी मोहिनी शुभा।।12।।
राग-द्वेष-करी रात्रि, रौरव-ध्वसं-कारिणी ।
यक्षिणी सिद्ध-निवहा सिद्धेशा सिद्धि-रूपिणी ।।13।।
लंका-पति-ध्वसं-करी, लंकेश-रिपु-वन्दिता ।
लंका-नाथ – कुल-हरा, महा-रावण-हारिणी ।।14।।
देव-दानव-सिद्धौघ-पूजिता परमेश्वरी ।
पराणु-रूपा परमा, पर-तन्त्र-विनाशिनी ।।15।।
वरदा वरदाऽऽराध्या, वर-दान-परायणा ।
वर-देश-प्रिया वीरा, वीर-भूषण-भूषिता ।।16।।
वसुदा बहुदा वाणी, ब्रह्म-रूपा वरानना ।
बलदा पीत-वसना, पीत-भूषण-भूषिता ।।17।।
पीत-पुष्प-प्रिया पीत-हारा पीत-स्वरूपिणी ।
शुभं ते कथितं विप्र ! नाम्नामष्टोत्तरं शतम् ।।18।।
यः पठेद् पाठयेद् वापि, श्रृणुयाद् ना समाहितः ।
तस्य शत्रुः क्षयं सद्यो, याति वै नात्र संशयः ।।19।।
प्रभात-काले प्रयतो मनुष्यः, पठेत् सु-भक्त्या परिचिन्त्य पीताम् ।
द्रुतं भवेत् तस्य ...
🌹
श्री बगलामुखी अष्टोत्तर शतनाम सत्रोत **†*†************†********
ब्रह्मास्त्ररुपिणी देवी माता श्रीबगलामुखी ।
चिच्छिक्तिर्ज्ञान-रुपा च ब्रह्मानन्द-प्रदायिनी ।। १ ।।
महाविद्या महालक्ष्मी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।
भुवनेशी जगन्माता पार्वती सर्वमंगला ।। २ ।।
ललिता भैरवी शान्ता अन्नपूर्णा कुलेश्वरी ।
वाराही छीन्नमस्ता च तारा काली सरस्वती ।। ३ ।
जगत्पूज्या महामाया कामेशी भगमालिनी ।
दक्षपुत्री शिवांकस्था शिवरुपा शिवप्रिया ।। ४ ।।
सर्व-सम्पत्करी देवी सर्वलोक वशंकरी ।
विदविद्या महापूज्या भक्ताद्वेषी भयंकरी ।। ५ ।।
स्तम्भ-रुपा स्तम्भिनी च दुष्टस्तम्भनकारिणी ।
भक्तप्रिया महाभोगा श्रीविद्या ललिताम्बिका ।। ६ मैनापुत्री शिवानन्दा मातंगी भुवनेश्वरी ।
नारसिंही नरेन्द्रा च नृपाराध्या नरोत्तमा ।। ७ ।।
नागिनी नागपुत्री च नगराजसुता उमा ।
पीताम्बा पीतपुष्पा च पीतवस्त्रप्रिया शुभा ।। ८ ।।
पीतगन्धप्रिया रामा पीतरत्नार्चिता शिवा ।
अर्द्धचन्द्रधरी देवी गदामुद्गरधारिणी ।। ९ ।।
सावित्री त्रिपदा शुद्धा सद्योराग विवर्धिनी ।
विष्णुरुपा जगन्मोहा ब्रह्मरुपा हरिप्रिया ।। १० ।।
रुद्ररुपा रुद्रशक्तिश्चिन्मयी भक्तवत्सला ।
लोकमाता शिवा सन्ध्या शिवपूजनतत्परा ।। ११ ।
धनाध्यक्षा धनेशी च नर्मदा धनदा धना ।
चण्डदर्पहरी देवी शुम्भासुरनिबर्हिणी ।। १२ ।।
राजराजेश्वरी देवी महिषासुरमर्दिनी ।
मधूकैटभहन्त्री देवी रक्तबीजविनाशिनी ।। १३ ।।
धूम्राक्षदैत्यहन्त्री च भण्डासुर विनाशिनी ।
रेणुपुत्री महामाया भ्रामरी भ्रमराम्बिका ।। १४ ।।
ज्वालामुखी भद्रकाली बगला शत्रुनाशिनी ।
इन्द्राणी इन्द्रपूज्या च गुहमाता गुणेश्वरी ।। १५ ।।
वज्रपाशधरा देवी ज्ह्वामुद्गरधारिणी ।
भक्तानन्दकरी देवी बगला परमेश्वरी ।। १६ ।।
अष्टोत्तरशतं नाम्नां बगलायास्तु यः पठेत् ।
रिपुबाधाविनिर्मुक्तः लक्ष्मीस्थैर्यमवाप्नुयात् ।। १७ ।
भूतप्रेतपिशाचाश्च ग्रहपीड़ानिवारणम् ।
राजानो वशमायांति सर्वैश्वर्यं च विन्दति ।। १८ ।।
नानाविद्यां च लभते राज्यं प्राप्नोति निश्चितम् ।
भुक्तिमुक्तिमवाप्नोति साक्षात् शिवसमो भवेत् ।। १९ ।।
।। इति श्री रुद्रयामले सर्व-सिद्धि-प्रद बगलाऽष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्र ।।
🌹
उपरोक्त दिये दोनो सत्रोतों मे से कोई भी ऐक का धनाभाव दूर करने हेतु और भगवती की कृपा प्राप्त करने हेतु इस स्त्रोत्र के 1000 पाठ संकल्प (दस पाठ प्रति दिन) लेकर करे और 10 पाठ का हवन करें ।
पाठ से पहले,
एक गरी का गोला+151रूपये एक पीले कपड़े में बांध कर पूजा के स्थान पर रखें,
संकल्प का जल इसी गोले पर डाले।
नित्य संकल्प लें।
पहले दिन 1000पाठ का
बाकी दिन-- पूर्व पाठे संकल्पे अहम कुरवे
जल गोले पर डाल दे।
पाठ समाप्त कर, उसे मां बगलामुखी के बाएं हाथ में समर्पित कर दें--हे मां पीतांबरा मैंने जो पाठ किया है उसे मैं आप के बाएं हाथ में समर्पित कर रहा हूं।
अन्त में आसन के नीचे जल डालकर वह पानी अपने मस्तक में लगा कर उठले।
नित्य ऐसे ही करे।
गाकर पाठ नही करना है
जो विधी बताए उसी प्रकार चलने मे सफलता शीघ्र ही मिलेगी ।
एकाग्रतापूर्वक पाठ करें
दुःखी मन से पुकार निकलने से मां बगलामुखी शीघ्र ही द्रवित होती है।
बाकी अलग-अलग गुरुवो का मत जैसा हो,
हम जिस प्रकार से आगे बढ़े और भीषण संग्राम में सफल हुए वहीं बताया है बाकी तुम्हारी जैसी इच्छा ।
अब 10पठो से हवन करना है
हवन सामगी
शक्कर का बूरा 1kg
काला तिल 1kg
कमल बीज 200Gra
गुगल 200gram
शहद 100gram
देशी घी 50gram
सभी को मिला कर हवन करें
ऊं अग्नि देवताभ्यो नमः स्वाहा
ऊं ब्रम्हा ये नमः स्वाहा
ॐ विष्णु याये नमः स्वाहा
ॐ महेश्वराये नमः स्वाहा
ॐ श्रेत्रपालाए नमः स्वाहा
पहले उपरोक्त नामों से एक एक
आहुति दे कर, फिर शतनाम हवन प्रारम्ह करें
हवन 10पाठो से करें
ॐ ब्रह्मास्त्ररूपणी देवी माता श्रीबगलामुखी नमः स्वाहा। यह ऐक आहूति हुई । इसी प्रकार से 108नामो की आहुति देनी है।
यह एक पाठ हुआ
गुरू भोज
एक थाली में भोजन रखकर+2पीले लड्डू+151रूपये।
इसे पीले वस्त्र से ढंक कर,
ॐ गुरूवे नमः की1 माला जप कर कहे गुरु जन भोजन ग्रहण करें।
आधे धंटे बाद वह भोजन खुद खा ले।
फिर 10ब्राम्हणो को भोजन कराएं या अपने गुरु को भोजन कराऐं ।
अब नारियल खोल कर किसी मन्दिर में जाकर रख दें, इसके अन्दर का पैसा+गुरू भोज का पैसा गुरु को देने हैं।
अपने गुरु की आज्ञा लेकर करें पीले वस्त्र । पीला आसन्न । हल्दी की एक गांठ पर रोली मोली लपेटकर या बगलामुखी यंत्र स्थापित कर पंचोपचार अथवा षोडशोपचार. के द्वारा पूजन करें । गुरु पूजा गणेश पूजन. भैरव पूजन करें । पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करे । अनुष्ठान के दौरान भूमि शयन करें । पूर्ण निष्ठा और समर्पण तथा माता पर विश्वास रख कर करें सफलता निश्चित ही है। मां बगलामुखी बड़ी ही सौम्य देवी हैं। हर प्रकार के कष्टों को हरने वाली । मोहन वशीकरण उच्चाटन और स्तम्भन की देवी है ।। please USE OUR UPI NO. 🙏
9625662955 UPI
DR.J.K.FOUNDATION
🌹