31/03/2024
लोकसभा चुनाव सर पर है और उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सभी की नजर है। देश का सबसे बड़ा राज्य इस बार ज्यादा दिलचस्प और चुनौती पूर्ण सभी पार्टियों के लिए साबित होने वाला है। देश की सत्ता की कुर्सी यूपी से ही होकर गुजरती है आज हम बात करने वाले है यूपी की ही मेरठ लोकसभा सीट की जो पिछले कई सालों से दिलचस्प मुकाबला दिखा रही है।
सराफा बाजार के लिए मशहूर मेरठ पिछले दो चुनावों से लगातार भारतीय जनता पार्टी को भारी जीत दिला रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि मेरठ लोकसभा सीट के साथ हापुड़ का कुछ इलाका भी जुड़ता है। यहां पर कुल विधानसभा के पांच क्षेत्र हैं जिसमें किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ दक्षिण और हापुड़ शामिल है। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो मेरठ की सीट से बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने बड़ी जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर बसपा के हाजी याकूब कुरैशी रहे थे। कांग्रेस ने मेरठ से हरेंद्र अग्रवाल को उतारा था, लेकिन उन्हें मात्र 34,479 वोट मिले थे।
2014 के जनादेश की बात करें तो तब तो मोदी लहर का मेरठ में असर पूरा देखने को मिला था। बीजेपी को उस चुनाव में अकेले मेरठ में 48 फीसदी के करीब वोट मिला और तब भी राजेंद्र अग्रवाल ने एक स्थानीय नेता मोहम्मद शाहिद अखलाक को 2 लाख से ज्यादा वोटो से कड़ी पराजय दी थी। उस चुनाव में कांग्रेस ने भी बड़ा सियासी दांव चलते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस नगमा को टिकट दिया था, लेकिन ना उनकी लोकप्रियता का कोई फायदा मिला और देश की सबसे पुरानी पार्टी तीसरे पायदान पर रह गई।
मेरठ के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर 65 फीसदी हिंदू समुदाय है, 36 प्रतिशत मुस्लिम हैं। यहां पुरुषों की बात करें तो वे 54 फ़ीसदी से ज्यादा बैठते हैं, वहीं महिलाएं 44 फीसदी से ज्यादा है।
वैसे मेरठ को लेकर एक बड़ा आंकड़ा ये भी है कि 1991 के बाद से यहां से अब तक आठ बार चुनाव हुए हैं, जिसमें छह बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। बीजेपी का लगातार तीन बार जीतने का रिकॉर्ड 1999 में कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना ने तोड़ दिया था। फिर 2004 के चुनाव में बीएसपी ने मोहम्मद शाहिद अखलाक को उतार कर फिर भाजपा को पटकनी देने का काम किया था।
मेरठ को लेकर कहा जाता है कि हिंदू मुस्लिम राजनीति के अलावा यहां पर ब्राह्मण वैश्य और त्यागी समाज के लोग भी अच्छी संख्या में रहते हैं। जाट और गुर्जर की भी भूमिका अहम मानी जाती है।
बीजेपी ने मेरठ से पौराणिक कथा पर आधारित लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को टिकट दिया है. बीजेपी उनके जरिए यूपी में राममय माहौल बनाने में जुटी है. जानकारों का मानना है कि लोगों में आज भी उनकी छवि भगवान राम की तरह है. बड़ी संख्या में लोग उन्हें पूजते हैं.
उधर समाजवादी पार्टी ने मेरठ से एडवोकेट भानु प्रताप सिंह को कैंडिडेट बनाया है, लेकिन स्थानीय बड़े नेताओं द्वारा लगातार उनका विरोध देखने को मिल रहा था. जिसके बाद अखिलेश यादव ने आनन-फानन में टॉप लीडर्स को लखनऊ और बुलाया और बड़ी बैठक की, जिसमें प्रत्याशी को बदलने पर चर्चा की गई है. अब देखना होगा की सपा किसे उम्मीदवार बनाती है.
आपको बता दें कि मेरठ लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में वोटिंग होनी है. दूसरी चरण में यूपी की आठ सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इससे पहले 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होनी है. पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुरादाबाद, रामपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना और पीलीभीत सीट पर वोटिंग होगी. मतगणना 4 जून को होगी.