22/06/2025
ईरान पर अमेरिका का हमला
तड़के सुबह जब पूरी दुनिया चैन की नींद में थी, ईरान के आसमान में अचानक अमेरिकी B2 बॉम्बर विमानों की गर्जना सुनाई दी। यह गर्जना मौत की आहट थी, जो ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर बरसी। अमेरिकी बमवर्षकों ने ईरान की उन परमाणु साइट्स को खाक में मिला दिया, जिन पर दुनिया वर्षों से चिंता जता रही थी। सबसे बड़ा वार फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद मीडिया को बताया कि फोर्डो सहित दो अन्य परमाणु ठिकाने – नतांज और इस्फहान – अब इतिहास बन चुके हैं। इन साइट्स को दोबारा सक्रिय करना लगभग असंभव है। इस हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप का आभार जताया और कहा – यह हमला इतिहास की दिशा बदलने वाला साबित होगा
दरअसल, बीते कई दिनों से इजराइल बार-बार अमेरिका से आग्रह कर रहा था कि ईरान की भूमिगत परमाणु साइट्स पर ऐसा प्रहार हो जो ईरान की बम बनाने की मंशा को हमेशा के लिए खत्म कर दे। अमेरिकी बंकर बस्टर बम ही वो अस्त्र थे, जिनकी जरूरत थी। जंग के दसवें दिन अमेरिका ने सीधी दखल देते हुए ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – को चुन-चुन कर निशाना बनाया। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी B2 बॉम्बर विमानों ने फोर्डो पर 5 से 6 GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए। वहीं अमेरिकी पनडुब्बियों से 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी गईं, जो नतांज और इस्फहान को निशाना बनाने के लिए 400 मील दूर से छोड़ी गई थीं। यह हमला न सिर्फ सैन्य ताकत का प्रदर्शन था, बल्कि ईरान के परमाणु सपनों पर निर्णायक प्रहार भी।
हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा – 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' हमारी सरकार की ऐतिहासिक सफलता है। हमने ईरान के परमाणु ठिकानों को खत्म करने का अपना वादा पूरा कर दिखाया। यह हमला अमेरिका और इजराइल की साझा रणनीति का नतीजा है, जिसका उद्देश्य पूरी दुनिया को परमाणु खतरे से बचाना था। नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्वतंत्र दुनिया का साहसी नेता और इजराइल का सबसे बड़ा दोस्त करार दिया। उन्होंने कहा, 'पूरे यहूदी समुदाय की ओर से मैं राष्ट्रपति ट्रंप का आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने इस ऐतिहासिक कदम में हमारा साथ दिया।'
तो अब सवाल ये कि क्या मिडिल ईस्ट में शांति लौटेगी? या यह सिर्फ शुरुआत थी? राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका फिलहाल और कोई हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर ईरान ने पलटवार किया तो जवाब और भी करारा होगा। अब निगाहें इस पर हैं कि क्या यह युद्ध यहीं थमेगा या और देश इस आग में कूदेंगे।