Vedic Parampara

Vedic Parampara Spiritual service provider Radhey Radhey �

जगन्नाथारथयात्रायाः शुभाशयाः।Celebrating the divine journey of Lord Jagannath, Balabhadra, and Subhadra from the sacred ...
26/06/2025

जगन्नाथारथयात्रायाः शुभाशयाः।

Celebrating the divine journey of Lord Jagannath, Balabhadra, and Subhadra from the sacred Jagannath Temple to Gundicha Temple in Puri. A vibrant symbol of devotion, unity, and tradition, Rath Yatra reminds us that the Lord steps out to bless all — beyond boundaries and beliefs. May this spiritual procession bring joy, peace, and blessings to all! 🚩🛕✨

Source: श्रीजगन्नाथाष्टकम् ७
-----------------------
रथं स्पृष्ट्वा प्रेम्णा विरलरथयात्रासुरभितम्।
जगन्नाथं नत्वा चरमचिरसौख्यं भवतु मे॥
-----------------------
rathaṃ spṛṣṭvā premṇā viralarathayātrāsurabhitam।
jagannāthaṃ natvā caramacirasaukhyaṃ bhavatu me॥
-----------------------
May I attain ultimate and eternal happiness by worshipping Lord Jagannatha and lovingly touching the fragrant divine chariot.
-----------------------
मैं भगवान जगन्नाथ की पूजा करके और सुगंधित दिव्य रथ का प्रेमपूर्वक स्पर्श करके परम और शाश्वत सुख प्राप्त करूं।
-----------------------

🚩 **रथ यात्रा विशेष** 🚩**‼️ भगवान जगन्नाथ की कथा ‼️**---**🔱 भगवान जगन्नाथ कौन हैं?**भगवान **जगन्नाथ** (अर्थात् *जगत के न...
26/06/2025

🚩 **रथ यात्रा विशेष** 🚩
**‼️ भगवान जगन्नाथ की कथा ‼️**

---

**🔱 भगवान जगन्नाथ कौन हैं?**
भगवान **जगन्नाथ** (अर्थात् *जगत के नाथ*) ओडिशा के पुरी नगर में स्थित एक प्रमुख और विशिष्ट रूप वाले देवता हैं, जिन्हें **भगवान विष्णु** अथवा **कृष्ण** का रूप माना जाता है। उनके साथ उनके बड़े भाई **बलभद्र** और बहन **सुभद्रा** की भी पूजा होती है।

# # # 📜 **भगवान जगन्नाथ की उत्पत्ति कथा:**

एक प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार:

* राजा **इंद्रद्युम्न**, भगवान विष्णु के परम भक्त थे। उन्होंने स्वप्न में एक दिव्य वृक्ष का दर्शन किया जिसमें स्वयं विष्णु विराजमान थे।
* उन्होंने उस **नीम के वृक्ष (दर्भा दारु)** को खोज निकाला, जिसे *दारु ब्रह्म* कहा गया।
* उस वृक्ष की लकड़ी से भगवान विष्णु की प्रतिमा बनवाने का निर्णय लिया।

# # # 🪵 **प्रतिमा निर्माण की रहस्यमयी कथा:**

* प्रतिमा निर्माण के लिए भगवान विष्णु ने **विश्वकर्मा** को भेजा, जो एक वृद्ध बढ़ई के रूप में प्रकट हुए।
* उन्होंने शर्त रखी कि निर्माण कार्य के दौरान कोई उन्हें न देखे और न परेशान करे।
* कई दिनों तक कोई आवाज़ नहीं आने पर राजा ने उत्सुकतावश दरवाज़ा खोल दिया।
* तभी विश्वकर्मा अंतर्धान हो गए और प्रतिमाएं **अधूरी अवस्था** में रह गईं – बिना हाथ-पैर के।

🕉️ परंतु तभी आकाशवाणी हुई कि यह रूप ही भगवान का साक्षात दिव्य स्वरूप है — **अलौकिक और आत्मस्वरूप**।

# # # 🛕 **पुरी मंदिर और रथ यात्रा:**

* पुरी का **श्रीमंदिर** भगवान जगन्नाथ का निवास है। यह चार धामों में से एक है।
* हर वर्ष **रथ यात्रा** में तीनों देवताओं को विशाल रथों पर सवार कर गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है।

# # # 🌟 **जगन्नाथ रूप की विशेषताएं:**

* बिना आंखों के पूरी दृष्टि – *ईश्वर सब कुछ देखते हैं, फिर भी भेद नहीं करते।*
* अधूरे अंग – *दिव्यता का संकेत: ईश्वर को किसी रूप या अंग की ज़रूरत नहीं।*
* मूर्ति लकड़ी की – *प्रकृति और आत्मा का प्रतीक।*

# # # 🙏 **आध्यात्मिक संदेश:**

भगवान जगन्नाथ का रूप यह बताता है कि **ईश्वर रूप से परे हैं**, वे हर किसी में समाए हुए हैं – बिना भेदभाव, बिना सीमा। रथ यात्रा दर्शाती है कि ईश्वर स्वयं भक्तों के पास आते हैं, उनके प्रेम को स्वीकार करते

Jai jagannath 🙏🙏
26/06/2025

Jai jagannath 🙏🙏

संकट कटै मिटै सब पीरा।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥🙏🙏🙏
24/06/2025

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥🙏🙏🙏

Good Morning Everyone जय महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी 🙏🏼
23/06/2025

Good Morning Everyone
जय महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी 🙏🏼

जय जगन्नाथ जी❤️❤️🙏🙏
22/06/2025

जय जगन्नाथ जी❤️❤️🙏🙏

💖  #योगिनी_एकादशी के अवसर पर, वृन्दावन के तीनो ठाकुर जी के दर्शन 22.06.2025 💖हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे...
22/06/2025

💖 #योगिनी_एकादशी के अवसर पर, वृन्दावन के तीनो ठाकुर जी के दर्शन 22.06.2025 💖

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे❤️❤️

Jai jagannath ❤️❤️
22/06/2025

Jai jagannath ❤️❤️

**योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha in Hindi)****तिथि:** योगिनी एकादशी हर साल *आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष*...
22/06/2025

**योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha in Hindi)**

**तिथि:** योगिनी एकादशी हर साल *आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष* की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।
यह व्रत *सभी पापों का नाश* करने वाला माना गया है और विशेष रूप से रोगों से मुक्ति, स्वास्थ्य लाभ और मोक्ष प्राप्ति के लिए फलदायी है।

---

# # # 🌿 **योगिनी एकादशी व्रत कथा**

प्राचीन काल की बात है, अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नामक देवता राज्य करते थे। वे भगवान शिव के परम भक्त थे और प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा किया करते थे। उनकी पूजा की जिम्मेदारी *हेममाली* नामक एक गंधर्व को दी गई थी। वह प्रतिदिन मानसरोवर से फूल लाकर कुबेर को पूजा के लिए दिया करता था।

एक दिन हेममाली अपनी सुंदर पत्नी विशालाक्षी के प्रेम में इतना डूब गया कि वह पूजा का समय भूल गया और फूल लेकर कुबेर के पास नहीं पहुँचा। कुबेर को बहुत क्रोध आया। उन्होंने हेममाली को बुलवाया और कहा:

> "तूने मेरी सेवा में लापरवाही की है। मैं तुझे श्राप देता हूँ कि तू पवित्र गंधर्व योनि से गिरकर मर्त्य लोक में चला जाए और वहां कोढ़ रोग से पीड़ित होकर जीवन यापन करे।"

हेममाली तुरंत ही धरती पर आ गया और जंगलों में कोढ़ी के रूप में कष्ट उठाने लगा। वह बहुत दुखी और कष्टमय जीवन जी रहा था।

एक दिन वह *मुनि मार्कंडेय* के आश्रम में पहुँचा। मुनि ने उसकी दयनीय स्थिति देखकर पूछा कि वह कौन है और क्यों इतने कष्ट में है। हेममाली ने अपनी पूरी कहानी मुनि को सुनाई।

मुनि मार्कंडेय ने करुणा दिखाते हुए कहा:

> “हे गंधर्व, तूने अपराध तो किया है, लेकिन पश्चाताप भी कर रहा है। अब तू *आषाढ़ कृष्ण एकादशी* का व्रत कर और भगवंत श्रीहरि विष्णु की आराधना कर, इससे तुझे अपने पापों से मुक्ति मिल जाएगी और रोग भी समाप्त हो जाएगा।”

हेममाली ने श्रद्धा से व्रत किया। योगिनी एकादशी के प्रभाव से उसका कोढ़ रोग समाप्त हो गया और वह फिर से स्वर्ग लोक में लौट गया।

---

# # # 🌼 **व्रत करने की विधि:**

1. व्रती को दशमी की रात से ही ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सात्विक आहार लेना चाहिए।
2. एकादशी के दिन सुबह स्नान कर भगवान विष्णु की प्रतिमा को पीले वस्त्र पहनाकर पूजा करें।
3. तुलसी, पंचामृत, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
4. पूरे दिन उपवास करें – केवल फलाहार या निर्जल व्रत रखें।
5. रात्रि में भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
6. द्वादशी के दिन व्रत समाप्त कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें, फिर स्वयं भोजन करें।

---

# # # 🌟 **योगिनी एकादशी व्रत का महत्त्व:**

* इस एकादशी का व्रत करने से *84 लाख योनियों से मुक्ति* मिलती है।
* *भूत-प्रेत बाधा*, *रोग* और *पापों* से छुटकारा मिलता है।
* यह व्रत *कुबेर के सेवक* को कोढ़ जैसे कष्ट से मुक्त कर सकता है, तो सामान्य जन के लिए इसका फल अकल्पनीय है।

🙏आप सभी को आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी/ जून महीने के तीसरे शुभ शनिवार सुबह,अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस एवम योगिनी एकादशी व्रत क...
21/06/2025

🙏आप सभी को आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी/ जून महीने के तीसरे शुभ शनिवार सुबह,अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस एवम योगिनी एकादशी व्रत की हार्दिक शुभकामनाएँ। 🙏🌹
🌹🌷🥀🌹🥀🌷🌹🌷🥀🌹🌷🌹
🌹☘️ जय शनिदेव जी☘️🌹
💥💥💥💥💥💥💥💥💥
🥀न्याय के रक्षक और
🥀भक्तों के पालक श्री
🥀शनि महराज की मंगल
🥀शीतल छाया सभी जन पर बनी रहे।
🥀यही कामना करता हूँ।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

राधे राधे❤️❤️❤️
21/06/2025

राधे राधे❤️❤️❤️

ॐज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के लिए बीमार होकर एकांतवास में चले जाते हैं। इसे अनासरा या ज्वर लीला कहा...
20/06/2025

ॐज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के लिए बीमार होकर एकांतवास में चले जाते हैं। इसे अनासरा या ज्वर लीला कहा जाता है। इस दौरान मंदिर के पट बंद रहते हैं और केवल दायित्वगण ही भगवान की सेवा में रहते हैं।

यह परंपरा भगवान जगन्नाथ के भक्त माधव दास से जुड़ी है। एक बार माधव दास बहुत बीमार थे और भगवान जगन्नाथ ने स्वयं उनकी सेवा कर रहें थे यह बात भक्त माधव दास समझ गए उनकी सेवा प्रभु हीं कर रहें हैं फिर भक्त माधव दास ने प्रभु से कहा आप मेरी सेवा कर रहें हैं यह ठीक नहीं हैं आप तो भगवान हैं मुझे ठीक क्यूँ नहीं कर देते जो आप मेरे लिए कष्ट सह रहें हैं भगवान ने कहा कि तुम्हारे भाग्य में 15 दिन की बीमारी और बची है 15 दिन में ठीक हो जाओगे लेकिन माधव दास ठीक करने की हठ करने लगे प्रभु ने बहुत समझाया लेकिन माधव दास नहीं माने तब प्रभु ने माधव दास को तो ठीक कर दिए लेकीन अपने भक्त की बीमारी को अपने ऊपर ले लिए क्यूंकि कर्म के फल में परमात्मा भी हस्तक्षेप नहीं करते यहीं विधि का विधान हैं ।

तभी से, हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के लिए बीमार होकर एकांतवास में चले जाते हैं अपने प्रिय भक्त की पीड़ा को अपने ऊपर ले लेते हैं फिर रथ यात्रा से पहले स्वस्थ होकर भक्तों के दर्शन के लिए निकलते हैं।

भगवान जगन्नाथ 26 जून को पूर्ण स्वस्थ होकर रथ यात्रा के दौरान अपने प्रिय भक्तों को दर्शन देंगे 👏
ॐ जय जगन्नाथ प्रभु 👏🙌🙌🚩🚩🚩
ॐ नमःशिवाय 👏🙌🙌🚩🚩🚩

Address

Noida
201301

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Vedic Parampara posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Vedic Parampara:

Share