31/08/2025
जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज, देवबंद में यूनानी चिकित्सा पर सेमिनार, जीवनशैली रोग प्रबंधन पर फोकस।
NCISM और QCI के निर्देशानुसार फैकल्टी डेवलपमेंट पहल, शिक्षण-मानकों में सुधार पर जोर।
आयुष (यूनानी) निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर जमाल अख्तर और जामिया हमदर्द के डॉक्टर वसी अख्तर सहित विशेषज्ञों की सहभागिता।
सहारनपुर के देवबंद में जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज ने यूनानी चिकित्सा पद्धति पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण सेमिनार आयोजित किया, जिसमें जीवनशैली जनित रोगों के प्रबंधन पर खास चर्चा हुई। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग और क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षण-मानकों को और बेहतर बनाने के उपाय भी साझा किए गए। कार्यक्रम में आयुष के वरिष्ठ विशेषज्ञों और जामिया हमदर्द के अकादमिकों ने भाग लिया।
देवबंद स्थित जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में “लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स का प्रबंधन: यूनानी मेडिसिन के जरिए” विषय पर सेमिनार और फैकल्टी डेवलपमेंट सत्र आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य यूनानी शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापरक सुधार करना और छात्रों को आधुनिक चुनौतियों के अनुरूप प्रशिक्षण देना रहा।
कार्यक्रम में आयुष (यूनानी सेवाएं) के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर जमाल अख्तर ने कहा कि छात्रों में अध्ययन-रुचि और सीखने की क्षमता बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम ज़रूरी हैं। जामिया हमदर्द, नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर वसी अख्तर ने फैकल्टी स्किल्स और टीचिंग मेथडोलॉजी में सुधार को छात्र-हित में निर्णायक बताया।
कॉलेज डायरेक्टर डॉक्टर अनवर सईद के अनुसार, वक्ताओं ने यूनानी पद्धति को सहज और वैज्ञानिक तौर पर समझाया, जिससे विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिला। समापन पर अतिथियों को स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया गया, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर इकरा हाशमी ने किया।
सेमिनार में प्रोफेसर. निकहत सज्जाद, डॉक्टर मोहम्मद फसीह सिद्दीकी,डॉक्टर शाईस्ता परवीन, डॉक्टर रिहाना अली, डॉक्टर रिफत अली, डॉक्टर नवेद अख्तर और डॉक्टर मोहम्मद फुरकान सहित संकाय और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे। संस्था ने इसे यूनानी चिकित्सा के शैक्षणिक और सामुदायिक दोनों आयामों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बताया।