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आधुनिक राजनीति पर आधारित एक हल्की-फुल्की और मजेदार सैटायर! 'पति परिधान मंत्री के नाम' एक राजनीतिक व्यंग्य है जो आजकल के ...
05/03/2025

आधुनिक राजनीति पर आधारित एक हल्की-फुल्की और मजेदार सैटायर! 'पति परिधान मंत्री के नाम' एक राजनीतिक व्यंग्य है जो आजकल के नेताओं और उनकी नीतियों की अनोखी छाया को उजागर करता है। एक दिलचस्प और हास्यपूर्ण दृष्टिकोण से भारतीय राजनीति पर तंज कसते हुए, यह वीडियो आपको हंसी के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करेगा। देखिए और जुड़िए हमारी राजनीति की दुनिया में एक हल्के-फुल्के सफर के लिए!"

पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire | Episode-87 | Bharat Sharma | Manmohan Singh | Vyang ...

09/06/2024

राम की अयोध्या

भारत शर्मा

‘जय जगन्नाथ’ का नारा सुनकर आचानक स्वर्ग में राम नींद से जाग गए। पिछले कई सालों से चुनावी रैली हो, दंगा - फसाद हो, मॉब लिंचिंग हो या चुनावी रिजल्ट, जब तक वे जय श्री राम का नारा नहीं सुन लेते थे, तब तक उन्हें नींद नहीं आती थी। जिस देश में ‘भारत में यदि रहना है, तो यह श्री राम कहना है’ जैसे नारे लगते हों, वहां अचानक जय जगन्नाथ के नारे लगें, तो कोई भी चौंक जाएगा। दरअसल, लंबे और उबाऊ चुनाव अभियान के बाद राम को गहरी नींद आ गई थी, इसीलिए नए घटनाक्रम से वे अनभिज्ञ थे। अचानक नींद खुली, तो उन्हें लगा, कहीं रामजादे सत्ता से बाहर तो नहीं हो गए हों।
राम ने एक बार फिर हनुमान को बुला भेजा, पर सामने नजर आए लक्ष्मण।
राम ने सवाल किया- भ्राता, ये अचानक जय जगन्नाथ के नारे क्यों लग रहे हैं, लगाने वाले की आवाज भी कुछ जानी पहचानी लग रही है।
लक्ष्मण ने कहा, महाराज नारे लगाने वाले वही हैं, जो हर चुनावी रैली की शुरुआत ‘जय श्री राम’ के नारे से करते थे। अब उन्होंने देवता बदल दिया है।
राम का अगला सवाल था-ऐसा क्यों।
लक्ष्मण की जबाव था- सब चुनावी चक्कर है। इस बार उड़ीसा में ज्यादा सीटें मिल गईं और अयोध्या हार गए। उड़ीसा की समाजवादी जनता हिंदू बन गई और अयोध्या की राम भक्त जनता समाजवादी। लक्ष्मण ने आगे जोड़ते हुए बताया, सिर्फ अयोध्या ही नहीं, चित्रकूट भी हार गए, जहां तुलसीदास जी ने चंदन घिसा था।
राम ने कहा- मैंने सुना था, कि बीच चुनाव में भगवान जगन्नाथ का भी अपमान किया था किसी नेता ने।
लक्ष्मण ने बताया- हां, भगवा दल वालों ने भगवान जगन्नाथ को महामानव का भक्त बताया था और जनता ने इसे सच मान लिया, इसीलिए पुरी में कॉरिडोर बनाने वाले समाजवादियों का साथ छोड़कर जनता भगवान जगन्नाथ के आराध्य के साथ चली गई। इस तरह भगवान जगन्नाथ पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं।
ठीक है, पर अयोध्या का क्या हुआ- राम का अगला सवाल था।
सब रंग का खेल है प्रभु, आपने स्वर्ग आते समय हनुमान जी को अयोध्या का राजा घोषित किया था। अब वे पहनते हैं, लाल लंगोट, इधर समाजवादियों के झंडे में भी लाल रंग होता है। इसीलिए अयोध्यावादी मतिभ्रम का शिकार हो गए। लक्ष्मण ने आगे जोड़ते हुए कहा, प्रभु, फैजाबाद में लाल झंडे वाले पहले भी चुनाव जीतते रहे हैं।
राम ने बनावटी नाराजगी दिखाते हुए कहा, कुछ छिपा तो नहीं रहे हो, मुझसे। कोई कह रहा था, राम पर रोटी भारी पड़ गई।
लक्ष्मण ने नम्रता से कहा, ऐसा नहीं है प्रभु। यह देश अभी भी धर्म की लड़ाई ही लड़ रहा है, लड़ाई रोटी की होती, तो आंदोलन रोटी, रोजगार के लिए होता, मंदिरों के लिए नहीं।
राम लक्ष्मण की बातों से संतुष्ट नहीं हुए, उन्होंने कहा, हनुमान को बुला लाओ।
लक्ष्मण ने कहा, महाराज यह नहीं हो सकता। उनके हाथ में प्लास्टर चढ़ा हुआ है।
राम ने चिंतित होकर पूछा-क्या हुआ।
लक्ष्मण ने बताया, प्रभु, अयोध्या के राम मंदिर में हनुमान जी की जो मूर्ति लगाई गई थी, वह कच्चे पत्थर की थी, उसका हाथ टूट गया है।
लक्ष्मण की बात सुनकर राम हनुमान के लिए चिंतित हुए और अयोध्या वासियों के आभारी। पिछले 40 साल से हर चुनाव में जुत रहे थे, अयोध्यावासियों ने उनकी जान बचा ली। राम से ज्यादा खुश तो मथुरा और काशी वाले थे, अयोध्या वालों ने उनकी भी जान बचा ली।



, एकात्म मानव बनते ही कल्लू कसाई, ठाकुर अजगर सिंह, लच्छो सेठ और भन्नो सेठ की आंखें खुल गईं। पहले उन्हें अपने किए पर पछता...
30/05/2024

, एकात्म मानव बनते ही कल्लू कसाई, ठाकुर अजगर सिंह, लच्छो सेठ और भन्नो सेठ की आंखें खुल गईं। पहले उन्हें अपने किए पर पछतावा होता था, अब वो खत्म हो गया। कल्लू का दावा है, वह लठैत बना, य़ह परमात्मा की मर्जी थी, इसीलिए अगर वो हड़ताल कर रहे किसानों या मजदूरों पर लाठियां चलाता है, तो उससे यह काम भगवान कराता है, इसमें उसका कोई दोष नहीं है। भन्नो सेठ का मानना है, पहले काला बाजारी करते वक्त उनकी आत्मा कभी-कभी उन्हें कचोटती थी, अब समझ आ गया, उनसे यह सब कोई अदृश्य ताकत करा रही है।

पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire "एकात्म मानव" | Episode-51 । Hindi satire | satire7thfacevoting ...

सोशल मीडिया से पता चला, इन दिनों आप भूटान यात्रा पर निकले हुए हैं। पढ़कर बहुत अच्छा लगा जी, काफी दिनों से बाहर नहीं गए थ...
26/03/2024

सोशल मीडिया से पता चला, इन दिनों आप भूटान यात्रा पर निकले हुए हैं। पढ़कर बहुत अच्छा लगा जी, काफी दिनों से बाहर नहीं गए थे, लगातार चुनावों के कारण रैलियां करने के लिए देश में रहना मजबूरी है, एक बार ‘एक देश एक चुनाव’ लागू हो जाए, तो देश वापसी की चिंता ही नहीं रहेगी। वैसे भूटान जाकर आपने अच्छा ही किया, इन दिनों पहाड़ों का मौसम अच्छा होता है, अपने लद्दाख में तो सोनम वांगचुक हंगामा किए हुए हैं, सुना है, कई दिनों से अनशन पर बैठे हैं, लद्दाख की संस्कृति बचाने की मांग को लेकर, बड़ी मुश्किल से तो धारा 370 हटाकर जमीन बेचने पर लगी रोक हटाई है, अब जमीनें बिकवाएं या संस्कृति बचाएं।

पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire "बाल स्वयं सेवक की पीड़ा" | Episode-44 । Hindi satire #2024 #...

देश तो अभी तक सुरक्षित हाथों में था, अब राज्य भी सुरक्षित हाथों में पहुंच गए हैं, जिसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मंडल...
19/12/2023

देश तो अभी तक सुरक्षित हाथों में था, अब राज्य भी सुरक्षित हाथों में पहुंच गए हैं, जिसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मंडल कमेटी की धन्यवाद बैठक में मंडल अध्यक्ष सरदार जंडैल सिंह ने बताया, जो नए सीएम चुने गए हैं, उनमें मध्य प्रदेश वाले दोनों हाथों से तलवार चलाने में माहिर हैं, तो छत्तीसगढ़ वाले सर कलम करने में। तीनों संघ से दीक्षित हैं, सो गालियां देने में भी यह दक्षता नजर आती है।

पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire "कल्लू कसाई की उम्मी" | Episode-31। Hindi satire । । ...

15/11/2023

अब बेताल ने सवाल किया, हे राजन, मेरे एक सवाल का उत्तर दे, राजा ने आखिर जनता से 50 दिन का समय क्यों मांगा। विक्रम को खामोश देख बेताल ने कहा, राजन, जल्दी बोल वरना तेरे सिर के टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा। विक्रम ने जवाब दिया, राजा जानता था, 50 दिन में जनता सब भूल जाएगी। उस दिन के बाद से राजा ने नोट बंदी की बात करना बंद कर दी, वो अपने चुनावी भाषणों में भी राम मंदिर की बात करता रहा, और खुद को दी गई गालियां गिनाता रहा।

चुनाव से याद आया प्रभु, मामा को लेकर बड़ा तरस आ रहा है, लगता है, आपने उन्हें दिल से माफ नहीं किया है। जैसे प्रभु राम सीत...
10/10/2023

चुनाव से याद आया प्रभु, मामा को लेकर बड़ा तरस आ रहा है, लगता है, आपने उन्हें दिल से माफ नहीं किया है। जैसे प्रभु राम सीता के विरह में लता और पातों से सीता का पता पूछते घूम रहे थे, उसी तरह मामा कुर्सी के विरह में गली गली घूमकर जनता से पूछ रहे हैं, चुनाव लड़ूं या नहीं, जबकि पूछना आपसे चाहिए था। प्रभु, ये मामा जनता को आपके खिलाफ बगावत के लिए उकसा रहे हैं।


पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire "ठर्रा ठाकुर का" | Episode-24। Hindi satire । । ...

प्रभु, उस दिन आपने भोपाल में बोलते हुए अपनी गारंटी पूरी करने की गारंटी की बात कही, तब से मंडल कमेटी वाले काफी परेशान हैं...
05/10/2023

प्रभु, उस दिन आपने भोपाल में बोलते हुए अपनी गारंटी पूरी करने की गारंटी की बात कही, तब से मंडल कमेटी वाले काफी परेशान हैं। भन्नो सेठ और लच्छो सेठ का कहना था, मकान - शौचालय तक तो ठीक है, कहीं काला बाजारी और काले धन पर दी गारंटी पूरी करने की गारंटी दे दी, तो धंधा ही बंद हो जाएगा। ठाकुर अजगर सिंह की चिंता है, कहीं राम राज की गारंटी के चक्कर में शराब बंदी न हो जाए, फिर गुजरात की तरह अवैध शराब बेचनी पड़ेगी, उसमें पकड़े जाने का डर रहता है।

पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire "गारंटी की गारंटी" | Episode-23। Hindi satire । । ...

लोकतंत्र में जनता जनार्दन है, तो मांग इस तरह पूरी करना है, कि लाठी भी न टूटे और अपनी जय-जयकार भी हो जाए। राजा को एक नया ...
28/09/2023

लोकतंत्र में जनता जनार्दन है, तो मांग इस तरह पूरी करना है, कि लाठी भी न टूटे और अपनी जय-जयकार भी हो जाए। राजा को एक नया तरीका सूझा, उसने गधों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया। हरी घास पर सहमति बन गई, उसके बाद तय हुआ, कि हर गधे के आगे लकड़ी में बांधकर हरी घास लटका दी जाएगी, वो उसे खा उस वक्त तक नहीं पाएगा, जब तक लकड़ी उसके पास तक नहीं पहुंच जाए। गधे खुश, उनकी मांग मानी गई, घास की आस में वो अधिक मेहनत करने लगा, कुम्हार और धोबी भी खुश, हल्द लगी न फिटकरी, काम हो गया चोखा। सब राजा की जय-जयकार करने लगे। राजा की इस योजना का नाम दिया गया, लाल कृष्ण अडवानी हाथ तो आया, मुंह न लगा योजना।’

पाती परिधान मंत्री के नाम.. Political Satire "हाथ तो आया, मुंह न लगा" | Episode-22। Hindi satire 's ...

03/09/2023

प्रभु, ये आपने युवाओं को कविता लिखने की सलाह क्या दी, मंडल कमेटी का हर कार्यकर्ता कवि बना घूम रहा है। राधेलाल पंडित जी लगता है, छायाकाल पढ़ आए हैं, वे भुखमरी और बेरोजगारी में भी सौंदर्य खोजने लगे हैं। लोगों को समझा रहे थे, सब मति भ्रम है, जिसे आप समस्या मानते हैं, असल में वह आपके जीवन का सौंदर्य है, जिसका आनंद लेना चाहिए। आदमी शरीर की भूख को भूलकर प्रभु की भक्ति की भूख का अहसास करेगा, तो उसका परलोक सुधर जाएगा। उस दिन कल्लू कसाई का एक पट्ठा भीमा कश्यप भी नोटबंदी पर कविता लिख लाया, बड़ी मुश्किल से उसे वहां से भगाया।

28/08/2023

वैसे लच्छो सेठ कह रहे थे, हम लोग जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वहीं धर्म का रास्ता है। उनके लिए सड़क बनाने के लिए मुरम की रॉयल्टी चुराना ही धर्म का रास्ता है, और ठाकुर अजगर सिंह के लिए नकली शराब बेचना। मंडल अध्यक्ष सरदार जंडैल सिंह का कहना है, धर्म का रास्ता कुछ अलग है, जो राम नवमी के जुलूस में मस्जिदों से निकलता है।

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