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बिहार की मतदाता सूची से भारी गड़बड़ी का खुलासा ! 👍👍👍18.7 लाख मृत घोषित26 लाख से ज़्यादा स्थायी रूप से स्थानांतरित7.5 लाख...
23/07/2025

बिहार की मतदाता सूची से भारी गड़बड़ी का खुलासा ! 👍👍👍
18.7 लाख मृत घोषित
26 लाख से ज़्यादा स्थायी रूप से स्थानांतरित
7.5 लाख कई स्थानों पर दर्ज
11,484 कहीं पता नहीं चला
ये गड़बड़ी किसी एक दिन में नहीं हुई ,वर्षों से कुछ दल
इसी ग़लत सूची का फायदा उठा रहे थे।

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाक के मामले की सुनवाई करते हुए एक महिला से महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इस मामले में महिल...
22/07/2025

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाक के मामले की सुनवाई करते हुए एक महिला से महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इस मामले में महिला ने अपने पति से गुजारे-भत्ते के तौर पर 12 करोड़ रुपये, मुंबई में एक फ्लैट और एक BMW कार की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने महिला की इस मांग पर हैरानी जताई और उससे कहा, "आप इतनी पढ़ी-लिखी हैं, आपको खुद कमाकर खाना चाहिए, आप भी पढ़ी-लिखी हैं।" CJI गवई ने यह भी पूछा कि जब महिला आईटी क्षेत्र में है और एमबीए कर चुकी है, तो वह काम क्यों नहीं करती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक शिक्षित महिला यह तय नहीं कर सकती कि वह केवल बैठेगी और काम नहीं करेगी।

मामले का संक्षिप्त विवरण
शादी की अवधि: यह शादी केवल 18 महीने चली थी।

महिला की मांग: महिला ने तलाक के एवज में 12 करोड़ रुपये, मुंबई में एक घर और एक BMW कार की मांग की।

महिला का तर्क: महिला के वकील ने तर्क दिया कि यह मांग "सेटलमेंट" का हिस्सा है, कोई "भीख" नहीं। महिला ने यह भी बताया कि उसके पति ने उसे मानसिक रोगी बताकर शादी रद्द करने की कोशिश की थी और उस पर फर्जी FIR भी दर्ज कराई थी, जिससे उसकी नौकरी पर असर पड़ा।

कोर्ट का रुख: सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को "शोषण" और "बर्दाश्त से बाहर" बताया। कोर्ट ने महिला को यह विकल्प दिया कि या तो वह बिना किसी परेशानी के एक फ्लैट ले ले, या फिर 4 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि ले और एक अच्छी नौकरी ढूंढे। कोर्ट ने यह भी आश्वासन दिया कि महिला के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कर दी जाएगी ताकि उसकी नौकरी की संभावनाएँ प्रभावित न हों।

इस टिप्पणी के मायने
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी शिक्षित और सक्षम महिलाओं की आत्मनिर्भरता पर जोर देती है। यह इंगित करती है कि अगर कोई महिला पेशेवर रूप से योग्य है, तो उसे गुजारे-भत्ते के लिए पूरी तरह से पति पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, खासकर ऐसी स्थितियों में जहाँ गुजारे-भत्ते की राशि बहुत अधिक मांगी जा रही हो। यह फैसला तलाक के मामलों में गुजारे-भत्ते की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण नजीर बन सकता है, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों पर भी असर पड़ सकता है।

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में बिहार की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "बिहार तो भगवान भरोसे चल रहा है...
22/07/2025

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में बिहार की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "बिहार तो भगवान भरोसे चल रहा है, क्या ही बोलें।" यह बयान उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और सुशासन को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए दिया है।

तेजस्वी यादव की टिप्पणी के पीछे के संभावित कारण
तेजस्वी यादव के इस बयान के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो बिहार की राजनीति और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से जुड़े हैं:

कानून-व्यवस्था: बिहार में हाल के दिनों में अपराध की घटनाओं में कथित वृद्धि को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है। तेजस्वी यादव अक्सर हत्या, लूट और अपहरण जैसे मामलों को उठाते रहे हैं।

भ्रष्टाचार: राज्य में विभिन्न सरकारी योजनाओं और विभागों में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी राजद लगातार आवाज़ उठाता रहा है। तेजस्वी का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में विफल रही है।

रोजगार और पलायन: बिहार से बड़े पैमाने पर युवाओं का पलायन रोजगार की तलाश में होता है। तेजस्वी यादव इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार पर रोजगार सृजन में विफलता का आरोप लगाते रहे हैं।

स्वास्थ्य और शिक्षा: सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को लेकर भी विपक्ष अक्सर सरकार को घेरता है।

राजनीतिक खींचतान: यह बयान सत्ताधारी गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी राजद के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान का भी हिस्सा है। तेजस्वी यादव अपनी पार्टी को मजबूत करने और आगामी चुनावों से पहले सरकार की कमजोरियों को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं।

22/07/2025

जस्टिस वर्मा को सिर्फ 'वर्मा'कहा
याचिकाकर्ता पर भड़के CJI गवई

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया है। यह फैसला 19 साल बाद आया है। ...
22/07/2025

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया है। यह फैसला 19 साल बाद आया है। 🥲🥲👍👍
| Mumbai HC |

मुख्य बातें:

मामला: 11 जुलाई 2006 को मुंबई की पश्चिमी रेलवे नेटवर्क पर सिलसिलेवार 7 बम धमाके हुए थे, जिनमें 180 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।

निचली अदालत का फैसला: 2015 में, एक निचली अदालत (मकोका कोर्ट) ने इनमें से 5 दोषियों को मौत की सज़ा और 7 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।

बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला: बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा। कोर्ट ने गवाहों के बयान में असामान्यता और सबूतों की कमी का हवाला देते हुए निचली अदालत का फैसला पलट दिया।

रिहाई: फैसले के बाद, इन 12 आरोपियों में से 8 को महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों से रिहा कर दिया गया है। कुछ अन्य आरोपी लंबित मामलों के कारण अभी भी जेल में हैं, और एक आरोपी की 2021 में मृत्यु हो चुकी है।

सरकार का रुख: महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 24 जुलाई 2025 को सुनवाई होगी।

इस फैसले ने एक बार फिर न्याय प्रणाली में सबूतों की अहमियत और जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।

नालासोपारा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी...
22/07/2025

नालासोपारा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी और शव को घर के फर्श के नीचे दफना दिया। यह घटना लगभग 10-15 दिन पहले की बताई जा रही है। 👍👍


मामले का विवरण:

मृतक की पहचान: विजय चौहान (35) के रूप में हुई है, जो नालासोपारा पूर्व के गंगड़ीपाड़ा इलाके में अपनी पत्नी चमन उर्फ गुड़िया देवी (28) और सात साल के बेटे के साथ रहता था।

आरोपी: विजय की पत्नी चमन उर्फ गुड़िया देवी और उसका प्रेमी मोनू (20) नाम का युवक, जो पड़ोसी बताया जा रहा है।

हत्या का कारण: बताया जा रहा है कि गुड़िया का मोनू से प्रेम प्रसंग चल रहा था और विजय उनके रिश्ते में बाधा बन रहा था, जिसके चलते दोनों ने विजय को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

घटना को अंजाम: आरोपियों ने विजय की हत्या कर दी और उसके शव को घर में ही दफना दिया। अपराध को छिपाने के लिए, चमन ने कथित तौर पर दफनाने वाली जगह पर नई टाइलें भी लगवा दीं।

खुलासा: विजय के परिवार को शक हुआ जब वह कई दिनों तक लापता रहा और उसके फोन का जवाब नहीं मिला। उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने घर में दुर्गंध महसूस की और जब फर्श की कुछ टाइलों का रंग बाकी टाइलों से अलग दिखा, तो शक गहराया। पुलिस ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों और स्थानीय तहसीलदार की मौजूदगी में खुदाई कर विजय के शव को बाहर निकाला।

वर्तमान स्थिति: पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी गुड़िया और मोनू फिलहाल फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश के लिए टीमें गठित कर चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को बड़ी राहत, कांवड़ मार्ग पर दुकानों के लिए QR कोड और लाइसेंस का फैसला बरकरार 👍👍👍   🕉️📿📿🕉️🙏...
22/07/2025

सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को बड़ी राहत, कांवड़ मार्ग पर दुकानों के लिए QR कोड और लाइसेंस का फैसला बरकरार 👍👍👍
🕉️📿📿🕉️🙏🙏
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद दुकानों और ढाबों पर QR कोड और लाइसेंस प्रदर्शित करने के आदेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी जीत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसका अर्थ है कि योगी सरकार का यह फैसला फिलहाल प्रभावी रहेगा।

यह मामला कांवड़ यात्रा के दौरान खाद्य विक्रेताओं द्वारा QR कोड प्रदर्शित करने के निर्देश से संबंधित था, जिसमें दुकान मालिकों की पहचान का खुलासा होता था। कुछ याचिकाकर्ताओं ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, उनका तर्क था कि यह पिछली अदालत के आदेश के खिलाफ है, जिसमें दुकानदारों को अपनी पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं किया गया था।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आज (22 जुलाई, 2025) सुनवाई के दौरान कहा कि दुकानदारों को अपना लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ता को यह जानने का अधिकार है कि उसे किस तरह का भोजन परोसा जा रहा है, और इस उद्देश्य के लिए QR कोड का उपयोग गलत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि "उपभोक्ता ही राजा है" और उसे सूचित चुनाव करने की सुविधा मिलनी चाहिए।

अदालत ने यह भी ध्यान दिलाया कि कांवड़ यात्रा अपने अंतिम चरण में है, और इस स्तर पर आदेश में हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। इस फैसले से योगी सरकार के उस आदेश को वैधानिकता मिल गई है, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर पारदर्शिता और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया था।

यह फैसला भविष्य की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है, खासकर धार्मिक यात्राओं के दौरान व्यवस्था बनाए रखने और उपभोक्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में।

संभल में CO अनुज चौधरी ने की कांवड़ियों की सेवा 🙏🙏       🕉️📿📿🕉️🙏🙏 संभल में पुलिस क्षेत्राधिकारी (CO) अनुज चौधरी ने कांवड...
22/07/2025

संभल में CO अनुज चौधरी ने की कांवड़ियों की सेवा 🙏🙏
🕉️📿📿🕉️🙏🙏
संभल में पुलिस क्षेत्राधिकारी (CO) अनुज चौधरी ने कांवड़ यात्रा के दौरान ड्यूटी पर रहते हुए कांवड़ियों की सेवा की. उन्होंने कांवड़ियों को फल खिलाए और उनके पैरों की मालिश भी की.

यह घटना संभल जिले की है, जहाँ CO अनुज चौधरी ने एक मानवीय पहल करते हुए ड्यूटी के साथ-साथ शिव भक्तों की सेवा भी की, जिससे उनकी सराहना हो रही है.

22/07/2025

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कुशवाहा ने निशांत को भी फंसा दिया!

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21/07/2025

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झुकी सरकार, विपक्ष की मांग स्वीकार

21/07/2025

मानसून सत्र शुरू होते ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया है। आज मानसून सत्र का पहला ही दिन था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट का सहयोग के लिए धन्यवाद भी किया। इस बीच कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे धनखड़ को मनाए।

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